रांची: झारखंड की अनामिका रॉय, ज्योति गुप्ता और अर्पिता अन्ना बारला ने राज्य में इंजीनियर बनने की चुनौती स्वीकारी है. तीनों का चयन पथ निर्माण विभाग के सहायक अभियंता के रूप में हुआ है. इनका चयन जेपीएससी से हुआ है. हाल ही में मुख्यमंत्री के हाथों इन तीनों लड़कियों को नियुक्ति पत्र भी दिया गया है. कुल 60 इंजीनियरों का चयन हुआ था. इसमें से तीन लड़कियां हैं. अब इनलोगों का प्रशिक्षण होगा. इसके बाद इन्हें पदस्थापित किया जायेगा.
क्या है चुनौती : राज्य का माहौल इंजीनियरों के लिए चुनौती भरा है. इंजीनियरों की पोस्टिंग कहीं भी हो सकती है. राज्य के आधे से ज्यादा जिले उग्रवाद प्रभावित हैं. इन जिलों में काम करना इंजीनियरों के लिए किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. उन्हें कार्य स्थल पर जाना पड़ता है, जो सघन उग्रवाद क्षेत्र होता है. इंजीनियरिंग सेवा की बात आते ही भ्रष्टाचार का मामला उठता है. ठेकेदारों व इंजीनियरों के बीच गंठजोड़ की बातें सामने आती है. ऐसी स्थिति में इनके समक्ष इसकी भी चुनौती है कि वे भ्रष्टाचार के बीच सफलतापूर्वक काम करें.
गिनी-चुनी महिलाएं ही हैं इंजीनियर : राज्य के पथ निर्माण विभाग में गिनी-चुनी महिलाएं ही इंजीनियर हैं. सूत्रों ने बताया कि राज्य भर में पांच या छह ही महिला इंजीनियर कार्यरत हैं, पर इन तीन नयी लड़कियों के आने से इस क्षेत्र में और महिला इंजीनियरों के आने का रास्ता खुल गया है. आमतौर पर निजी कंपनियों में नौकरी करने को महिलाएं प्राथमिकता देती हैं.