सेना के जवानों ने दी शहीद संकल्प को गॉर्ड ऑफ ऑनर
अंतिम विदाई के समय उपस्थित लोगों ने शहीद संकल्प जिंदाबाद और पाकिस्तान हाय-हाय के नारे लगाये.
राज्यपाल डा. सैयद अहमद भी पहुंचे रांची के शहीद लाल को श्रद्धांजलि देने.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा सहित कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने दी अंतिम विदाई
रांची : कश्मीर के उरी सेक्टर में फिदाइन हमले में शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प कुमार शुक्ला को आज रांची स्थित हरमू मुक्तिधाम में नौवजवानों ने अंतिम सलामी दी. इसके साथ ही सैन्य सम्मान के साथ उनका अंत्येष्टि किया गया. बेटी और पिता ने मुखाग्नी दी. इस दौरान सेना के तमाम अधिकारी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, सुखदेव भगत और हजारों की संख्या में लोग मौजूद हैं.
अंतिम विदाई के समय लोगों ने संकल्प जिंदाबाद और अमर रहे के नारे लगाये. अंत्येष्टि से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राज्यपाल सैयद अहमद, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुनमुंडा, सांसद जयंत सिन्हा और अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
आज सुबह 10 बजे बूटी मोड़ से शवयात्रा निकाली गयी, बरियातू, रातू रोड, हरमू रोड होते हुए हरमू मुक्तिधाम ले जाया गया. अंतिम यात्रा के समय कई लोगों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रख कर शहीद को श्रद्धांजलि दी.
संकल्प का पार्थिव शरीर शनिवार रात रांची पहुंचा. परिवार के सदस्य भी साथ आये. हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान, पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास समेत कई नेता और सैन्य अधिकारी उपस्थित थे.
इससे पहले शनिवार को शहीद संकल्प का पार्थिव शरीर पहले श्रीनगर से दिल्ली स्थित आर्मी मुख्यालय लाया गया, जहां पर सेना के जवानों ने आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को सलामी दी. वहां से शहीद संकल्प का पार्थिव शरीर रांची भेजा गया. रांची में भी शनिवार को दिन भर शहीद संकल्प शुक्ला के आवास पर लोग आते-जाते रहे. सुबह में संकल्प शुक्ला के रिश्तेदार निगरानी के एसपी विपुल शुक्ला उनके आवास पर पहुंचे. शाम में रांची के मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजय वर्गीय भी संवेदना व्यक्त करने आये. भारी संख्या में लोग संकल्प शुक्ला के पिता एसके शुक्ला से मिल कर शोक संवेदना व्यक्त कर रहे थे.
प्लीज रोना मत, रोयी तो देख लेना..
‘देखो! प्रॉमिस करो कि तुमलोग नहीं रोओगी, अगर रोयी तो देख लेना…. हे भगवान, इन्हें क्यों ले गये…’ शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प शुक्ल के शव के साथ आयी उनकी पत्नी प्रिया एयरपोर्ट पहुंचने के बाद अपने परिजनों से लिपट कर बार-बार इस बात को दोहराये जा रही थी. वो खुद फफक -फफक कर रोये जा रही थी.
पूरे एयरपोर्ट का माहौल गमगीन हो गया था. रात 8.30 बजे शहीद के परिजन संकल्प के पार्थिव शरीर को लेने एयरपोर्ट पहुंच गये थे. सबकी नजरें टर्मिनल बिल्डिंग की तरफ थी. देर रात 9.15 बजे शहीद का शव एयरफोर्स के विशेष विमान से रांची पहुंचा. शहीद के शव के साथ उनके भाई भी आये.
शहीद के शव को पुराने एयरपोर्ट के वीआइपी गेट से निकला गया. जैसे ही आर्मी के जवान शव लेकर बाहर आये, वहां खड़े उनके दोस्त व परिजन की आंखों से आंसू निकल आये. सभी उनकी एक झलक पाना चाहते थे. मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री अजरुन मुंडा, धर्मेद्र प्रधान, जयंत सिन्हा, रघुवर दास, देवेंद्र सिंह रावत व भूपेंद्र यादव भी मौजूद थे. सारे नेताओं ने उनके परिजनों से मुलाकात की.
