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जब क्लाइव लॉयड की टीम बनी वनडे की पहली वर्ल्ड चैंपियन

अनुज कुमार सिन्हा आज भारत दो-दो बार का क्रिकेट में वर्ल्ड चैंपियन है. क्रिकेट में भारत की तूती बोलती है. लेकिन एक समय था जब भारत को एक-एक जीत के लिए तरसना पड़ता था. आइए, पुरानी बातों को याद करें. पहली बार 1975 में इंग्लैंड में वल्र्ड कप हो रहा था. तब क्रिकेट में वेस्ट […]

अनुज कुमार सिन्हा

आज भारत दो-दो बार का क्रिकेट में वर्ल्ड चैंपियन है. क्रिकेट में भारत की तूती बोलती है. लेकिन एक समय था जब भारत को एक-एक जीत के लिए तरसना पड़ता था. आइए, पुरानी बातों को याद करें. पहली बार 1975 में इंग्लैंड में वल्र्ड कप हो रहा था. तब क्रिकेट में वेस्ट इंडीज, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड का नाम हुआ करता था. भारत से कोई उम्मीद नहीं थी. इसके पहले भारत बहुत ज्यादा वनडे मैच खेल भी नहीं पाया था. पूरी दुनिया में इस वर्ल्ड कप से पहले सिर्फ 18 वनडे मैच खेले गये थे. इस वर्ल्ड कप में भारत सिर्फ एक मैच जीत पाया था, वह भी ईस्ट अफ्रीका से. चैंपियन हुआ था वेस्टइंडीज. इस वर्ल्ड कप (1975) में कुल आठ देशों ने भाग लिया था. इसमें टेस्ट खेलनेवाले इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, भारत और न्यूजीलैंड के अलावा श्रीलंका ़और ईस्ट अफ्रीका की टीमें थीं. इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ईस्ट अफ्रीका के साथ-साथ भारत ए ग्रुप में था जबकि ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज और श्रीलंका को बी ग्रुप में रखा गया था. वेस्टइंडीज ने खिताब जीतकर पहला वर्ल्ड कप अपने नाम किया था. वर्ल्ड कप के पहले जिन टीमों को दावेदार माना गया था, उनमें इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, वेस्टइंडीज और पाकिस्तान की टीम थी.

गावस्कर ने 60 ओवर खेल कर बनाये 36 रन

7 जून, 1975 को पहला वर्ल्ड कप का पहला मैच खेला गया था. पहला ही मैच भारत का था. वह भी शक्तिशाली इंग्लैंड की टीम के साथ. उन दिनों विश्व कप के मैच 60-60 ओवर के खेले जाते थे. इंग्लैंड ने पहले खेलते हए चार विकेट पर 334 का विशाल स्कोर खड़ा किया. इसी मैच में विश्व कप का पहला शतक इंग्लैंड के डेनिस एमिस ने (137 रन) लगाया था. भारत के पास आज जैसे तेज गेंदबाज थे नहीं. मदनलाल और मोहिंदर अमरनाथ नयी गेंद से गेंदबाजी करते थे. सारा दारोमदार स्पिनपर पर रहता था. जब इंग्लैंड ने 334 का बड़ा स्कोर खड़ा किया था, तो भारत से कुछ तेज खेलने की उम्मीद थी. गावस्कर और सोल्कर ने पारी की शुरुआत की. गावस्कर ने पूरे 60 ओवर तक बल्लेबाजी की और 174 गेंदों का सामना करते हए मात्र 36 रन (नाबाद) बनाये. बड़ी आलोचना हुई थी. नतीजन भारत निर्धारित 60 ओवर में तीन विकेट पर 132 रन ही बना सका. 202 रन से शर्मनाक तरीके से भारत हारा था. इस मैच में गावस्कर न तो रन बना रहे थे और न ही आउट हो रहे थे ताकि दूसरों को खेलने का मौका मिले. 50 ओवर के वन डे मैच में रोहित शर्मा (259 रन), सचिन और सेहवाग दोहरा शतक लगा चुके हैं. लेकिन गावस्कर ने 60 ओवर में नाबाद 36 रन बनाये थे.

