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क्या बात है : ऑनलाइन ट्यूशन देकर बच्चों की मदद

2010 में गूगल ने एकेडमी को बीस लाख डॉलर दान दिये ट्यूशन मुहैया कराने वाले सलमान खान वाकई असल जिंदगी के सुपरस्टार हैं. अमेरिका के कैलिफोर्निया का रहने वाला यह शख्स, पिछले एक दशक से करोड़ों बच्चों को पारंपरिक क्लासरूम शिक्षा से अलग ऑनलाइन ट्यूशन देकर मदद कर रहा है. शिकोह अलबदर क्या आप गणित […]

2010 में गूगल ने एकेडमी को बीस लाख डॉलर दान दिये
ट्यूशन मुहैया कराने वाले सलमान खान वाकई असल जिंदगी के सुपरस्टार हैं. अमेरिका के कैलिफोर्निया का रहने वाला यह शख्स, पिछले एक दशक से करोड़ों बच्चों को पारंपरिक क्लासरूम शिक्षा से अलग ऑनलाइन ट्यूशन देकर मदद कर रहा है.
शिकोह अलबदर
क्या आप गणित के अभ्यासों को समझने में परेशानी महसूस कर रहे हैं, या भौतिकी और रसायन विज्ञान जैसे विषयों के विभिन्न अभ्यासों को आसानी से समझाने के लिए आपको एक अदद शिक्षक की जरूरत महसूस हो रही है.
इतिहास और भूगोल के चैप्टरों को समझना चाहते हों या कंप्यूटर और अर्थशास्त्र के नियमों को. खान एकेडमी की वेबसाइट पर जाकर आप ऐसे विषयों पर उपलब्ध ऑनलाइन टयूटोरियल की मदद ले सकते हैं. विद्यार्थियों के लिए बिना किसी फीस के ऑनलाइन ट्यूशन मुहैया कराने वाले सलमान खान वाकई असल जिंदगी के सुपरस्टार हैं. अमेरिका के कैलिफोर्निया का रहने वाला यह शख्स पिछले एक दशक से करोड़ों बच्चों को पांरपरिक क्लासरूम शिक्षा से अलग ऑनलाइन ट्यूशन देकर मदद कर रहा है.
अमेरिका के न्यू ओरलियंस के शहर ल्यूसियाना में जन्मे सलमान के पिता डॉ फखरूल अमीन खान बांग्लादेश के बारीसल के थे और उनकी मां मासुदा खान कोलकाता की थीं. अमेरिका के मैसेच्यूसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से सलमान ने तीन विषयों गणित, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और कंप्यूटर विज्ञान में डिग्री प्राप्त की. हार्वड विश्वविद्यालय से एमबीए की पढ़ाई करने के बाद वे वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली कंपनी में बतौर एनालिस्ट काम करने लगे. साल 2003 में एक मौका ऐसा आया जब उनकी एक चचेरी बहन को गणित के अभ्यासों को समझने के लिए ट्यूशन की जरूरत पड़ी.
तब सलमान ने इंटरनेट के याहू डूडल नोटपैड की सहायता से गणित के अभ्यासों को हल करते हुए बहन को ऑनलाइन ट्यूशन दिया और गणित के विभिन्न अभ्यासों पर विस्तार से जानकारी दी. इस दौरान उनके कई रिश्तेदारों और दोस्तों को भी उनके इस काम का पता चला. उन्होंने भी सलमान से इसी अपने बच्चों को इसी तरह ट्यूशन देने की गुजारिश की. सलमान ने पाया कि गणित और भौतिकी जैसे विषयों पर ट्यूशन पाने की आवश्यकता वाले छात्रों की एक बड़ी संख्या थी. वे ऐसे बच्चों की मदद के लिए एक आसान राह की खोज करने लगे.
साल 2004 में उन्होंने यू-ट्यूब के माध्यम से गणित के अभ्यासों को हल करने के कुछ वीडियो पोस्ट किये. ये वीडियो छात्रों में काफी लोकप्रिय हुए.
