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सांसदों का एक साल: हमारे सांसद कितने सक्रिय, कितने निष्क्रिय

लोकसभा चुनाव हुए लगभग एक साल होने जा रहा है. एक साल पहले केंद्र में नरेंद्र मोदी की बहुमत वाली सरकार बनी थी. झारखंड से 14 सांसद हैं. इनमें दो तो केंद्र में मंत्री भी हैं. चुनाव पूर्व इन सांसदों ने अपने क्षेत्र के लोगों से वादे किये थे. ये वादे कितने पूरे हुए, वर्तमान […]

लोकसभा चुनाव हुए लगभग एक साल होने जा रहा है. एक साल पहले केंद्र में नरेंद्र मोदी की बहुमत वाली सरकार बनी थी. झारखंड से 14 सांसद हैं. इनमें दो तो केंद्र में मंत्री भी हैं. चुनाव पूर्व इन सांसदों ने अपने क्षेत्र के लोगों से वादे किये थे. ये वादे कितने पूरे हुए, वर्तमान सांसद अपने क्षेत्र के लोगों से कितने जुड़े हुए हैं, उनका जनता के बीच कितना आना-जाना है, कितना काम कर रहे हैं, सांसद फंड का वे कितना उपयोग कर पाये हैं, अपने क्षेत्र में सांसदों ने कौन-कौन महत्वपूर्ण काम किये हैं, ये सांसद सक्रिय हैं या चुप बैठे हैं, इस पर प्रभात खबर टीम ने तथ्य जमा किये हैं. इन तथ्यों के आधार पर हम यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि आपके क्षेत्र के सांसदों का एक साल का कार्यकाल कैसा रहा.

शिबू सोरेन (झारखंड मुक्ति मोरचा)

क्षेत्र का नाम : दुमका

जीत का माजिर्न : 39193

सांसद निधि का कितना पैसा खर्च हुआ : 1.76 करोड़

16वीं लोकसभा

क्षेत्र के लिए क्या-क्या काम किये

सांसद ने दुमका जिले के मसलिया प्रखंड की रांगा पंचायत को आदर्श पंचायत के लिए चुना है, जहां सर्वे का काम अभी जारी है. जहां सांसद निधि से विकास कार्य तो कराये ही जायेंगे, सरकारी स्तर पर भी विकास के कार्य पर विशेष जोर दिये जाने की योजना है. इस गांव में हर खेत तक पटवन की मुकम्मल व्यवस्था करने, रोजगार के साधन विकसित करने और लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कार्य किये जाने की योजना है.

मुद्दे और वादे

चुनाव में क्या स्थानीय मुद्दे उठाये थे

और वादे किये थे?

हर हाथ को काम, हर खेत को पानी

जल, जंगल जमीन और अस्मिता की रक्षा

चुनाव के बाद क्षेत्र में कितनी बार आये और लोगों से मिले?

सांसद शिबू सोरेन अपनी पार्टी के सुप्रीमो भी है. दुमका में खिजुरिया में उनका अपना घर भी है. वे इस बार सालभर के अंदर आठ-नौ बार क्षेत्र पहुंचे. इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया.

उन वादों पर क्या स्थिति है

स्थिति: संसदीय क्षेत्र से आदिवासी रोजगार के लिए पलायन को मजबूर. मसानजोर डैम की समस्या का अब तक हल नहीं निकला. अधिकांश लाभ पश्चिम बंगाल को.

सांसद निधि में प्राप्त राशि: 2.50 करोड़

मार्च तक खर्च : 1.76 करोड़, एसटी-एससी क्षेत्रों में: 70.40 लाख

सांसद शिबू सोरेन के मुताबिक पिछले वर्ष सांसद निधि में उन्हें जो राशि मिली है, उसका उपयोग लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़नेवाले जामताड़ा जिले में किया गया है.

कुल योजनाएं अनुशंसित: 53

अप्रैल महीने तक की भौतिक स्थिति: पूर्ण: शून्य

विजय हंसदा (झारखंड मुक्ति मोरचा)

क्षेत्र का नाम : राजमहल

जीत का माजिर्न : 41337

सांसद निधि का कितना पैसा खर्च हुआ : 2.50 करोड़

16वीं लोकसभा

क्षेत्र के लिए क्या-क्या काम किये

इस वित्तीय वर्ष में 2.50 करोड़ रुपये मिले हैं. जिसमें बरहेट, पतना, लिट्टीपाड़ा, राजमहल, व बोरियो प्रखंड व विधानसभा क्षेत्र में अधिक कार्य किये गये हैं.

सुदूर ग्रामीण क्षेत्र जहां सड़कें नहीं हैं, पीएमजीएसवाइ योजना , आरइओ, पीएचइडी से दर्जनों पीसीसी सड़क, पुल, पुलिया का निर्माण कार्य हुआ है. फंड आते ही अन्य क्षेत्रों एवं चयनित स्थानों पर कार्य शुरू किया जायेगा.

