तिरुवनंतपुरम :केरल के महिला संगठनों और राजनीतिक नेताओं ने कुछ मुसलिम संगठनों के अपने समुदाय की लड़कियोंे के विवाह की आयु 18 वर्ष से कम करने की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय जाने का पुरजोर विरोध किया है.
इन्होंने कहा कि यह कदम कुछ निहीत स्वार्थी तत्वों के महिलाओं की शिक्षा, सामाजिक उन्नति और आर्थिक आत्मनिर्भरता को खत्म कर उनकी स्वतंत्र को अवरुद्ध करने की सोची-समझी कोशिश है. नौ मुसलिम धार्मिक संगठनों ने पिछले सप्ताह कोझीकोड में बैठक की थी और कहा गया कि तय की गयी न्यूनतम आयु सीमा मुसलिम पर्सनल लॉ के खिलाफ है.