भारत ने दूसरे मैच में ईस्ट अफ्रीका को 10 विकेट से हराया. फिर तीसरे और अंतिम मैच में न्यूजीलैंड से चार विकेट से हार गया. तीन मैच में एक जीत. भारत की ओर से पूरी प्रतियोगिता में गावस्कर (65 नाबाद), इंजीनियर (54 नाबाद) और आबिद अली ने (70 रन) ने अर्धशतक जमाये.

गिल्मर की घातक गेंदबाजी

पूरी दुनिया की निगाहें इस ओर थी कि पहला वर्ल्ड कप कौन जीतेगा? अंतिम चार में पाकिस्तान की टीम नहीं थी. इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के अलावा चौथी टीम न्यूजीलैंड की थी. पहला सेमीफाइनल 18 जून, 1975 को हे¨डग्ले में इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला गया था. दोनों टीमें मजबूत थीं. इंग्लैंड के पास अनुभव था तो ऑस्ट्रेलिया के पास इयान चैपल, ग्रेग चैपल, रोडनी मार्श, डेनिस लिली, गिल्मर, रिक मैकोस्कर और ज्योफ थामसन जैसे खिलाड़ी थे. गिल्मर ने घातक गेंदबाजी करते हए मात्र 14 रन देकर इंग्लैंड के छह विकेट उखाड़ते हए उसकी पारी को 93 पर समेट दिया था. इस मामूली स्कोर को पार करने में ऑस्ट्रेलिया को पसीने छूट गये थे. इसके छह विकेट 39 रन पर आउट हो गये थे लेकिन वाल्टर और गिल्मर ने किसी प्रकार जीत दिला दी. उधर दूसरे सेमीफाइनल में वेस्टइंडीज और न्यूजीलैंड का मुकाबला हुआ. न्यूजीलैंड की टीम 158 रन पर ही सिमट गयी. वेस्टइंडीज ने कालीचरण के 72 और गार्डन ग्रीनिज के 55 रन की बदौलत पांच विकेट पर ही जीत के लिए आवश्यक रन बना लिये.

फाइनल में लॉयड का शतक

वर्ल्ड कप खिताब के लिए 21 जून 1975 को लार्डस में ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच मुकाबला होना था. दोनों टीमों में तेज और खतरनाक गेंदबाज भरे थे. वेस्टइंडीज की टीम में फ्रेडरिक्स, ग्रीनिज, कालीचरण, लॉयड, रोहन कन्हाई और विवियन रिचर्डस जैसे बल्लेबाज और जूलियन, होल्डर, एंडी राबर्ट्स जैसे तूफानी गेंदबाज थे. वेस्टइंडीज की टीम लीग मैचों में ऑस्ट्रेलिया, पाकिस्तान और श्रीलंका को तथा सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराया था. इसी प्रकार ऑस्ट्रेलिया ने लीग मैचों में पाकिस्तान और श्रीलंका को तथा सेमीफाइनल में इंग्लैंड को हराया था. फाइनल से पहले लीग मैच में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से हराया था और साबित कर दिया था कि वह बेहतर है. लेकिन फाइनल में कुछ भी हो सकता था. पहले बल्लेबाजी करते हए वेस्टइंडीज ने 60 ओवर में आठ विकेट पर 291 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर लिया. कप्तान लॉयड ने मात्र 85 गेंदों पर 12 चौकों ़और दो छक्कों का सहायता से 102 रन की आक्रामक पारी खेली थी. वर्ल्ड कप के फाइनल का पहला शतक. गिल्मर को पांच विकेट मिले थे. इसके जवाब में जब ऑस्ट्रेलिया की ओर से टर्नर और मैकोस्कर ने पारी की शुरुआत की. इयान चैपेल (62) और टर्नर (40) के अलावा कोई टिक नहीं सका. इस मैच में विवियन रिचर्डस ने लाजवाब क्षेत्ररक्षण किया और उसने ऑस्ट्रेलिया के तीन खिलाड़ियों को अकेले रन आउट किया. ऑस्ट्रेलिया की आधी टीम (पांच खिलाड़ी) तो रन आउट होकर लौटी. पूरी टीम 274 पर सिमट गयी. 17 रन से इंडीज की जीत. वेस्टइंडीज की टीम चैंपियन बन चुकी थी. इस वर्ल्ड कप में इंडीज की टीम एक भी मैच नहीं हारी थी.

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