दक्षा वैदकर
लोग अक्सर कहते हैं कि कुछ कर्मचारी अपने बॉस के आसपास रहते हैं, उनकी हां में हां मिलाते हैं, उनके काम करते हैं ताकि प्रोमोशन मिल सके या सैलरी अच्छी हो जाये. लेकिन कई बार इसका उल्टा भी होता है. बॉस ही कर्मचारी का फायदा उठाते हैं.
उससे ऑफिस के ही नहीं बल्कि घर के कई सारे काम करवाते हैं. बच्चे की फीस भरनी हो या दवाई घर पहुंचाना हो. टेलीफोन का बिल भरना हो या बाजार से कुछ मंगवाना हो. उन्हें पता है कि बेचारे कर्मचारी मना नहीं कर पायेंगे और उनका काम सही वक्त पर बिना किसी गलती के हो जायेगा. एक ऐसे ही बॉस के बारे में एक कर्मचारी ने इ-मेल किया है.
नाम गोपनीय रखते हुए उसने लिखा है कि उसका बॉस हर दूसरे-तीसरे दिन उससे काम करवाता है. कुछ काम तो सामान लाने-ले जाने के होते हैं, लेकिन कुछ में खर्चा भी हो जाता है. कभी वे मार्केट से आते हुए फोन का बिल भरने को कह देते हैं, तो कभी कोई किताब खरीद कर लाने को कहते हैं. वे यह भी कहते हैं कि तुम अभी ये खरीद लो. ऑफिस आने के बाद मैं तुम्हें रुपये देता हूं. ऑफिस आने के बाद वे चेंज न होने का बहाना बनाते हैं, फिर कहते हैं कि एटीएम से रुपये निकालने जाऊंगा, तो देता हूं. दो-तीन दिन बाद अगर किसी बहाने से उनसे रुपये का पूछ लिया, तो फिर बात टाल जाते हैं.
इस तरह ज्यादा दिन बीत जाते हैं और फिर मुङो रुपये मांगने में शर्म आने लगती है. इस तरह से रुपये डूब जाते हैं. ऐसा वे सिर्फ मेरे साथ नहीं करते, बल्कि सभी कर्मचारियों के साथ करते हैं. आपके सक्सेस सीढ़ी कॉलम के जरिये मैं बड़े पदों पर बैठे तमाम लोगों से गुजारिश करना चाहता हूं कि वे ऐसा न करें. भले ही आपकी सैलरी ज्यादा है और आपको कुछ हजार रुपये किसी और के लिए खर्च करने से फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन हमारे लिए ये हजार रुपये भी बहुत मायने रखते हैं. इस तरह कर्मचारियों से पर्सनल काम करवा कर, काम करवाने के बाद रुपये न दे कर आप खुद अपनी छवि भी खराब कर रहे हैं. खुद सोचें कि अगर आप याद से किसी को रुपये लौटा देंगे, तो वह आपका कितना बड़ा फैन हो जायेगा.
बात पते की..
– अगर आप बॉस हैं, तो कोशिश करें कि कर्मचारी से पर्सनल काम में मदद न लेनी पड़े. अगर मदद ले भी लें, तो थैंक्स बोलते हुए रुपये तुरंत लौटायें.
– हर बॉस चाहता है कि कर्मचारी उसका सम्मान करें. पीठ पीछे उसका गुणगान करें. ऐसा करवाने के लिए आपको पहले खुद को बदलना होगा.