बीजिंग : दक्षिणी चीनी सागर में विवादित द्वीपों पर वियतनाम के अधिकार के दावों को खारिज करते हुए चीन ने कहा है कि यह ‘‘अवैध और अमान्य’’ है और बीजिंग ‘‘ऐसे किसी दावे को कभी स्वीकार नहीं करेगा.’’ चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता होंग ली की ओर से कल यह बयान वियतनाम के विदेश मंत्रालय की ओर से यह कहे जाने के बाद आया कि स्प्रैले और पारासेल द्वीपों हनोई के हैं। ये वे द्वीप हैं, जिन्हें चीन नान्शा और शिशा द्वीप कहता है.
वियतनाम ने चीन द्वारा दक्षिणी चीनी सागर के अधिकतर हिस्से में लगाई गई ‘नाइन डैश लाइन’ :दावा करने की प्रतीक रेखा: पर आपत्ति जताई थी. चीन ने वर्ष 1948 में अपने आधिकारिक नक्शे में यह प्रतीक रेखाएं दर्शायी थीं. वियतनाम ने यह रुख ‘समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन’ के तहत स्थापित ‘दक्षिण चीन सागर मध्यस्थता न्यायाधिकरण’ के समक्ष स्पष्ट किया था.
चीन ने इस मध्यस्थता प्रक्रिया में शामिल होने से यह कहकर इनकार कर दिया कि इस विवाद को संबंधित पक्षों द्वारा सीधे तौर पर सुलझाया जाना चाहिए. न्यायाधिकरण ने चीन को फिलीपीन की याचिका पर जवाब देने के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया है. चीन, फिलीपीन और वियतनाम के अलावा दक्षिणी चीनी सागर पर दावा करने वालों में मलेशिया, ब्रुनई और ताइवान भी शामिल हैं.