जमशेदपुर :मंजिल तो दूर है, पर जाना जरूर है. रास्ता कठिन है पर हमें मंजिल पाना है. हमें तू जीने और खाने की बात मत कर., मर्दो की तरह जीने की बात कर. बच्ची और मां कभी कमजोर नहीं होती है. मां तो मां है. जैसे मैं हजारों बच्चों की मां हूं. यह कहते हुए मुस्कुरा उठी सिंधु ताई ने हाथ हिलाते हुए छात्रओं को आशीष दी. शिक्षक दिवस के मौके पर बिष्टुपुर स्थित वीमेंस कॉलेज में शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन था. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में महाराष्ट्र से आयी समाजसेविका सिंधु ताई उपस्थित थीं. वहीं प्राचार्या सुमोना मुखर्जी सह अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं वहां मौजूद थे.
समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया. इसके बाद प्राचार्या ने सिंधु ताई की जीवनी से छात्रओं का मार्गदर्शन कराया. कहा सिंधु ताई भी एक महिला हैं और हम भी एक महिला हैं. जब वो संघर्ष कर अपनी लड़ाई लड़ सकती हैं, तो हमलोग क्यों नहीं. आज महिलाओं के साथ जो भी हो रहा है, उसके लिए काफी हद तक महिलाएं खुद जिम्मेवार हैं.महिलाएं अत्याचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाती हैं. शिक्षक दिवस के मौके पर सशक्त महिला सिंधु ताई की जीवन से प्रेरणा लें. प्राचार्या के बाद सिंधु ताई ने अपना वक्तव्य रखा. अंत में उन्होंने कहा कि महिलाओं के शत्रु ज्यादा होते हैं. मुङो भी हर कदम पर शत्रुओं का सामना करना पड़ा.