मुंबई बम धमाकों के दोषी याक़ूब मेमन की फाँसी और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल क़लाम की आखिरी यात्रा के बीच सलमान ख़ान के चर्चित हिट एंड रन मामले को मीडिया में ख़ास जगह नहीं मिली.
लेकिन कल सलमान ख़ान के इस केस की सुनवाई मुंबई हाई कोर्ट में हुई.
सलमान ख़ान तो कोर्ट नहीं पहुंचे लेकिन इस बीच कोर्ट में सलमान के वकीलों की दलील और उनके नए तर्क सामने आए.
मीडिया पर रोक
सलमान की ओर से पैरवी कर रहे अमित देसाई ने अदालत में मीडिया की भूमिका पर सवाल उठाए.
सलमान की ओर से दायर की गई दलील के मुताबिक,"मीडिया सलमान की एक छवि बनाने की कोशिश कर रहा है और एक तरह से इस केस में मीडिया ट्रायल चल रहा है."
इस बात से सहमित जताते हुए जस्टिस एआर जोशी ने मीडिया को हिदायत दी है कि वो सिर्फ़ अदालती कार्यवाई की ही रिपोर्टिंग करें न कि कोई स्टेटमेंट जारी करें.
इसके साथ ही सलमान के वक़ीलों के अनुरोध पर मीडिया के लिए इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में वीडियो या फ़ोटो खींचे जाने पर भी रोक लगाई गई है.
नए सवाल
इस मामले की सुनवाई में अब हाई कोर्ट निचली अदालत के फ़ैसले पर सुनवाई कर रहा है.
कानूनी तौर तरीकों से यह मामला अब बेहद तकनीकी हो गया है लेकिन आम भाषा में सलमान की ओर से ज़ोर दिया गया है कि घटना के दिन उनकी गाड़ी, उनका ड्राइवर चला रहा था और साथ ही सलमान की ओर से ये दलील भी दी गई है कि निचली अदालत यह साबित नहीं कर पाई थी की सलमान ने घटना के दिन एल्कोहल लिया था.
बीबीसी ने इस मामले में और जानकारी के लिए बात की मुंबई हाई कोर्ट के वक़ील अश्विन दुग्गल से.
उन्होंने बताया, "सलमान ने काफ़ी सारे क़ानूनी मुद्दे उठाए हैं खुद पर लगे आरोपों के खिलाफ और अब अदालत यह तय करेगी की क्या सलमान के मुद्दे उनकी बात सुनने के लिए काफ़ी है या नही है. लेकिन किसी भी हालत में सलमान की बेल पर कोई असर नही पड़ेगा , उनकी बेल तब तक लागू है जब तक मामले की सुनवाई होकर अदालत अपना फ़ैसला नहीं सुना देती."
तो फ़िलहाल ख़बर इतनी है कि जब तक इस मामले में हाई कोर्ट कोई फ़ैसला नहीं लेती है सलमान बेल पर बाहर ही रहेंगे.
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