दक्षा वैदकर
सार्थक एक बहुत मेहनती व रचनात्मक युवक है, लेकिन बस उसमें एक कमी है. जब भी उसे कोई टास्क मिलता है, वह उसे समय पर पूरा नहीं कर पाता है. बॉस उसे डांटते हैं और आलसी, सुस्त, निठल्ला न जाने क्या-क्या कहते हैं. ऐसा सिर्फ सार्थक के साथ ही नहीं होता. हम भी अक्सर डेडलाइन पर काम पूरा कर के नहीं दे पाते. कई लोग खुद का बचाव करते हुए यह तर्क देते हैं कि हमें काम करने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया, लेकिन यह सही जवाब नहीं है. हमें समय पर्याप्त दिया जाता है, बस हमें ही समझ नहीं आता कि हमने अपना समय कहां-कहां बर्बाद कर दिया.
दोस्तों, वर्कप्लेस पर कलीग्स के साथ थोड़ा समय गुजारने पर हर कोई एनज्रेटिक महसूस करता है, पर लगातार ऐसा करने से डेडलाइन्स मिस हो सकती हैं. बेहतर होगा कि आप इन चीजों से बचें.
अगर आप चाहते हैं कि वर्कप्लेस पर आपका समय बचें, तो खुद को इस तरह से पेश करें कि आप काम में डूबे रहनेवाले व्यक्ति हैं. इससे हर कोई आपको परेशान नहीं करेगा. आप हेडफोन पहन सकते हैं, अपने चारों तरफ से कुर्सियां हटा सकते हैं. किसी कोने वाले स्थान में बैठ कर काम कर सकते हैं. इस तरह लोगों को संदेश जायेगा कि आपके लिए काम ज्यादा महत्वपूर्ण है.
अगर आप चाहते हैं कि काम के दौरान कोई आपको डिस्टर्ब न करे, तो इंटरनल और सोशल नेटवर्क पर बिजी आइकन को हाइलाइट करें. आप चाहें तो ‘डू नॉट डिस्टर्ब’ का साइन भी लगा सकते हैं. लोग इसका सम्मान करते हैं और आपको परेशान नहीं करते. याद रहे, आपको ऑफिस में ऐसे प्रोफेशनल की छवि बनानी होगी, जो बहुत अनुशासित है.
आप खुद भी सोशल साइट्स का समय तय करें और काम समय पर खत्म करें. लोगों से कहें कि वे भी बातचीत का समय तय करें. जैसे कि लंच टाइम या टी टाइम पर आप गप्प मार सकते हैं. आप खुद निश्चित समय पर लोगों से मिलने की आदत डालें. कलीग्स व अपने पर्सनल लोगों को बता दें कि किस समय आप फ्री रहते हैं और बात कर सकते हैं.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
बात पते की..
हमें इस बात का अंदाजा नहीं है कि काम के बीच में बातचीत, व्हॉट्स ऐप मैसेज वगैरह हमारा कितना वक्त बर्बाद कर देते हैं. इस पर गौर करें.
यह नियम बना लें कि काम करने के बाद ही आप सोशल साइट्स खोलेंगे और मैसेज का जवाब देंगे. इससे पहले बेवजह फेसबुक नहीं देखेंगे.
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