-सीमा सहयोग पर होगा ऐतिहासिक करार-
।।बीजिंग से हरिवंश।।
प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह अपनी विदेश यात्रा के अंतिम पड़ाव के तहत मंगलवार की देर शाम बीजिंग पहुंचे, जहां उनकी भव्य अगवानी की गयी. प्रधानमंत्री बुधवार को अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से मुलाकात करेंगे. इसके बाद भारत-चीन सीमा रक्षा सहयोग संधि (बीडीसीए) पर दस्तखत होने की संभावना है. इस साल लद्दाख की देपसांग घाटी में बनी सैन्य टकराव जैसी स्थितियों से बचने के लिहाज इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है. हालांकि, उदार वीजा प्रणाली की योजना पर करार मुश्किल है.
बीडीसीए : विश्वास बहाली का आधार
दोनों देशों के बीच जिन करारों पर दस्तखत होने की उम्मीद है, उसमें बीडीसीए महत्वपूर्ण है. इसे परस्पर विश्वास बहाली का एक प्रमुख उपाय माना जाता है. सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव की स्थितियों से बचने के लिए इसे मंजूरी दे चुका है.बीडीसीए में दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच भारत और पाकिस्तान की तर्ज पर एक हॉट लाइन स्थापित करने का भी प्रस्ताव है.
उदार वीजा प्रणाली अधर में : उदार वीजा प्रणाली की योजना पर दस्तखत होने की संभावना नहीं है. दरअसल हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के दो भारतीय तीरंदाजों को नत्थी किया हुआ वीजा दिया था. इसके बाद मामले ने तुल पकड़ लिया था.
पांच माह में दूसरी मुलाकात
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अपने चीनी समकक्ष ली क्विंग से पांच महीने के अंदर यह दूसरी मुलाकात है. इससे पहले मई में चीनी प्रधानमंत्री भारत यात्रापर आये थे. बुधवार को प्रधानमंत्री के सम्मान में जहां चीनी प्रधानमंत्री ली दोपहर में भोज का आयोजन करेंगे, वहीं राष्ट्रपति शी जिनपिंग रात्रिभोज का.
सीइओ की बैठक व संबोधन
सीइओ की बैठक में रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी समूह के प्रमुख अनिल अंबानी के नेतृत्व में देश के शीर्ष 10 उद्योगपतियों के अलावा चीनी उद्योगपति भी शामिल होंगे. यात्रा के अंतिम दिन 24 अक्तूबर को प्रधानमंत्री सेंट्रल स्कूल ऑफ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना में भविष्य के नेताओं को संबोधित करेंगे. इस बीच प्रधानमंत्री ने भारत में चीन के निवेश का स्वागत किया है.
इन मुद्दों पर बात/ समझौता संभव
-सैन्य टकराव से बचने को सीमा सहयोग
-ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध का मसला
-पीओके में चीनी परियोजनाएं
-चीनी औद्योगिक पार्क के गठन
-भारत-चीन-म्यांमार-बांग्लादेश कॉरिडोर
‘‘मैं चीन आकर बहुत खुश हूं. चीन हमारा निकटतम पड़ोसी है. हम दोनों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्ते हैं. हमारे पास विचार-विमर्श के लिए बहुत से ऐसे मुद्दे हैं. मैं चीनी नेतृत्व के साथ बातचीत में दोनों देशों के बीच आपसी संबंध और सहयोग और आगे बढ़ाने के लिए आशान्वित हूं.
मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री