दिल्ली के चर्चित निर्भया बलात्कार कांड में नाबालिग़ दोषी की रिहाई के बाद इंडिया गेट पर प्रदर्शन कर रहे निर्भया के माता-पिता को पुलिस ने वहां से हटा दिया है.
इन दोनों के साथ लगभग 150-200 लोग भी इंडिया गेट पर मौजूद थे. इनमें ज़्यादातर लोग राजनीतिक दलों के समर्थक थे. पुलिस ने उन सभी को वहां से हटा दिया.
पुलिस ने कहा कि इंडिया गेट के आस-पास धारा 144 लागू है और इस कारण यहां किसी को भी प्रदर्शन करने की इजाज़त नहीं दी जा सकतती है.
इस दौरान दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी भी की गई.
इससे पहले निर्भया के माता-पिता रविवार शाम चार बजे से इंडिया गेट पर प्रदर्शन करना चाह रहे थे लेकिन पुलिस ने उन्हें इसकी इजाज़त नहीं दी.
इसके बाद उन्होंने प्रदर्शन करने का इरादा टाल दिया.
मौक़े पर मौजूद बीबीसी संवाददाता विनीत खरे ने बताया कि निर्भया के माता-पिता आशा देवी और बद्रीनाथ सिंह इंडिया गेट जाना चाहते थे पर पुलिस ने सुरक्षा कारणों से ऐसा करने से मना कर दिया.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि संसद सत्र के कारण इंडिया गेट के आसपास धारा-144 लागू है इसलिए वो वहां प्रदर्शन नहीं कर सकते. पुलिसकर्मी उनकी गाड़ी के आगे आकर खड़े हो गए.
इस पर निराश आशा देवी ने कहा था कि उनके साथ “नाइंसाफ़ी हो रही है” और एक तरफ़ जहां उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने से रोका जा रहा है तो दूसरी ओर सरकार एक अपराधी को जेल से रिहा कर रही है.
उन्होंने कहा, “मेरे आगे-पीछे पुलिस लगा दी गई है और मैं आगे नहीं बढ़ पा रही हैं. मैं चाहती हूं कि समाज में लड़कियों को इतनी सुरक्षा दी जाए कि उनके साथ ऐसी घटनाएं न हों.”
इस बीच दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्वीट किया कि उन्होंने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड को पत्र लिखकर कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सोमवार को सुनवाई होनी है इसलिए दिल्ली गैंगरेप मामले में दोषी नाबालिग़ को न छोड़ा जाए.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)