दक्षा वैदकर
बिजनेस या आम जीवन में होनेवाले तमाम बुरे अनुभव आपके सामने दो विकल्प पेश करते हैं- या तो आप इनसे टूट कर बिखर जाएं या इनमें छिपे सबक लेकर ज्यादा मजबूती के साथ आगे बढ़ें. तो अगर आपके साथ भी बिजनेस में कुछ मुश्किल परिस्थितियां पेश आ रही हैं और आपको सब नकारात्मक ही नजर आ रहा है, तो एक बार यह अप्रोच अपना कर देखें. शायद आपको इससे कुछ सीख लेते हुए उबरने का मौका मिल जाये.
नाराज कस्टमर्स : यदि एक के बाद एक कस्टमर आपके सामने शिकायत लेकर आ रहा है, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि आपकी कंपनी बंद होने की कगार पर आ गयी है. इसका अर्थ है कि आपको बिजनेस में सुधार लाने की जरूरत है. आप अपने प्रोडक्ट, सर्विस, कर्मचारियों के काम के तरीके आदि रिव्यू करें और पता लगाएं कि क्यों कस्टमर नाराज हो रहे हैं.
नेगेटिव प्रचार : आपके प्रोडक्ट के बारे में शिकायत ऑनलाइन डाले जाने पर निराश न हों. इसे अपना पक्ष स्पष्ट करने का एवं कंपनी की छवि में सुधार का अवसर मानें. आप ऑनलाइन ही उस कस्टमर से सारी जानकारी लें.
अगर उसने फेसबुक पर कंपनी के पेज के वॉल पर लिख कर शिकायत की है, तो वॉल पर ही उसका समाधान भी करें. बिना बहस किये सामनेवाले को विश्वास दिलाएं कि उनकी शिकायत दूर होगी. इसे दूर कर के भी दिखाएं. अगर आप जवाब ही नहीं देते या बार-बार अपना बचाव करते हैं, तो उस चैट को पढ़नेवाले सभी लोगों पर गलत इम्प्रेशन पड़ता है. इसलिए शिकायत का समाधान करें. भाषा में विनम्रता रखें.
सिस्टम क्रैशिंग : यदि बिजनेस के रिकॉर्ड रखनेवाला कंप्यूटर क्रैश हो गया था, तो उदास न हों. सबक लेते हुए अपने रिकॉर्ड्स को किसी अन्य जगह पर भी सेव करके रखें. कई लोग ऐसे भी हैं, जो महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स को जल्दबाजी या आलस में यूं ही कहीं रख देते हैं.
यह सोच कर कि बाद में फाइल में संभाल कर रख लेंगे और जिस दिन उन डॉक्यूमेंट्स की जरूरत होती है, वे मिलते नहीं. ऐसा न हो, इसके लिए हर चीज को व्यवस्थित रखें. daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– जब भी बिजनेस में कुछ बुरा हो, घाटा हो, तो सिर पकड़ कर न बैठें. इसे सकारात्मक रूप में लें. गलतियों से सबक लें और आगे बढ़ें.
– इनसान गलतियां करता है और उससे सीख ले कर आगे बढ़ता है. गलतियां होने पर सतर्क हो जाएं. कोशिश करें वे गलती न दोहराएं.