– शिक्षा पर केंद्र सरकार के हमले के विरोध में वामपंथी पार्टियों का 21 को बिहार बंद – उच्च शिक्षा को पूंजीपतियों को बेचने की तैयारी कर रही है केंद्र सरकार संवाददाता,भागलपुर शिक्षा पर केंद्र व राज्य सरकार के हमले के खिलाफ वामपंथी पार्टियों के 21 जुलाई के बिहार बंद को आइसा ने समर्थन करने का फैसला किया है. आइसा के पदाधिकारियों ने यह निर्णय शिक्षा पर केंद्र सरकार के बढ़ते हमले के विरोध में रविवार को आंबेडकर छात्रावास में आइसा छात्र कन्वेंशन में लिया. बिहार बंद को सफल बनाने के लिए आइसा के छात्र विश्वविद्यालय को बंद करायेंगे. उच्च शिक्षा पर पूंजीपतियों का कब्जा कन्वेंशन को संबोधित करते हुए इनकलाबी नौजवान सभा के राज्य उपाध्यक्ष डॉ मुकेश कुमार ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने शिक्षा पर हमला बोल दिया है. मोदी सरकार भी यूपीए सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए उच्च शिक्षा को मुनाफाखोर वैश्विक पूंजी को बेचने की तैयारी कर रही है. केंद्र सरकार इतिहास विषय का भगवाकरण कर रही है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने उच्च शिक्षा के बजट में आठ प्रतिशत की कटौती कर दी है. वहीं दूसरी ओर जाति प्रथा को जायज ठहराने वाले आरएसएस के इतिहास विद् वाई सुदर्शन राव को इतिहास अनुसंधान परिषद का चेयरमैन बनाया है. आइसा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रिंकी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नीतीश अपने 10 साल के शासनकाल में विश्वविद्यालय के रिक्त पदों पर शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं कर सके. मौके पर प्रवीण, राजेश, सन्नी, विकास, अजय, संजीव, कुंदन, मनीष, बैजनाथ, नागेश्वर रजक, पवन, रंजीत, वीरेंद्र, राहुल, अमर, राजीव, संतोष सहित दर्जनों लोग मौजूद थे.
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बिहार बंद का समर्थन करेगी आइसा
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