दक्षा वैदकर
बॉस लोगों को दो कैटेगरी में बांटा जाता है. अच्छा बॉस और बुरा बॉस. दोनों ही तरह के बॉस से आपको सावधान रहने की जरूरत है. पहले बात करते हैं बुरे बॉस की. कुछ बॉस काम कम करते हैं, लेकिन खुद को व्यस्त दिखाने की कला में माहिर होते हैं. ऐसे बॉसेज से जो भी अपेक्षा की जाती है, उसे वह कम ही पूरी करते हैं.
ऐसे में बॉस की कमजोर परफॉर्मेस से आपके आउटपुट गलत असर पड़ सकता है. इसलिए जो भी चर्चा हो रही है, उसका डॉक्यूमेंटेशन करें. रिकॉर्ड के लिए ईमेल का इस्तेमाल करें. डेडलाइन का ध्यान रखें, ताकि समय पर काम पूरा होता रहे. अगर बॉस का स्वभाव बात-बात पर गुस्सा करना है, तो ऐसे बॉस की पसंद-नापसंद, उसकालोगों व काम के प्रति नजरिया समझने की कोशिश करें. पब्लिक फोरम्स पर उसका विरोध कतई न करें.
हो सकता है कि आपका बॉस किसी एक जगह या काम में मन ही नहीं लगाता हो और इधर-से-उधर घूमता रहता हो. इस स्थिति में आपको उस पर निर्भर रहने के बजाय उसकी मदद करनी चाहिए. जो काम किया जाना है, उसे स्वप्रेरणा से पूरा करें. अगर वह किसी मीटिंग में लेट आता है, तो उसका इंतजार करने के बजाय दूसरे जरूरी काम निपटाएं. आप काम करते रहेंगे, तो वह भी राह पर आ जायेगा. अगर आपका बॉस आपके काम में अक्सर गलतियां निकाला करता है, तो उसे शांत करने के लिए अपने काम पर पूरा कंट्रोल रखें और रिजल्ट्स बताएं.
अब बारी आती है अच्छे बॉस से बचने की. हो सकता है कि आपका मैनेजर कड़ी मेहनत करता हो और काम पूरा करने के लिए जुटा रहता हो. जो काम अगले दिन के लिए प्लान किया है, उसे भी देर तक रुक कर पूरा करता हो. शुरू में यह बहुत अच्छा लग सकता है, पर बाद में आप नकारा साबित हो जायेंगे. कुछ बॉस ऐसे भी होते हैं, जो आपको ज्यादा-से-ज्यादा जिम्मेवारियां सौंपते हैं और कम-से-कम निगरानी रखते हैं. इससे सम्मान और आजादी तो मिलती है, पर दिक्कत यह है कि अगर आप गलती करते हैं, तो आपको संभालने वाला कोई नहीं होता.
daksha.vaidkar@prabhatkhabar.in
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