मुद्दे और वादे

चुनाव में गंगा पुल निर्माण , जिले में सड़कों का जाल बिछाना, पलायन को रोकना, स्कूल शिक्षा व स्वास्थ्य की चहुमुंखी विकास एवं अन्य विकास योजनाओं का वादा किया था.

एक साल में उन्होंने लगभग 200 कार्यक्रम में शिरकत की और लोकसभा क्षेत्र की जनता से रू-ब-रू हुए और समस्याओं को जाना. पहली बार सांसद बने हैं. क्षेत्र व राज्य के विकास के लिए लोस में 190 सवाल उठाये हैं.

उन वादों पर क्या स्थिति है

जिसमें गंगा पुल की स्वीकृति के साथ जिले मे सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है. अस्पताल व स्कूल का निर्माण भी हो रहा है.

गैर सर्वेक्षित दियारा जो पश्चिम बंगाल, झारखंड व बिहार से जुड़े हैं, समस्या समाधान के लिये सर्वे का कार्य कराया जा रहा हैं.

असर्वेक्षित दियारा जो पश्चिम बंगाल, झारखंड व बिहार से जुड़ा है, समस्याओं का जाल है त्नसमाधान के लिये सर्वे का कार्य किया जा रहा हैं.

पतना प्रखंड में सांसद योजना के तहत एक गांव को गोद लिया गया हैं

विद्युत वरण महतो (भाजपा)

क्षेत्र का नाम : जमशेदपुर

जीत का माजिर्न : 99876

सांसद निधि का कितना खर्च : 42 लाख मंजूर

16वीं लोकसभा

क्षेत्र के लिए क्या-क्या काम किये

एनएच के मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाया. एनएच पर 24 घंटे एंबुलेंस की व्यवस्था की गयी. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना कुल 353 सड़क पर निर्माण कार्य चल रहा है. 46 सड़कों का डीपीआर तैयार है एवं इससे संबंधित तीन ब्रिज भी तैयार है. इस वर्ष 197 सड़कों का प्रस्ताव दिया गया है. मेरी मांग पर बहरागोड़ा के 12, चाकुलिया के 14, जमशेदपुर के चार, पोटका के छह, पटमदा के 10 सड़कों की जांच की गयी एवं रिपोर्ट में घटिया निर्माण की बात स्वीकार की गयी है.

विद्युत महतो, सांसद, जमशेदपुर

मुद्दे और वादे

टाटा- जयपुर से लेकर कई ट्रेनों की शुरुआत कराने का आश्वासन दिया था. शहर में नया एयरपोर्ट बनाने और राष्ट्रीय उच्च पथ को नये सिरे से बनाने का वादा किया था. राष्ट्रीय उच्च पथ की हालत बहुत खराब है.

क्षेत्र में कितना रहते हैं ?

सांसद लगातार अपने क्षेत्र में रहते हैं. संसद सत्र नहीं चल रहा होता है, तो अपने क्षेत्र में रहते हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार दौरा.

उन वादों पर क्या स्थिति है

टाटा जयपुर ट्रेन शुरू नहीं हो पायी. इसको लेकर रेलवे बजट में सवाल जरूर उठाये गये थे. एयरपोर्ट बनाने का मामला खटाई में पड़ा हुआ है.

यदि कुछ और विशेष हो, तो

सांसद आदर्श ग्राम के रूप में बांगुड़दा का चयन तो किया गया था, लेकिन वहां अभी कोई काम नहीं हो सका है.

एचसीएल के चार माइंस बंद थी, जिससे काफी बेरोजगारी उत्पन्न हो गयी थी. सुरदा, राखा/चापड़ी/केंदाडीह माइंस, पातरगोड़ा/धोबनी/किशनीगड़िया माइंस को चालू कराया गया. इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय खान विभाग पर दबाव दिया. संसद में मुद्दा उठाया, जिसके बाद लोगों को रोजगार देने के लिए माइंस को खोलने का रास्ता साफ हो चुका है.

निशिकांत दुबे (भाजपा)

क्षेत्र का नाम गोड्डा

जीत का माजिर्न 60682

सांसद निधि का कितने खर्च

2.50 करोड़ मिला, खर्च शून्य

16वीं लोकसभा

क्षेत्र के लिए क्या-क्या काम किये

खेतों में पानी पहुंचाने के लिए सिंचाई योजनाओं पर काम किया. चार नये डैम, हरना, कङिाया व सुंदर जलाशय से खेतों तक पानी का डीपीआर तैयार है, मैनेजर बांध, हरदिया बांध का काम चालू है. गंगा का पानी देवघर लाने की प्रक्रिया शुरू, राज्य व केंद्र सरकार 50-50 फीसदी राशि देकर काम शुरू करने जा रही है. पुनासी जलाशय के काम में तेजी आयी है, क्योंकि वे कोर्ट गये हैं. देवघर और गोड्डा में फ्रेगरेंस इंस्टीट्यूट की स्थापना की पहल की.

