पटना: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के डेंटल विभाग के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सजर्री विभाग में सजर्री के माध्यम से एक ऐसी बच्ची को नयी जुबान मिली, जिसका छत से गिरने के बाद से मुंह ही नहीं खुलता था. इस कारण से उसे बात करने में भी परेशानी होती थी.
उसके पिता ने इलाज के लिए कई अस्पतालों का चक्कर लगाया, लेकिन उसका इलाज नहीं हो पाया. इसके बाद उसे एम्स, पटना के डेंटल विभाग के बारे में किसी के माध्यम से जानकारी मिली और उसकी सफल सजर्री हो गयी. हालांकि इस सजर्री में बहुत से ऐसे सामान मंगवाये गये, जो एम्स में उपलब्ध नहीं थे और उसे मुंबई से मंगवाना पड़ा. इस कारण से सजर्री करने में देर भी हुई, लेकिन अब बच्ची बिल्कुल ठीक है.
यह है मामला
नालंदा निवासी लालमुनी देवी (15 साल) जब दो साल की थी, तो वह छत से गिर गयी थी. इसके बाद से उसका मुंह नहीं खुलता था. उसे बाइलेटरल टीएमजी एंकाइलोसिस नाम की बीमारी हो गयी थी. इस बीमारी से 13 साल तक जूझने के बाद नवंबर में वह एम्स आयी थी. यहां 25 नवंबर, 2014 को उसकी सजर्री की गयी. इसके बाद अब उसका मुंह खुलने लगा है.
इसके पहले कई अस्पतालों से उसे निराश होकर लौटना पड़ा था, लेकिन अब एम्स में हुए इलाज के बाद उसकी हालत बिल्कुल ठीक है. यह सजर्री डेंटल विभाग के ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सजर्न व असिस्टेंट प्रोफेसर हेड डॉ शैलेश कुमार मुकुल, डॉ शैलेश एवं उनकी टीम ने मिल कर की, जिसमें चार घंटे का समय लगा.