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उम्र ने साथ क्या छोड़ा, अपने भी होने लगे पराये
पटना : उम्र ने साथ छोड़ा, तो अपने भी पराये हो गये. यह हाल है राजधानी की महिलाओं का, जो अपने उम्र के प्रौढ़ावास्था की दहलीज पर कदम रखते ही परिवार से प्रताड़ित हो रही हैं. कभी पति से, तो कभी बेटे-बहूआें से. इतनी असहनीय पीड़ा, तब बरदाश्त के बाहर हो जाती है, जब इन्हें […]
पटना : उम्र ने साथ छोड़ा, तो अपने भी पराये हो गये. यह हाल है राजधानी की महिलाओं का, जो अपने उम्र के प्रौढ़ावास्था की दहलीज पर कदम रखते ही परिवार से प्रताड़ित हो रही हैं. कभी पति से, तो कभी बेटे-बहूआें से. इतनी असहनीय पीड़ा, तब बरदाश्त के बाहर हो जाती है, जब इन्हें दो वक्त के भोजन के लिए भी घर के लोगों से मार खानी पड़ती है.
ऐसी स्थिति में वे महिला हेल्पलाइन और महिला आयोग का सहारा ले रही हैं. हाल के दिनों में 45 की उम्र पार कर चुकी महिलाओं के बीच हिंसा के मामलों में वृद्धि हुई है. महिला हेल्पलाइन में प्रतिमाह आठ से 10 मामले 45 से 80 वर्ष की महिलाओं द्वारा दर्ज कराये जा रहे हैं.
सबसे अधिक होती हैं प्रताड़ित
ये तो कुछ उदाहरण है. ऐसी कई बुजुर्ग महिलाएं हैं, जो किसी न किसी रूप में प्रताड़ित हो रही हैं. महिला हेल्पलाइन की मानें, तो हेल्पलाइन में दर्ज होनेवाले मामलों में दूसरे नंबर पर बुजुर्ग महिलाअों के प्रताड़ना का हैं. महिला हेल्पलाइन में वर्ष 2014 में 518 मामले दर्ज किये गये. इनमें घरेलू हिंसा के 377 मामले दर्ज किये गये. इनमें से 177 मामले बुजुर्ग महिलाओं की रहीं. वहीं दहेज उत्पीड़न के 104, दूसरी शादी के 14,सपंत्ति विवाद के 5 व अन्य 17 मामले दर्ज किये गये. घरेलू हिंसा के अलावा अन्य मामलों में भी बुजुर्ग महिलाओं द्वारा मामले दर्ज किये गये हैं. इससे 518 मामले में लगभग 300 मामले बुजुर्ग महिलाओं द्वारा दर्ज किये गये हैं.
केस वन
पीलीगंज निवासी निर्मला (परिवर्तित नाम) की उम्र 50 वर्ष है. उनकी चार बेटियां हैं. दो की शादी हो चुकी हैं. दो पढ़ाई कर रही हैं. पति भी बुजुर्ग हैं. इससे सारी जिम्मेवारी निर्मला को अकेले उठानी पड़ रही है. निर्मला को अकेला देख उसके देवर अब उनकी प्राॅपटी पर जबरन कब्जा कर बैठे हैं. इससे अब उनके सिर पर छत का साया भी नहीं है. जब उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठायी, तो उनके साथ मारपीट तक की गयी. इसकी शिकायत महिला हेल्पलाइन में की गयी है.
केस टू
छपरा निवासी रेखा (परिवर्तित नाम) उम्र के 45 वें पड़ाव पर हैं. आराम करने की उम्र में वे महिला आयोग का चक्कर काट रही हैं. रेखा के घर में सब कुछ है. दो बेटे और बहुएं भी, पर वह बहुओं को एक नजर नहीं भाती. यहां तक पति भी बहुओं के साथ मिल कर रेखा के साथ मारपीट करते रहते हैं. इससे वे परेशान हैं.
केस थ्री
बिहटा निवासी चंदा (परिवर्तित नाम) की उम्र 60 वर्ष है. इस उम्र में उन्हें कई तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. पति के दूसरी शादी करने के बाद बेटे-बहू भी उनसे किनारा कर चुके हैं. इससे उन्हें कई दिनों तक भूखे रात गुजारनी पड़ती है. कई बार जब वे इसकी शिकायत बेटे से करती भी है, तो उसके साथ मारपीट तक की जाती है. उन्होंने महिला हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज करायी है.
बुजुर्ग महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार हो रही हैं. इस तरह की शिकायतों की संख्या में प्रतिमाह वृद्धि हो रही हैं. कई बार बेटे-बहूओं को बुला कर काउंसेलिंग करने पर महिलाओं को न्याय मिल जाता है, तो कई बार कानून तक का सहारा लेना पड़ रहा है.
प्रमीला कुमारी, परियोजना प्रबंधक, महिला हेल्पलाइन
बुजुर्ग महिलाओं के लिए बिहार सरकार ने भरण पोषण कानून बनाया है. इसके लिए एसडीओ स्तर पर जिला कमेटी बनायी गयी है. इसके अलावा घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत महिलाएं कोट में केस कर सकती है. उनके मामले में त्वरित कार्रवाई की जाती है.
संजू सिंह, अधिवक्ता
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