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सागर तट के सजग प्रहरी
हमारा देश तीन तरफ से जल से घिरा हुआ है. पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिंद महासागर है. 15 जनवरी, 1976 को निर्मित समुद्री क्षेत्र अधिनियम के अनुसार भारत के अधीन दो लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र है. इतने बृहत् क्षेत्र में समुद्र की लहरों की चुनौतियों को […]
हमारा देश तीन तरफ से जल से घिरा हुआ है. पूर्व में बंगाल की खाड़ी, पश्चिम में अरब सागर तथा दक्षिण में हिंद महासागर है. 15 जनवरी, 1976 को निर्मित समुद्री क्षेत्र अधिनियम के अनुसार भारत के अधीन दो लाख वर्ग किलोमीटर समुद्री क्षेत्र है. इतने बृहत् क्षेत्र में समुद्र की लहरों की चुनौतियों को स्वीकारते हुए तटों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहता है हमारे देश का एक अर्धसैनिक बल, जिसका नाम है-भारतीय तटरक्षक बल.
भारत में तटरक्षक बल की स्थापना 01 फरवरी, 1977 को हुई. इसका आदर्श वाक्य है- ‘वयम् रक्षाम:’ अर्थात् ‘हम रक्षा करते हैं’. साहसिक कारनामों से इसने कई बार इस पंक्ति को सिद्ध किया है. हाल ही में इसने पाकिस्तान से आ रही दो आतंकवादी नौकाओं का विनाश करके दुश्मन के गलत इरादों को धवस्त कर दिया था.
क्यों है इसकी जरूरत
1960 के दशक में समुद्री रास्तों से हो रही तस्करी, गैर-कानूनी रूप से आने-जानेवाली नौकाओं/क्राफ्टों की पहचान करना, मछुवारों के नौकाओं के पंजीकरण और कानून का सही पालन न कर पाने के कारण देश को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा था. ऐसे में एक सशक्त संगठन की जरूरत महसूस हो रही थी, जो समुद्र में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों का मुकाबला कर सके. इन समस्याओं से निबटने और नियमों को प्रभावी बनाने के लिए रुस्तमजी आयोग का गठन हुआ. इसी समिति की अनुशंसा पर तटरक्षक बल का गठन हुआ. यह रक्षा मंत्रलय के अधीन है.
तटरक्षक बल के कार्य
बल का मुख्य कार्य समुद्री तटों एवं अन्य जगहों पर सुरक्षा, प्रदूषण नियंत्रण तथा विशेष आर्थिक क्षेत्रों में कानून व्यवस्था को बनाये रखना है. अन्य मुख्य कार्य हैं- त्नस्वीकृत नियमों के अधीन ऐसे उपाय करना, जिससे देश के सामुद्रिक तथा अन्य राष्ट्रीय हितों की रक्षा हो त्नसामुद्रिक क्षेत्र में कृत्रिम द्वीपों, समुद्र तट से दूर टर्मिनलों तथा अन्य संस्थापनाओं की रक्षा तथा संरक्षण करना त्नसंकट के समय मछुआरों की सहायता त्नसामुद्रिक प्रदूषण को रोकने और नियंत्रित करने के उपाय त्नसमुद्री तस्करी को नियंत्रित करने में कस्टम विभाग तथा अन्य तस्कर विरोधी संस्थाओं को सहयोग देना. त्नवैज्ञानिक आंकड़े एकत्रित करना आदि.
क्या है वर्तमान स्थिति
भारतीय नौसेना से मिले दो फिग्रेट (भारतीय नौसेना पोत कृपाण तथा कुठार) और गृह मंत्रलय से स्थानांतरित पांच गश्ती नौकाओं (पंबन, पुरी, पुलीकैट, पणजी और पनवेल) के साथ शुरू हुई इस बल के कमांडर इन चीफ भारत के राष्ट्रपति होते हैं. डायरेक्टर जनरल इस बल का नेतृत्व करते हैं. इनकी सहायता के लिए चार इंस्पेक्टर जनरल तथा कई अनुभवी अधिकारी और अन्य स्टाफ रहते हैं. हेड क्वार्टर दिल्ली में है. वर्तमान में तटरक्षक बल के डायरेक्टर जनरल वाइस एडमिरल अनुराग जी थपलियाल हैं.
