हिसार : राजस्थान के बाद अब हरियाणा सरकार शराब पीनेवाले सरकारी कर्मचारियों पर शिकंजा कसने जा रही है. हरियाणा जिला परिषद चेयरमैन एसोसिएशन के अध्यक्ष ने हरियाणा सरकार को जिला परिषदों की ओर से ऐसा प्रस्ताव भेजा है, जिसके अनुसार ऐसा कानून बनाया जाये कि शराब पीनेवाले सरकारी कर्मचारी की आधी तनख्वाह सीधे पत्नी के खाते में जमा हो जाये.गौरतलब है कि राजस्थान सरकार अपने प्रदेश में ऐसी योजना ला चुकी है. अब हरियाणा में भी इसी तर्ज पर कानून बनाये जाने की आवाज उठी है.
सराहनीय पहल
हरियाणा के जिला परिषद चेयरमैनों का प्रतिनिधित्व करनेवाले संगठन के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र सूरा के मुताबिक, राजस्थान सरकार की अनूठी व सकारात्मक पहल सराहनीय है और शराबबंदी का अच्छा विकल्प है. इस तरह की नीति प्रदेश में भी लागू होनी चाहिए. इस बारे में हिसार जिला परिषद की बैठक में प्रस्ताव लाया जायेगा और उसे पारित कर पूरे प्रदेश में लागू किये जाने की मांग प्रदेश सरकार से की जायेगी. इससे शराब की लत पर नियंत्रण लगेगा.
पत्नियों को मिलेगा सहयोग
डॉ राजेंद्र सूरा ने बताया कि शराब के कारण कई घरों के चूल्हे तक नहीं जलते. हम नहीं चाहते कि शराबी व्यक्ति के कारण इन घरों में कोई भूखा सोये इसलिए हिसार जिला परिषद चाहती है कि इन व्यक्तियों की पत्नियों को आर्थिक लाभ दी जाये, ताकि वे अच्छी तरह से अपना घर चला सकें .
एक नजर
इस समय हरियाणा को शराब ब्रिकी से हर रोज दस करोड़ 41 लाख रु पये का राजस्व मिलता है. हरियाणा सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में प्रदेश सरकार को इस मद से 3800 करोड़ रुपये की आय हुई. इससे पिछले वर्ष यह आय 3240 करोड़ रुपये थी. पिछले वर्ष की आय की बात करें, तो यह प्रतिदिन की दस करोड़, 41 लाख, नौ हजार 589 रुपये की आय बनती है.