बीजिंग : भारत और चीन ने सोमवार को एक बार फिर सीमा वार्ता की, जिसपर सरकारी मीडिया ने यहां एक सकारात्मक टिप्पणी करते हुए कहा कि दोनों देश द्विपक्षीय सहयोग की अपार संभावना का दोहन करने पर राजी हुए हैं. इस जटिल मुद्दे का हल क्षेत्रीय स्थिरता के लिए ऐसी कोई अडचन नहीं है जिसे पार नहीं जाया जा सके. चीन की सरकारी शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने यह भी कहा कि दोनों ही राष्ट्र विवाद को नियंत्रण में रखने में सक्षम हैं और यह प्रगति मुश्किलों के बावजूद हुई है.
दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और उनके चीनी समकक्ष यांग जियेची की नई दिल्ली में वार्ता के मद्देनजर यह टिप्पणी आई है. शिन्हुआ ने कहा है कि द्विपक्षीय सहयोग की अपार संभावना का दोहन करने की चीन और भारत के संकल्प से सीमा विवाद क्षेत्र में संपूर्ण स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ऐसी कोई अडचन नहीं होगी जिससे पार नहीं जाया जा सकता है क्योंकि दोनों ही देश विवाद को नियंत्रण में रखने में सक्षम हैं.
दुनिया के कुछ सबसे उंचे पर्वत चीन और भारत के बीच हैं लेकिन दो प्राचीन सभ्यताओं के बीच संपर्क उनकी उंचाइयों से कभी प्रभावित नहीं हुई. इसने कहा है कि हिमालय ने प्राचीन काल में चीनियों और भारतीयों को एक दूसरे को जानने और सीखने से नहीं रोका, वहीं दोनों महान देशों के बीच मौजूदा सीमा विवाद द्विपक्षीय संबंधों की बेहतरी में ऐसी अडचन नहीं बनेगा जिससे पार नहीं जाया जा सके.
बैठक में दोनों पक्षों ने पिछली वार्ताओं में बनी सहमति का सम्मान करने, पारस्परिक विश्वास को बढाने और वार्ता पर ध्यान केंद्रित करने तथा भविष्य में सीमा के संभावित मुद्दे पर तंत्र को नियंत्रित करने की इच्छा दोहराई. यह भी कहा गया है कि दोनों के बीच अक्सर होने वाली बैठकों ने सीमा विवाद का हल करने की दोनों देशों की इच्छाओं को जाहिर किया है.