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बेटे-बेटी-बीवियों के लिए परेशान हैं नेता!

रवींद्र सिंह मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के आठ जिलों की 71 सीटों में लगभग 42 सीटें ऐसी हैं, जिन पर नेता अपने बेटा, बेटी या पत्नी को टिकट दिलवाना चाहते हैं. इनमें पूर्व मंत्री, सांसद व विधायक सब शामिल हैं. दरभंगा : सांसद कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद को बेनीपुर से टिकट दिलाने की […]

रवींद्र सिंह
मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के आठ जिलों की 71 सीटों में लगभग 42 सीटें ऐसी हैं, जिन पर नेता अपने बेटा, बेटी या पत्नी को टिकट दिलवाना चाहते हैं. इनमें पूर्व मंत्री, सांसद व विधायक सब शामिल हैं.
दरभंगा : सांसद कीर्ति आजाद की पत्नी पूनम आजाद को बेनीपुर से टिकट दिलाने की तैयारी चल रही है. यहां विधायक ऋषि मिश्र ललित नरायण मिश्र के पोते हैं. उनके पिता विजय मिश्र भी यहां से विधायक रह चुके हैं.
वह इस बार भी चुनाव लड़ेंगे. पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के बेटे मोहम्मद फराज फातमी पिछली बार हारे थे. इस बार फिर मैदान में उतरने की तैयारी में हैं. पूर्व मंत्री कपिल अहमद कैफी के बेटे शहनवाज कैफी भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पूर्व मंत्री स्वर्गीय महावीर प्रसाद यादव के बेटे रतन यादव भाजपा से गौरा बौराम सीट से दावेदारी जता रहे हैं. मधुबनी के सांसद हुकुमदेव नरायण यादव के पुत्र अशोक यादव केवटी से निवर्तमान विधायक हैं.
बेतिया : चनपटिया से विधायक व मंत्री रह चुके चंद्रमोहन राय अपने पुत्र जन्मेजय को इसी सीट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं. वाल्मीकि नगर से भाजपा सांसद सतीश चंद्र दूबे अपने भाई प्रदीप दूबे को भी टिकट दिलाने की कोशिश कर रहे हैं. इनकी नजर भी चनपटिया सीट पर है. 1952 में विधायक बने प्रजापति मिश्र की पौत्र वधू पूजा मिश्र चनपटिया सीट से दावेदार हैं. नरकटियागंज से विधायक रह चुके सिहेंश्वर वर्मा व उमेश प्रसाद वर्मा की पुत्र वधू रश्मि वर्मा 2014 के उपचुनाव में विधायक बनीं. इस बार भी भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं.
मधुबनी : कांग्रेस नेता कुमुद रंजन झा की पत्नी विनीता झा मधुबनी से कांग्रेस की दावेदार हैं. कांग्रेस के ही चर्चित नेता स्वर्गीय युगेश्वर झा की पुत्री भावना झा बेनीपट्टी से चुनाव लड़ चुकी हैं.
इस बार भी दावेदार हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव के भाई देवनाथ यादव की विधायक पत्नी गुलजार देवी फुलपरास से इस बार भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. पूर्व मंत्री हरी साह के पुत्र सतीश साह लौकहा से जदयू के विधायक हैं और इस बार भी दावेदार हैं. पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र के पुत्र नीतीश मिश्र के झंझारपुर से निवर्तमान विधायक हैं. प्रदेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. इस बार वह हम के साथ हैं.
मोतिहारी : पिपरा से विधायक व मंत्री अवधेश कुशवाहा अपने पुत्र कृष्ण अजरुन कुशवाहा को इस बार खुद के बदले चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं. पूर्व सांसद सीताराम सिंह के पुत्र राणा रणधीर सिंह मधुबन से विधायक रह चुके हैं.
लोकसभा चुनाव के दौरान राजद से टिकट नहीं मिला, तो भाजपा में शामिल हो गये थे. अब विधानसभा में भाजपा के टिकट के दावेदारों में शामिल हैं. गोविंदगंज से विधायक रह चुके बाहुबली राजन तिवारी के भाई राजू तिवारी लोजपा से चुनाव लड़ना चाहते हैं. ढाका सीट से विधायक रह चुके मोतीउर्रहमान के पुत्र फैसल रहमान 2010 में चुनाव लड़े थे. इस बार भी फिर लड़ने की तैयारी में हैं. गोंिवदगंज से विधायक रहे चुके बाहुबली देवेंद्र दूबे की हत्या के बाद उनके भाई भूपेंद्र दूबे विधायक बने थे. भूपेंद्र दूबे की मौत के बाद उनकी पत्नी मीना द्विवेदी निवर्तमान विधायक हैं. इस बार भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं.
