अब 22 नवंबर से फिर होगी शादियों की धूम
7 जून से 16 जुलाई तक लग रहा मलमास
बिहारशरीफ : शादी की धूम अब मंद पड़ने लगी है. जून 2015 में 11 तक शादी का शुभ मुहूर्त है. 12 जून के बाद से शादी-ब्याह पर पूरी तरह ब्रेक लग जायेगा. इसके बाद चतरुमास लग रहा है.
चतरुमास के बाद 22 नवंबर से देवशयानी एकादशी के साथ ही फिर से शुभ मुहूर्त शुरू होंगे और 14 दिसंबर तक रहेगा. इसके बाद मकर संक्रांति के साथ ही शादी ब्याह के शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी. 17 जून से 16 जुलाई तक अधिकमास अर्थात मलमास लग रहा है. 16 जून अमावस्था की तिथि से अगली अमावस्या 16 जुलाई तक सूर्य की संक्रांति नहीं होने के कारण आषाढ़ में मलमास का नियम बनता है. इस दौरान सभी तरह के मांगलिक कार्य को निषेध माना गया है.
इस बार पंच महीने का होगा चतुर्मास:
पंडित श्रीकांत शर्मा बताते हैं कि विष्णु शयनी एकादशी के बाद किसी तरह के मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. यह अवधी चार माह की होती है. आषाढ़ ,सावन,भादो व आश्विन. इसे चतुर्मास भी कहा जाता है, लेकिन इस वर्ष आषाढ़ दो माह का होने के कारण इस बार का चतुर्मास पांच माह का होगा.
श्री शर्मा बताते हैं कि विष्णु शयनी एकादशी से हरि प्रबोधनी एकादशी के बाद ही मांगलिक कार्य आरंभ होते हैं. इस अवधी में भगवान विष्णु शयन कक्ष में चले जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु के शयन कक्ष होने के कारण किसी तरह के मांगलिक कार्य को निषेध कर दिया गया है.
चतुर्मास का विशेष महत्व:
पुराण के जानकार पंडित श्रीकांत शर्मा बताते हैं कि चतुर्मास के दौरान कई महत्वपूर्ण आते हैं. इनमें तीज, नागपंचमी, गुरु पूर्णिमा, कृष्ण जन्माष्टमी, रक्षाबंधन, अहोई अष्टमी, विजया दशमी, करवा चौथ, भैयादूज, दीपावली, छठपूजा आदि पर्व होंगे. चतुर्मास के दौरान नदी स्थान का विशेष महत्व वाली कार्तिक पूर्णिमा भी आती है.
इस दौरान पितृपक्ष का पखवाड़ा और नौ दिव का नवरात्र जैसे महत्वपूर्ण अवसर भी आते हैं. रोजे पाक का माह भी इसी चतुर्मास में आता है. वैज्ञानिक दृष्टि से यह बदलाव का समय होता है.
2015 के बाकी बचे विवाह के शुभ मुहूर्त
माह तिथि
जून 10, 11
जुलाई मुहूर्त नहीं है
अगस्त मुहूर्त नहीं है
सितंबर मुहूर्त नहीं है
अक्तूबर मुहूर्त नहीं है
नवंबर 22, 26, 27
दिसंबर 04, 05, 06, 07, 08, 13 व 14