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मुसीबत को भी अवसर में बदल सकते हैं आप

कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही अमित को एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम मिल गया था. उसका पैकेज भी कॉलेज में सबसे ज्यादा था. इस बात से अमित के साथ-साथ उसके माता-पिता भी बेहद खुश थे. उसके माता-पिता ने अपना पूरा जीवन गरीबी में बिताया था, यह सपना संजोते हुए कि एक दिन अमित सफल […]

कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही अमित को एक प्रतिष्ठित कंपनी में काम मिल गया था. उसका पैकेज भी कॉलेज में सबसे ज्यादा था. इस बात से अमित के साथ-साथ उसके माता-पिता भी बेहद खुश थे. उसके माता-पिता ने अपना पूरा जीवन गरीबी में बिताया था, यह सपना संजोते हुए कि एक दिन अमित सफल आइटी प्रोफेशनल बनेगा. उन्होंने अपनी सारी सुख-सुविधाएं और बचत का त्याग किया, ताकि वे महीने के अंत में अपने इकलौते बेटे को यह सब भेज सकें.
अब वे उसकी फाइनल इयर की परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, जिसके बाद वह अपनी पहली पोस्टिंग मिलने पर उन्हें अपने साथ बेंगलुुरु ले जायेगा, लेकिन ईश्वर ने उसके लिए कुछ और ही सोच रखा था. फाइनल परीक्षा के कुछ दिनों पहले उसका एक्सीडेंट हो गया और उसकी टांगों और पसलियों में कई फैक्चर हो गये और वह तीन महीने के लिए बिस्तर पर आ गया. वह परीक्षा नहीं दे सका और कंपनी ज्वॉइन नहीं कर सका. कुछ ही मिनटों में उसके सारे सपने बिखर गये.
अब अमित को परीक्षा देने के लिए दो महीने का इंतजार करना पड़ा, लेकिन उसने उम्मीद नहीं छोड़ी और इस समय का उपयोग दो नये विषयों को पढ़ने में किया, जिन्हें वह कॉलेज के दिनों में समय की कमी के चलते नहीं पढ़ सका था. उसने अपने मूल विषयों के साथ इन दो अतिरिक्त विषयों की परीक्षा देना तय किया.
कभी-कभी वह निरुत्साहित और कुंठित हो जाता कि उसके साथ ही ऐसा क्यों हुआ, लेकिन उसने अपने आपको किसी तरह पॉजीटिव रखा और इन विषयों का ज्ञान बढ़ाने में अपना ध्यान लगाये रखा. अंत में विशेष परीक्षा के साथ ही वह दो अतिरिक्त विषयों में भी उत्तीर्ण रहा. आज वही कंपनी फिर से उसे रखने को तैयार थी, दोगुने वेतन के साथ और यह भी विकल्प दिया गया कि वह अपने मनपसंद प्रोजेक्ट पर काम कर सकता है. अब उसे अपनी पहली परीक्षा न दे पाने का मलाल नहीं रहा.
उसने यह सबक भी सीखा कि भले ही चीजें आपकी योग्यता के अनुसार नहीं चलती हों, लेकिन धीरज और विश्वास रखना जरूरी है. जब तक कि जीवन के वास्तविक लक्ष्य तक पहुंच नहीं जाएं.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
– मुश्किल घड़ी में संभलने की आपकी योग्यता आपको भविष्य की मुश्किलों के लिए तैयार करती है. इसलिए घबराएं नहीं, उपाय खोजें.
– सबक यह है कि 10 में से 9 चीजें आपके हिसाब से नहीं चलतीं. लेकिन उम्मीद नहीं छोड़ें और धीरे-धीरे दृढ़ता से आगे बढ़ते जाएं.

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