मुद्दे और वादे

चुनाव में क्या स्थानीय मुद्दे उठाये थे और वादे किये थे?

चुनाव में जनता से किया था, एक मात्र वादा, पहुंचायेंगे संताल खास कर गोड्डा संसदीय क्षेत्र के किसानों के खेतों तक पानी.

एक साल में तकरीबन 100 दिन संसदीय क्षेत्र में रहे. विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया.

लोकसभा में गोड्डा, संताल व झारखंड से जुड़े 288 प्रश्न उठाये, शत-प्रतिशत उपस्थिति.

लोकसभा के 91 डिबेट में भी हिस्सा लिया

उन वादों पर क्या स्थिति है

खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए बुढ़ैई जलाशय स्वीकृत है, राज्य सरकार राशि दे रही है.

डहुआ बीयर व सोनपुर बीयर एआइपीपी से स्वीकृत.

पुनासी जलाशय योजना के काम में तेजी आयी

गंगा का पानी लाने की प्रक्रिया जारी

लक्ष्मण गिलुवा (भाजपा)

क्षेत्र का नाम : सिंहभूम

जीत का माजिर्न 87,524

सांसद निधि का खर्च

98 लाख (मिले 2.5 करोड़)

16वीं लोकसभा

क्षेत्र के लिए क्या-क्या काम किये

बंद खदानों को खोलने के लिये संसद में आवाज उठायी. सड़कों का जिले भर में जाल बिछाने के लिये 150 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास किया. बिजली व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए 12 बिजली सब स्टेशन के कार्य को मंजूरी दिलायी.

मुद्दे और वादे

बेरोजगारी को दूर करेंगे, पलायन रोकेंगे. बिजली व्यवस्था दुरुस्त की जायेगी, सभी ग्रामीण सड़कों को मुख्य सड़कों से जोड़ा जायेगा.

क्षेत्र में कितना रहते हैं : सांसद ने लोकसभा चुनाव के बाद क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में लगभग 60 के करीब दौरे किये.

उन वादों पर क्या स्थिति है

गुवा में स्टील प्लांट को मंजूरी त्नबंद माइंस को खोलने के लिये संसद में रखी मांग त्नचक्रधरपुर ग्रिड का काम चालू चक्रधरपुर व चाईबासा ओवरब्रिज को दिलायी मंजूरी

चक्रधरपुर विस क्षेत्र में 24 घंटे बिजली व्यवस्था देने के लिए बंदगांव प्रखंड के कराइकेला के लुंडुपदा में बिजली सब स्टेशन का शिलान्यास किया. बिजली सब स्टेशन का निर्माण होते ही अति नक्सल प्रभावित इस क्षेत्र में बिजली व्यवस्था दुरुस्त हो जायेगी. यह बिजली सब स्टेशन चार करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है.

रवींद्र कुमार राय (भाजपा)

क्षेत्र का नाम : कोडरमा

जीत का माजिर्न 98,654

सांसद निधि का खर्च : शून्य

16वीं लोकसभा

क्षेत्र के लिए क्या-क्या काम किये

सांसद ने कोडरमा क्षेत्र की कई सड़कों की स्वीकृति दिलवायी है. घोरथंबा से केंदूआ, कोड़ाडीह से रेंबा, कोवाड़ से कोडरमा, गिरिडीह से चकाई, जमुआ से कोडरमा, बरकट्ठा से इचाक पथ के अलावा कई अन्य सड़कों के निर्माण की स्वीकृति मिल चुकी है. इसके अलावे गोविंदपुर से नवादा भाया गिरिडीह-जमुआ पथ को एनएच में बदलने की प्रक्रिया शुरू की गयी है.

मुद्दे और वादे

बिजली, पानी, सड़क को दुरुस्त करवाने तथा गिरिडीह-कोडरमा रेल लाइन को जल्द पूर्ण कराने का वादा किया था.

कोई काम नहीं दिखता.

चुनाव के बाद क्षेत्र में कितनी बार आये और लोगों से मिले?

श्री राय क्षेत्र में सक्रिय हैं. सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी वह अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहे हैं.

उन वादों पर क्या स्थिति है

धनवार, गावां, बिरनी, तिसरी के लोग गंभीर बिजली संकट से त्रस्त हैं.

सड़कों की स्थिति जजर्र है.

सांसद निधि में प्राप्त राशि: 2.50 करोड़ रुपये

मार्च तक खर्च : शून्य.

सांसद श्री राय के अनुसार जिले के लिए मृत होते माइका उद्योग के समाधान में वे लगे हुए हैं. माइका खनन को किस तरह विधि सम्मत बनाया जाये, इसके लिए उन्होंने संसद में प्रश्नकाल, शून्यकाल और संसदीय नियम 377 के तहत मामले को उठाया है. सरकार की ओर से सकारात्मक आश्वासन भी मिला है. खान मंत्री ने कहा है कि इस उद्योग को नियमानुकूल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.

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