।।दक्षा वैदकर।।
मुझे मेल व फेसबुक के जरिये बड़ी संख्या में युवा एक ही सवाल पूछे रहे हैं. सवाल कुछ इस तरह के हैं, ‘हमारा प्यार हमें छोड़ कर चला गया, उसने मुङो धोखा दे दिया, उसकी शादी कहीं और हो गयी, उसने किसी दुसरे का हाथ थाम लिया, अब मैं जी कर क्या करूं, मुङो अकेलापन लग रहा है, मैं मर जाना चाहता हूं, मेरा पढ़ाई में, काम में मन नहीं लग रहा.आदि.
दोस्तों, मान लो कि आपने पूरी जिंदगी मेहनत कर 10 लाख रुपये बचाये और उसे एक बड़े प्रोजेक्ट में लगा दिया. वह प्रोजेक्ट फेल हो गया. आपकी सारी जमा पूंजी डूब गयी. आपको कैसा लगेगा? जाहिर सी बात है आपको बुरा लगेगा. आप टूट जायेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि आपने सारी जमा पूंजी एक ही प्रोजेक्ट में लगा दी. संबंधों में भी हम यही करते हैं. जब हम किसी से प्यार करते हैं, तो अपनी खुशियों की 100 प्रतिशत निर्भरता उस इनसान पर छोड़ देते हैं. हम अपने दोस्तों, परिवार वालों को कम समय देने लगते हैं, शौक छोड़ देते हैं, काम से जी चुराने लगते हैं. हम सारी चीजों से कट जाते हैं और अपना पूरा वक्त उस संबंध को दे देते हैं. ऐसे में जब वह रिश्ता टूटता है, तो वह आपको पूरी तरह तोड़ देता है. मैं यह नहीं कह रही कि अपने रिश्ते को महत्वपूर्ण न समङों. आपको ‘सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण’ व ‘एकमात्र यही महत्वपूर्ण’ में अंतर समझना होगा.
आपको अपने प्यार के साथ ही अन्य चीजों पर बराबर ध्यान देते रहना चाहिए. आप परिवार, दोस्तों को भी वक्त दें. करियर पर भी फोकस करें. उस इनसान के बिना भी खुद के लिए समय निकालें. पुस्तकें पढ़े, गाने सुनें, दोस्तों के साथ घूमें. साथ ही सामनेवाले को भी इतना स्पेस दें कि वह अपने परिवार, दोस्त, करियर व शौक को समय दे सके. दिनभर उसे फोन लगा-लगा कर, मैसेज कर, फेसबुक के जरिये खुद से जोड़ कर रखने की कोशिश न करें. इससे रिश्ते में बोरियत भी आ जायेगी. जब आप ऐसा करेंगे, तो आप अपने रिश्ते को भी आजादी देंगे और वह अधिक मजबूत हो जायेगा. साथ ही यदि कभी रिश्ता टूट गया, तो आपके पास जीने की और भी वजहें होंगी.
बात पते की..
-रिश्तों को ज्यादा मजबूती से पकड़ कर न रखें. उन्हें सांस लेने दें और खुद भी खुली हवा में सांस लें. ऐसा करने से आप कभी टूट कर बिखरेंगे नहीं.
-किसी भी एक चीज को बहुत महत्वपूर्ण न बना लें. जिंदगी में हर चीज व रिश्ते को समान महत्व दें. ताकि एक टूटे, तो दूसरा उसे संभाल ले.