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रोजा आज से, इन बातों का रखें ध्यान…
रमजान : मसजिदों में नमाज के लिए की गयी है तैयारी, बाजार में खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़ रमजान माह के पहले जुमे की नमाज अदा की जायेगी रांची : रमजान का महीना शुक्रवार से शुरू हो रहा है. 19 जून रमजान की पहली तारीख है. गुरुवार को तरावीह शुरू हो गयी. कई जगहों पर […]
रमजान : मसजिदों में नमाज के लिए की गयी है तैयारी, बाजार में खरीदारी के लिए उमड़ी भीड़
रमजान माह के पहले जुमे की नमाज अदा की जायेगी
रांची : रमजान का महीना शुक्रवार से शुरू हो रहा है. 19 जून रमजान की पहली तारीख है. गुरुवार को तरावीह शुरू हो गयी. कई जगहों पर सामूहिक रूप से तरावीह पढ़ी गयी. कई लोगों ने अपने-अपने घरों व कई ने मुहल्लों में तरावीह पढ़ी.
शुक्रवार को रमजान माह के पहले जुमे की नमाज अदा की जायेगी. मरकजी मसजिद डोरंडा बाजार में मौलाना तौफिक अहमद दिन के सवा एक बजे नमाज पढ़ायेंगे.
यह जानकारी सचिव अख्तर रिजवी ने दी. रमजान नगर कांटाटोली मसजिद में दिन के एक बजे जमात खड़ी होगी.यहां मुफ्ती सलमान कासमी नमाज पढ़ायेंगे. राजधानी के विभिन्न मसजिदों में जुमे की नमाज के लिए विशेष तैयारी की गयी है. दूसरे जुमे की नमाज 26, तीसरे तीन जुलाई , चौथे दस व पांचवें व अलविदा जुमे की नमाज 17 जुलाई को अदा की जायेगी. संभवत: 17 जुलाई को चांद रात और 18 को ईद उल फित्र मनायी जा सकती है.
रोजा में इन बातों का रखें ध्यान रखें
– रोजा में समय का विशेष ख्याल रखें
– मसजिदों में अजान होने से पहले पहुंच जायें
– अपने साथ जयनमाज लेकर जायें
– मोबाइल का स्वीच ऑफ कर लें या साइलेंट कर लें
– पूरे ध्यान के साथ नमाज पढ़ें
– बच्चों को लेकर जा रहे हैं, तो उसे शांत रहने को कहें
– नमाज के समाप्त होने के बाद इतमीनान से निकलें
– आस पड़ोस व मसजिद जाने वाले रास्ते को साफ रखें
– पांचों वक्त की नमाज समय के साथ पूरा करें
– फिजूल की बातें न करें और न बेवजह समय बरबाद करें
रमजान और सेहत
डॉ नसीम अख्तर
रमजान में रोजा रखना सभी सेहतमंद मुसलमानों की एक धार्मिक जिम्मेदारी है. इसलामिक कैलेंडर में चांद के अनुसार 354 दिन होता है और अंग्रेजी कैलेंडर में 365 दिन होता है. इसी कारण रमजान हर साल 10-11 दिन पहले आता है. जिससे रमजान हर मौसम में आता है.
रोजा रखने का समय 11 से 18 घंटे हो सकता है. स्वस्थ आदमी को रोजा रखने से उनके शरीर पर अच्छा प्रभाव होता है, लेकिन मधुमेह से ग्रस्त लोगों पर इसका दुष्प्रभाव भी संभव है. इसलिए सावधान रहने की आवश्यकता है.
रमजान के दिनों में रोजेदार प्रात: में जो खाना खाता है, उसे सेहरी कहते हैं. जब हम सेहरी करते हैं, तो लीवर ग्लूकोज को एकत्रित कर लेता है, जिसे ग्लाइकोण्जेनोलाइसिस (अर्थात ग्लाइकोजिन का ग्लूकोज में टूटना) कहते हैं. इस प्रक्रिया के तहत हमारे शरीर को 16 घंटे तक ग्लूकोज मिल सकता है.
