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बगल में पंचायत भवन और दिखाया 100 किमी का चक्कर!

वार्ड पार्षदों का अजब-गजब खेल रविशंकर उपाध्याय पटना : पैसा पाने के लिए क्या-क्या खेल नहीं होते हैं? पटना जिले के जनप्रतिनिधियों को भी जब मासिक भत्ता मिलने में सीधे-सीधे देर हुई, तो फिर क्या था, उन्होंने बैठक के लिए 100 किमी तक का सफर तय कर लिया. यह इस वजह से किया गया, ताकि […]

वार्ड पार्षदों का अजब-गजब खेल

रविशंकर उपाध्याय

पटना : पैसा पाने के लिए क्या-क्या खेल नहीं होते हैं? पटना जिले के जनप्रतिनिधियों को भी जब मासिक भत्ता मिलने में सीधे-सीधे देर हुई, तो फिर क्या था, उन्होंने बैठक के लिए 100 किमी तक का सफर तय कर लिया. यह इस वजह से किया गया, ताकि उन्हें कम-से-कम यात्रा भत्ता ही मिल जाये. जबकि, कायदे से हरेक पंचायत में बने पंचायत भवन में ही बैठक करना होता है.

इस बात पर आपको भले ही विश्वास नहीं हो, लेकिन पटना जिले की कई पंचायतों में यही गोरखधंधा हुआ है. जनप्रतिनिधियों ने पंचायत सचिव और बीडीओ को अपनी ओर मिला कर बिल तो फारवर्ड करा लिया, लेकिन जब यह गलती डीडीसी अमरेंद्र कुमार के संज्ञान में आया, तो उन्होंने इस पर तुरंत रोक लगा दी है. अब पूरे मामले की जांच होगी और उसके बाद ही भुगतान किया जायेगा.

खास बातें

मासिक भत्ता

प्रमुख : 3000 रुपये

मुखिया : 1200 रुपये

सरपंच : 600 रुपये

यात्रा भत्ता

वार्ड पार्षद : 10 रु/ किमी

अन्य भत्ता

इसके अलावा जनप्रतिनिधियों को मीटिंग भत्ता में प्रति बैठक 200 रुपये दिये जाते हैं

.. और बना दिया बैठकों का रिकाॅर्ड

अब जितनी ज्यादा बैठकें होंगी, उतनी ही ज्यादा दूरी होगी. इसके लिए हर पंचायत में बैठक-पर-बैठक हो रही हैं. पंचायतों में आमसभा के लिए भले आम लोग तरसते रहते हैं, लेकिन बैठकों की संख्या आप जानेंगे तो हैरत में पड़ेंगे. उलार पंचायत में एक साल के दरम्यान 52 बैठकें हो गयी हैं. ज्यादातर जनप्रतिनिधियों ने अपने बिल में 20 से 22 बैठकें दिखायी है. यह एक बड़ी गड़बड़ी की ओर संकेत कर रहा है.

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