इसके पांच ऑपरेशनल क्षेत्र हैं- पश्चिमी क्षेत्र, जिसका क्षेत्रीय मुख्यालय मुंबई में है. चेन्नई में पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय, कोलकाता में उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय कार्यालय, उत्तर पश्चिमी कार्यालय गांधीनगर तथा पोर्ट ब्लेयर में अंडमान और निकोबार क्षेत्र का कार्यालय है. आज इसके पास 10,440 स्टाफ, 112 से अधिक पोत और 66 से अधिक एयर क्राफ्ट्स हैं. 2012 के ब्योरा के हिसाब से तटरक्षक बल 42 कोस्ट गार्ड स्टेशन, 5 कोस्ट गार्ड एयर स्टेशन तथा 10 कोस्ट गार्ड एयर एनक्लेव का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है.
भारतीय तटरक्षक वैमानिकी
स्थापना के साथ इसके लिए एक पूर्ण विकसित वैमानिकी विंग की जरूरत थी. 22 मई, 1982 को भारतीय तटरक्षक वैमानिकी की पहली यूनिट 800 स्क्वार्डन, दो चेतक हेलीकॉप्टरों के साथ गोवा में स्थापित हुई. 29 अक्तूबर, 1987 को दमन में पहला पूर्ण विकसित स्टेशन स्थापित हुआ. इसमें अनेक एयर क्राफ्ट्स शामिल कर इसे विस्तृत कर दिया गया है. ये वायुयान अपने निरंतर अभियान द्वारा समुद्री निगरानी, खोज एवं बचाव कार्य जैसे महत्त्वपूर्ण सेवा कर रहे हैं. भारतीय तटरक्षक बल ने कई बड़े मिशनों को बखूबी पूरा किया है. 2008 मुंबई अटैक के बाद से देश की सुरक्षा में इसका दायित्व कई गुना बढ़ गया है.
तटरक्षक अधिकारियों की भरती
तटरक्षक अधिकारियों की भरती मुख्यत: संघ लोक सेवा आयोग के माध्यम से होती है. अधिकारियों की चार शाखाएं हैं- जेनरल ड्यूटी ऑफिसर, पायलट ऑफिसर, टेक्निकल ऑफिसर और लॉ ऑफिसर. इसके अलावा महिलाएं भी इसमें जेनरल ड्यूटी ऑफिसर और पायलट ऑफिसर के रूप में ज्वाइन कर सकती हैं.
जेनरल ड्यूटी ऑफिसर और पायलट ऑफिसर के लिए साइंस ग्रेजुएट, जिसमें फिजिक्स और मैथ्स में न्यूनतम 60} या इंजीनियरिंग ग्रेजुएट होना आवश्यक है. टेक्निकल ऑफिसर को इंजीनियरिंग ग्रेजुएट (न्यूनतम 60 प्रतिशत) तथा लॉ ऑफिसर को लॉ ग्रेजुएट (न्यूनतम 60 प्रतिशत) होना आवश्यक है. तटरक्षक बल के एयर क्राफ्ट्स के पायलट के लिए कॉमर्शियल पायलट लाइसेंस होना चाहिए.
प्रशिक्षण : वर्तमान समय में तटरक्षक अधिकारियों का प्रशिक्षण इंडियन नेवल एकेडमी एडिमाला (केरल) में नौसेना अधिकारियों के साथ ही होता है. इंडियन कोस्ट गार्ड एकेडमी अजिक्कल (केरल) में निर्माणाधीन है. नाविकों का प्रशिक्षण आइएनएस चिल्का में नौसेना के नाविकों के साथ ही होता है.
पहली महिला ऑफिसर
12 दिसंबर, 2010 को इंडियन कोस्ट गार्ड में पहली बार महिला ऑफिसरों की भरती हुई. इसमें भावना राणा (बायें) और रूचि सांगवान (दायें) असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर शामिल हैं. ये दोनों हेलीकॉप्टर पायलट की ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर 2010 में चेन्नई में हुए 75वीं पासिंग आउट परेड में शामिल हुईं थीं.
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