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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पीएम पर किया वार, भाजपा ने बुजुर्गों को कोल्ड स्टोर में डाला

औरंगाबाद (नगर). मैं आपके दरबार में अपनी हाजिरी दर्ज कराने आया हूं. इस निवेदन व विनती के साथ कि आप अपना कीमती वोट देकर महागंठबंधन के प्रत्याशी राजेश कुमार को विजयी बनाइयेगा. ये बातें कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के बभंडी खेल मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहीं. उन्होंने कहा […]

औरंगाबाद (नगर). मैं आपके दरबार में अपनी हाजिरी दर्ज कराने आया हूं. इस निवेदन व विनती के साथ कि आप अपना कीमती वोट देकर महागंठबंधन के प्रत्याशी राजेश कुमार को विजयी बनाइयेगा. ये बातें कुटुंबा विधानसभा क्षेत्र के बभंडी खेल मैदान में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहीं. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में एक तरफ हमलोगों का महागंठबंधन है.

जिसमें तीन पार्टियां है कांग्रेस, राजद और जदयू, तीनों पार्टियों में आपसी विश्वास व एकता है. यही कारण है कि तीनों दलों में आपस विचार करके पहले सीट का बंटवारा किया और फिर एक ही दिन तीनों पार्टियों ने मिल कर उम्मीदवारों की सूची जारी की. महागंठबंधन चट्टानी एकता के साथ खड़ा है.

यह भी तय कर दिया महागंठबंधन ने कि चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा. दूसरी तरफ भाजपा के नेतृत्व में गंठबंधन है. जिसमें आपस में मेल नहीं है. पासवान जी व मांझी जी के बीच वाक युद्ध चलता रहा. यह किसी से छुपा हुआ नहीं है. बीजेपी का हाल इतना बुरा है कि उनके पार्टी के आरा के सांसद ने आरोप लगाया कि अपराधियों को टिकट दिया गया है. भाजपा व जनसंघ के संस्थापक रहे स्व कैलाशपति मिश्र जब जीवित थे तो उनकी बहू को टिकट दिया और जब दुनिया से चल बसे, तो उनकी बहू का टिकट काट दिया. चंद्रमोहन राय बीजेपी के बहुत नामी चेहरा है. लेकिन उनको भी टिकट नहीं दिया और किनारा कर दिया.

बिहारी बाबू पर सभी लोग का नाज है. उच्च कोटि के कलाकार हैं. पहले जब पटना में जनसंघ व भाजपा की मीटिंग होती थी तो उन्हें बुलाया जाता था. बिहारी बाबू को भी किनारे कर दिया. भाजपा वाले नारा लगाते थे भाजपा के तीन धरोहर अटल, आडवाणी व मुरली मनोहर. नरेंद्र मोदी ने आडवाणी जी को कहां पहुंचा दिया. आडवाणी के साथ भाजपा व जनसंघ के बड़े नेताओं को कोल्ड स्टोर में डाल कर छोड़ दिया. वहीं हाल मुरली मनोहर जोशी के साथ किया. दुहाई देते हैं भारतीय संस्कृति का और जितने बुजुर्ग व बड़े नेता हैं उन्हें किनारे कर दिया. भाजपा में नये अवतार में है इसीलिए तो गंठबंधन टूटा. आज बीजेपी के जो भी नेता आते हैं उनकी क्या हालत है. कितना नेता जुटा हुआ है. सरकार के मंत्री रोज घुम रहे हैं. दूसरे जगह से नेता कार्यकर्ता बिहार में फैले हुए हैं. ऐसा लगता है कि इनके पास न तो कोई नेता है और नहीं कार्यकर्ता. यह नहीं कह पा रहे हैं कि मुख्यमंत्री कौन होंगे. प्रधानमंत्री जी बिहार में आकर हमें अहंकारी करते हैं. हम बिहारी हैं अहंकारी नहीं हैं,बल्कि स्वाभिमानी है.

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