शिवहर : शिवहर की सांसद रमा देवी अपनी बेटी रागिणी कुप्ता को आदापुर सीट से उम्मीदवार बनवाना चाहती हैं. शिवहर के चर्चित परिवार से आने वाले ठाकुर गिरिजा नंदन सिंह के पुत्र प्रभाकर सिंह सांसद का चुनाव जीते थे. उनके पुत्र ठाकुर रत्नाकर राणा ने 1998 में रघुनाथ झा को हराया था. इस बार भाजपा से दावेदार है. पूर्व मंत्री रघुनाथ झा के पुत्र अजीत कुमार झा 2005 में राजद से विधायक बने थे. इस बार भी चुनाव मैदान में उतरने को तैयार हैं.
पूर्व सांसद अनवारुल हक के पुत्र मोहम्मद आजम राजद के टिकट पर रुन्नीसैदपुर से चुनाव लड़ चुके है. भतीजा मोहम्मद असद कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हैं. टिकट के दावेदार हैं. शिवहर से विधायक रह चुके सत्यनरायण प्रसाद के पुत्र संजय कुमार गुप्ता राजद से विधायक थे. 2005 में बेलसड़ से चुनाव जीते और इस बार भी राजद से दावेदार हैं.
सीतामढ़ी : सीतामढ़ी से विधायक रहे चुके मो. बच्चा खां के पुत्र शाहीद अली खान मंत्री भी रह चुके हैं. और सूरसंड से निवर्तमान विधायक हैं. इस बार हम पार्टी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. सीतामढ़ी सीट से विधायक रह चुके हरिशंकर प्रसाद के पुत्र सुनील कुमार पिंटू जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं.
मंत्री भी रहे हैं. इस बार भी भाजपा की ओर से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. पूर्व सांसद सीताराम यादव के पुत्र दिलीप यादव विधान पार्षद रह चुके हैं. दूसरे पुत्र कृष्ण कुमार यादव की पत्नी उषा किरण जिला परिषद की अध्यक्ष थी. वह बाटपट्टी या पुपरी से राजद के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती हैं.
समस्तीपुर : कल्याणपुर से विधायक रह चुके स्वर्गीय राम सेवक हाजारी के पुत्र महेश्वर हाजारी वारिश नगर से विधायक व समस्तीपुर से सांसद रह चुके हैं. इस बार कल्याणपुर से चुनाव की तैयारी में हैं.
इनके भाई कामेश्वर हाजारी की पत्नी मंजू हाजारी रोसड़ा से भाजपा की निवर्तमान विधायक हैं. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के भाई सांसद रामचंद्र पासवान के पुत्र प्रिंस पासवान कल्याणपुर से लोजपा का टिकट चाहते हैं. विधान पार्षद राणा गंगेश्वर सिंह के पुत्र राणा संजीव सिंह मोहद्दीनगर से जदयू के टिकट दावेदारों में शामिल हैं.
मुजफ्फरपुर : मुजफ्फरपुर सांसद अजय निषाद अपनी पत्नी रमा निषाद को कुढ़नी से भाजपा से चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं. अजय निषाद को अपने पिता कैप्टन जय नारायण निषाद से विरासत में सीट मिली है. बरूराज से राजद के निवर्तमान विधायक ब्रजकिशोर सिंह भाजपा में शामिल हो चुके हैं.
कहा जा रहा है कि ब्रजकिशोर सिंह अपने बेटे अरुण कुमार सिंह को चुनाव लड़ाना चाह रहे हैं. मीनापुर से जदयू विधायक व पूर्व मंत्री दिनेश कुशवाहा भाजपा में शामिल होकर अपने पुत्र अजय कुशवाहा को चुनाव में उतारने की तैयारी में हैं. औराई से विधायक रह चुके पांडव राय के पुत्र गणोश प्रसाद यादव लगातार 1977 से 2005 तक विधायक व मंत्री भी थे.
उनके बेटे अंजनी कुमार यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भाग्य आजमा चुके हैं. इस बार भी पिता पुत्र में से दोनों कोई हम पार्टी से टिकट लेने के प्रयास में हैं. विधायक रहे चुके महेश्वर प्रसाद यादव के पुत्र प्रभात किरण को गायघाट से चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है.

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