इस तरह उन्होंने कुछ समय बाद दो हजार से से भी अधिक ट्यूटोरियल वीडियो पेास्ट किये, जिन्हें विश्व में प्रतिदिन एक लाख बार प्रतिदिन देखा गया. उनके ट्यूशन देने के वीडियो अपलोड को काफी सराहा गया और सलमान के इस काम की लोगों ने हौसला अफजाई की.
इन सबसे से प्रेरित होकर उन्होंने एनालिस्ट की नौकरी छोड़ दी और खान एकेडमी के नाम से ऑनलाइन ट्यूशन देने वाली संस्था की नींव रखी और यू-ट्यूब के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन ट्यूशन देने में अपना पूरा ध्यान और समय लगाया. उनके कामों से प्रभावित होकर वर्ष 2010 में गूगल ने एकेडमी को बीस लाख डॉलर दान दिये, ताकि ऐसे कई और पाठ्यक्रम तैयार किये जा सके. साथ ही इन पाठ्यक्रमों और अभ्यासों को विश्व में बोली जाने वाली दूसरी भाषाओं में अनुवाद भी किया जा सके.
शुरुआती दौर में खान एकेडमी द्वारा गणित पढ़ाये जाने का वीडियो ही अपलोड किया जाता था. लेकिन छात्र-छात्राओं की जरूरतों को देखते हुए अब वेबसाइट पर दूसरे विषयों जैसे इतिहास, मेडिसिन, रसायन विज्ञान, जीवविज्ञान, भौतिकी, अर्थशास्त्र, कंप्यूटर विज्ञान के ट्यूटोरियल भी मौजूद हैं.
एकेडमी के वेबसाइट पर उपलब्ध अध्ययन सामग्री को तेईस से अधिक भाषाओं में अनुवाद किया गया है. तीन करोड़ से भी अधिक विद्यार्थी ऑनलाइन ट्यूशन पोर्टल पर निबंधित हैं. वेबसाइट पर अब तक 58 करोड़ अभ्यास का हल उपलब्ध कराये जबकि चालीस लाख अभ्यास विद्यार्थियों को प्रैक्टिस करने के लिए उपलब्ध कराये गये हैं . खान एकेडमी से ऑनलाइन ट्यूशन मदद पाने वाले सत्तर प्रतिशत विद्यार्थी अमेरिकी हैं. अन्य विद्यार्थी भारत, ब्राजील, मैकिस्को, दक्षिण अफ्रीका और दूसरे देशों से हैं. एकेडमी से दस लाख शिक्षक जुड़े हुए हैं. ये शिक्षक अपनी कक्षा में इस संस्था पर उपलब्ध शिक्षण सामग्री की सहायता से बच्चों में विषयों की समझ बढ़ाते हैं. एक समय ऐसा भी था जब सलमान को इस कार्य के लिए आलोचनाओं का शिकार भी होना पड़ा , क्योंकि उन्हें अध्ययापन और शिक्षण कार्यों में किसी प्रकारी की डिग्री या प्रशिक्षण नहीं प्राप्त था.
लेकिन इन आलोचनाओं को दरकिनार रखते हुए वे अपने काम में लगे रहे. आज उनके इस कार्य को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति मिल रही है.
आज खान एकेडमी कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ साझेदारी में काम कर रही है. इनमें द बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन, द स्कॉल फाउंडेशन और अब टाटा ट्रस्ट का नाम भी जुड़ चुका है. हाल में टाटा ट्रस्ट ने खान एकेडमी के साथ नि:शुल्क ऑनलाइन ट्यूशन देने के लिए करार किया है.
अब यह संस्था भारतीय छात्रों को ऑनलाइन ट्यूशन मुहैया करायेगा. ट्यूशन हिंदी और इंगलिश दोनों भाषाओं में उपलब्ध होंगे. भविष्य में खान एकेडमी की योजना क्षेत्रीय भाषाओं में भी विभिन्न विषयों के ट्यूशन ऑनलाइन उपलब्ध कराने की है. इस पार्टनरशिप के तहत भारतीय शिक्षकों की नियुक्ति भी की जायेगी. इन सबके अलावा खान एकेडमी को नासा, द म्यूजियम ऑफ मॉर्डन ऑर्ट, द कैलिफोर्निया एकेडमी ऑफ साइंसेज तथा एमआइटी से भी अध्ययन सामग्री की मदद मिलती है.

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