हालांकि बीमार आदमी को इससे कम घंटे तक ग्लूकोज मिलता है.जब लीवर में ग्लाइकोजिन खत्म हो जाता है, तब दूसरी प्रक्रिया ग्लूकोन्यूजेनेसिस होने लगता है. इस प्रक्रिया की प्राथमिकता दिमाग और अन्य अंगों को सही मात्र में ग्लूकोज देना है, ताकि रक्त में ग्लूकोज की मात्र कम होने के दुष्प्रभाव से बचा जा सके . मधुमेह से पीड़ित व्यक्ति को रोजा रखने से पूर्व अपने चिकित्सक से परामर्श ले लेना बेहतर है.
(चिकित्सक वेदांता अब्दुररज्जाक अंसारी हास्पीटल से संबद्ध रांची)
रमजान की पवित्रता
मो समीउल्लाह खान असदकी
रमजान बेहद पवित्र महीना है. इसी महीने में पवित्र कुरआन को धरती पर उतारा गया. रमजान के रोजे हिजरत ( पैगंबर मोहम्मद (स) के मक्का से मदीना जाने की घटना) के दूसरे वर्ष अनिवार्य किये गये. कुरआन में वर्णित है-मैंने तुम पर रोजे अनिवार्य किये, ताकि तुम परहेजगार बन जाओ. इस महीने की अहमियत अन्य महीनों की तुलना में बहुत ज्यादा है.
रमजान का महीना शुरू होते ही मुसलिम समाज में एक नूरानी फिजां कायम हो जाती है. लोग खुद-ब-खुद बुराइयों से दूर हो जाते हैं और नेक काम में अपना समय लगाते हैं. अगर कोई व्यक्ति कोई गलत काम कर बैठे, तो फौरन दूसरा व्यक्ति उसे याद दिला देगा कि रमजान के दिन में तुम ये क्या गलत काम या बात कर रहे हो. तुम्हें रमजान की कोई परवाह नहीं है. यानी व्यक्ति दूसरे को भी गलत काम से रोकता दिखायी देता है.
सरकारे महीना (स) ने फरमाया कि जब रमजान का चांद निकलता है, तो अल्लाह अपने फरिश्ते जिब्राइल (अ) से कहता है-जन्नत की हूरों को जीनत (सजने-संवरने) का आदेश दो और आवाज लगा दो कि ऐ आसमान वालों और ऐ जमीन वालों सावधान हो जाओ, कि ये रमजान का महीना है. जो व्यक्ति रमजान का सम्मान करेगा, बख्शा जायेगा और शैतान को कैद करने का आदेश होगा, ताकि रोजेदार गुनाह करने से बचे. इस हदीस से इस बात का इशारा है कि हमें रमजान शरीफ की ताजीम करनी है और अधिक से अधिक सबाब कमाना है.
साथ ही स्वर्ग की हमेशा रहनेवाली नेमतें भी प्राप्त करनी है. हमें सावधान रहना है कि रमजान का अपमान न होने पाये. कभी-कभी रोजेदार व नमाजी भी रमजान शरीफ की बेहुरमती करके खुदा को नाराज कर आजाब में गिरफ्तार हो जाते हैं. जिन कामों से शरीयत ने हमें मना किया है, वैसे काम रमजान के पवित्र महीने में नहीं करना चाहिए.
रमजान माह सदभाव को मजबूत करे : रघुवर
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने रमजान के पाक मौके पर राज्य के सभी नागरिकों खासकर मुसलिम समुदाय के लोगों को मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने कहा कि रमजान का माह लोगों में उल्लास लाये तथा सदभाव के जज्बे को मजबूत करे. उन्होंने कहा कि यह पाक माह लोगों को आपसी भाईचारे एवं एकता का संदेश देता है.
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