13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नहीं रुक रहा ‘पकडुआ ब्याह’

पटना: बिहार में दबंगों की जय-जय है. लाठी के दम पर आज भी खुशियां खरीदी जाती हैं. बंदूक की नाल सिर पर रख कर सेहरे सजाये गये और जबरिया शादी की बैंड बजती रही. जी हां! हम बात कर रहे हैं सूबे में होनेवाले ‘पकड़आ ब्याह’ की. प्रदेश के राजनीतिक गलियारों से बिहार में बदलाव […]

पटना: बिहार में दबंगों की जय-जय है. लाठी के दम पर आज भी खुशियां खरीदी जाती हैं. बंदूक की नाल सिर पर रख कर सेहरे सजाये गये और जबरिया शादी की बैंड बजती रही. जी हां! हम बात कर रहे हैं सूबे में होनेवाले ‘पकड़आ ब्याह’ की. प्रदेश के राजनीतिक गलियारों से बिहार में बदलाव का ढिंढोरा जरूर पीटा गया, पर बुनियादी स्तर पर दर्द और सितम की दास्तां घटने के बजाय बढ़ती गयी.

सबसे ज्यादा प्रभावित मिथिलांचल से मदद की पुकार उठती रही, लेकिन थाना, कोर्ट, कचहरी और आवेदनों तक मामले सिमट कर रह गये. विवाह की बेदी पर जबरिया बैठाये गये लड़के-लड़कियां अपने अरमानों की आहूति देते रहे और दबंग के हाथों बुना गया ताना-बाना उन्हें मुक्त नहीं कर सका. आंकड़े गवाह हैं कि सूबे की पुलिस कुछ नहीं कर सकी. पिछले पांच सालों में मामला घटने के बजाय बढ़ता गया.

बिहार के दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों में चली आ रही यह दबंगई परंपरा अब तक रुकी नहीं है. ‘पकड़आ शादी’ के मोरचे पर पुलिसिया दावे धराशायी हुए हैं. इसका खुलासा खुद पुलिस के आंकड़े करते हैं. आंकड़े बताते हैं कि किडनैपिंग ऑफ मैरिज के ग्राफ में रत्ती भर बदलाव नहीं आया है. पांच साल के पुलिस के आंकड़े में कोई गिरावट नहीं आयी है. इस तरह के विवाह में ऐसी भी बानगी मिलती है कि विवाह के बाद लड़कियों को लड़केवालों ने लौटा दिया. लंबे समय तक उन्हें ससुराल का सुख नहीं मिला.

10 साल बाद भी नहीं करायी विदाई

पकड़आ शादी के लिए मुजफ्फरपुर के एक चर्चित गांव में 10 साल पहले एक लड़के को अपहरण कर शादी रचा दी गयी थी. भाई छह बहनों में इकलौता है. शादी के रस्म के बीच चौथे दिन लड़केवाले पुलिस के साथ पहुंचे और लड़के को वापस लेते गये. दुखद यह है कि आज तक न तो लड़की की दूसरी शादी हुई है और न ही ससुरालवाले विदाई करा कर ले गये.

सूबे में विवाह के लिए अपहरण के आंकड़े

वर्ष 2010 : 1705 मामले

वर्ष 2011 : 2326 मामले

वर्ष 2012 : 3007 मामले

वर्ष 2013 : 2935 मामले

वर्ष 2014 : 2091 अगस्त तक

(नोट : सभी आंकड़े स्टेट क्राइम रेकॉर्ड ब्यूरो से लिये गये हैं)

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें