महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों के विरुद्ध आवाज बुलंद करने की मुहिम के तहत फेसबुक एक बड़े प्लेटफॉर्म के तौर पर उभरा है. महिलाओं को इसका लाभ यह हुआ है कि उनके सपोर्ट में दुनिया के कोने-कोने से लोग उठ खड़े हुए हैं.
फेसबुक पर हर किसी को अभिव्यक्ति का हक है. कोई भी अपनी राय इस प्लेटफॉर्म पर डाल सकता है. देर से ही सही, महिलाओं को अपनी आवाज ज्यादा-से-ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का सटीक माध्यम मिल गया है. गत 16 दिसंबर को दिल्ली में निर्भया के साथ जो हुआ, उसके बाद देश में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसने महिलाओं को पुरुषों के खिलाफ आवाज उठाने को मजबूर कर दिया है.
सिर्फ दुष्कर्म ही नहीं, बल्कि छेड़खानी, एसिड अटैक, भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा आदि के खिलाफ भी फेसबुक पर महिलाओं ने अपनी सुरक्षा के लिए जंग छेड़ रखी है. फेसबुक पर कई ऐसे पेज हैं, जो कम्यूनिटी और एनजीओ द्वारा बनाया गये हैं, ताकि महिलाओं के अधिकारों के प्रति लोग सजग और जागरूक हों और उनके साथ हिंसा के खिलाफ आवाज उठायें.
फेसबुक पर एक कम्युनिटी ने इव टीजिंग के खिलाफ एक कंफेशन पेज बनाया है, जिसकी सराहना हो रही है. लगभग 8 हजार से अधिक लोगों ने इसे लाइक किया है. रास्ते चलते महिलाओं के साथ हो रही इव टीजिंग के बारे में महिलाएं यहां लिख सकती हैं और लोगों को जागरूक कर सकती हैं. कई महिलाओं ने खुद के अनुभव भी शेयर किये हैं. दिल्ली की बसों में और रास्तों पर किस तरह से लड़के उन्हें छेड़ते और कमेंट करते हैं, उन्होंने बताया है. वैसे कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो लड़कियों को प्रोटेक्ट करने की कोशिश करते हैं. यहां कुछ ऐसे लड़कों ने भी कंफेस किया है, जिन्होंने इव टीजिंग जैसी गलती की और इस पर खुद को शर्मिदा बताया.
महिला के साथ हिंसा रोकने के लिए फेसबुक ज्यादा-से-ज्यादा वीडियो शेयर किये जा रहे हैं. इट्स माइ फॉल्ट, मैं एक बजाऊं क्या, बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री जैसे हजारों वीडियो रोज ही शेयर किये जा रहे हैं, जिससे लोगों के सामने पुरुषों का एक ऐसा चेहरा सामने आ रहा है, जो अब समाज में कतई स्वीकार नहीं किया जा सकता है. कल्की कोचिकन का हाल ही में एक वीडियो रिलीज हुआ है, जिसमें वे वीजे जूही के साथ हैं. दोनों ने ही वीडियो में यह बताने की कोशिश की है कि जब किसी लड़की के साथ बुरा होता है, तो समाज लड़कियों को ही दोष देता है.
लड़कियों के कपड़ों पर कमेंट करनेवाले लोगों के लिए यह वीडियो एक जोरदार तमाचा है. लड़कियों के साथ हो रही घटनाओं के लिए लड़कियां किस तरह जिम्मेदार हैं, इसका असल तथ्य इस वीडियो में है. फेसबुक महिलाओं के लिए अब एक अहम प्लेटफॉर्म है, जो उन्हें सशक्त होने में मदद करेगा. रोजाना लड़कियों को गली-चौराहे पर जो ङोलना पड़ता है, वह किसी न्यूज चैनल पर तो नहीं, लेकिन फेसबुक पर जरूर ही देखने को मिल जाता है.