रांची: चाईबासा जेल ब्रेक कांड से 50 दिन पहले ही स्पेशल ब्रांच ने अलर्ट जारी किया था. 18 अक्तूबर 2014 को चाईबासा जेल के आइजी, रांची जोन के आइजी, कोल्हाल के डीआइजी और चाईबासा के डीसी व एसपी को रिपोर्ट भेजी थी. इसमें चाईबासा जेल में बड़ी घटना होने का अंदेशा जताया गया था. साथ ही सुरक्षा की दृष्टि से 15 बिंदुओं पर कार्रवाई करने की सलाह दी गयी थी. स्पेशल ब्रांच ने अपने पत्र में कहा था कि जेल की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों या काराकर्मियों के अवकाश में रहने पर उनकी गतिविधियों की जांच करायी जाये. सूचनाएं मिल रही हैं कि अवकाश में रहने पर सुरक्षाकर्मियों से नक्सली व उग्रवादी संपर्क करते हैं.
बाजार के दिन हमला कर सकते हैं नक्सली : स्पेशल ब्रांच ने अपने पत्र में कहा था कि जेल में 137 नक्सली व उग्रवादी बंद हैं. इनकी गतिविधियों की निगरानी जरूरी है. जेल का जैमर खराब है. कैदियों की ओर से मोबाइल का इस्तेमाल किये जाने की सूचना है. ऐसे में जेल ब्रेक जैसी घटना को अंजाम दिया जा सकता है. स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्येक मंगलवार को जेल के सामने साप्ताहिक बाजार लगता है. इसमें बड़ी संख्या में लोग आते हैं. बाजार के दिन जेल की सुरक्षा में अधिक सतर्कता की जरूरत है, क्योंकि इस दिन नक्सली जेल तक पहुंच कर दिन में ही बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.
जवानों का औचक निरीक्षण नहीं होता : रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया था कि जेल से कैदियों को कोर्ट लाने- ले जाने के दौरान मुख्य द्वार के पास प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मी व काराकर्मी को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है. पोस्ट पर तैनात जिला बल के जवानों का औचक निरीक्षण नहीं किया जाता है. इससे वे लापरवाह हो गये हैं.
चुनाव से पहले नहीं हुई जेलों में छापामारी
चुनाव से पहले आपराधिक गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए गृह विभाग की ओर से कई आदेश दिये गये थे. जेलों में छापेमारी करने व बड़े अपराधियों पर नजर रखने का भी निर्देश दिया गया था. पर घटना के बाद यह तथ्य सामने आ रहा है कि चुनाव से पहले राज्य की अधिकतर जेलों में छापामारी नहीं की गयी थी.
कमिश्नर व आइजी करेंगे घटना की जांच
चाईबासा जेल परिसर से 15 कैदियों के फरार होने की घटना की जांच रांची प्रमंडल के कमिश्नर केके खंडेलवाल और रांची जोन के आइजी एमएस भाटिया करेंगे. गृह सचिव एनएन पांडेय ने बताया : कमिश्नर व आइजी से कहा गया है कि वे जांच कर संयुक्त रिपोर्ट दें, ताकि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो सके. घटना के बाद जेल आइजी शैलेंद्र भूषण को चाईबासा भेजा गया है. वह भी रिपोर्ट देंगे.
दो संदिग्धों से की गयी पूछताछ
बुधवार को पुलिस ने बड़बिल गांव से दो संदिग्ध युवकों को हिरासत में लिया है. इन्हें लेकर दोपहर 1:50 में एसपी अभियान विकास सिन्हा व मुफस्सिल थाना प्रभारी महेंद्र दास जेल पहुंचे. दोनों को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल के अंदर ले जाया गया. ठीक 15 मिनट बाद पुलिस दोनों को जेल से बाहर लेकर आयी. पुलिस की जीप में दोनों को बैठा कर कहीं ले जाया गया. पूछने पर विकास सिन्हा ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. मुफस्सिल थाना प्रभारी यह कहते रहे कि ये फरार होनेवाले नक्सलियों में से नहीं हैं. सूत्रों के अनुसार दोनों को पुलिस ने चाईबासा के बड़बिल गांव से पकड़ा है. इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. दोनों की निशानदेही पर पुलिस छापेमारी कर रही है. इस मामले में पुख्ता जानकारी के लिए एसपी से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. इन युवकों को उठाकर ले जाने के क्रम में स्कॉट वाहन नहीं स्टार्ट हो रहा था. उसे धक्का देकर चालू किया गया.