77 फील्ड रेजीमेंट के अधिकारी पहुंचे : 77 फील्ड रेजीमेंट के अधिकारी व सैन्य पुलिस शाम छह बजे ही एयरपोर्ट पहुंच गये थे. शहीद का शव को सम्मान के साथ बूटी स्थित उनके आवास ले जाया गया. एयरपोर्ट पहुंंचने वालों में संजीव तुसिर, आरके पंडा, अरुण पांडेय, शाहरुख हसन, गुरप्रीत सिंह, अनूप देवरे, मंदार सुरेश भुवई समेत कई अन्य सैन्य अधिकारी भी थे.
पिता की जीवटता देख हैरान थे लोग
एक ओर शहीद बेटा का शव आ रहा था. वहीं दूसरी ओर शहीद संकल्प के पिता एसके शुक्ला एयरपोर्ट आये लोगों के बैठने की व्यवस्था कर रहे थे. उनके साथ संकल्प के बहनोई आशीष दीक्षित परिजनों का ढाढ़स बंधा रहे थे. उनकी जीवटता को देख लोग हैरान थे. मुख्यमंत्री एसके शुक्ला को अपने साथ एयरपोर्ट के अंदर ले गये.
मेरे बेटे को ला दो
शहीद संकल्प शुक्ला का पार्थिव शरीर रात के 10.45 बजे उनके कृष्णानगर स्थित घर पर पहुंचा. पार्थिव शरीर के पहुंचते ही बहन मेघा दहाड़ मार कर रोने लगी. कह रही थी कि कोई मेरे भाई को लौटा दो. पिता एसके शुक्ला किसी तरह मेघा को संभालने की कोशिश कर रहे थे. संकल्प शुक्ला के दोस्त भी रो रहे थे. सेना के जवानों ने पार्थिव शरीर को गाड़ी से उतार कर घर के पोर्टिको में रखा, तब संकल्प शुक्ला की मां सुषमा शुक्ला को घर के भीतर से बाहर लाया गया. वह लगातार रोये जा रही थीं.
कह रही थीं कि मेरा एक ही बेटा था, उसे वापस ला दो. संकल्प शुक्ला की पत्नी प्रिया पहुंची. पत्नी प्रिया ने रोते हुए सेना के अधिकारियों से आग्रह किया कि वह अभी शव को किसी को नहीं देखने दें. मां देखेंगी, तो वह नहीं बच पायेंगी. पत्नी बार-बार कह रही थी, कोई ना रोयें. उन्हें किसी का रोना अच्छा नहीं लगता था.
फैमिली फ्रेंड टीपी भगत बोले दिलेर बच्चा था
संकल्प शुरू से ही दिलेर बच्च था. वह हिम्मत हारना नहीं जानता था. यह बातें शुक्ला परिवार के फैमिली फ्रेंड टीपी भगत ने कही. श्री भगत का संबंध 60 वर्षों से शुक्ला परिवार से है. वह हर दु:ख-सुख में उनके साथ रहे. वह कहते हैं जानेवाला तो चला गया, लेकिन बच्चे पर फक्र होता है कि देश के लिए अपनी जान दे दी.
बैंड बाजा बंद कर दिया
बूटी मोड स्थित होटल रॉयल रिट्रिट में शादी थी. बारात निकल रही थी, बैंड बाजा भी बज रहा था. शहीद का शव पहुंचते ही लड़केवालों ने बैंड बाजा बंद करवा दिया.
शहीद को सलाम करता हूं : हेमंत सोरेन
राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि शहीद संकल्प शुक्ल ने पूरे देश का नाम रोशन किया है. ये झारखंड का सौभाग्य है कि संकल्प जैसे वीर हमारे राज्य को गौरवान्वित किया है. पूरे देश की जनता की ओर से मैं शहीद को सलाम करता हूं. परिवार का दु:ख कम तो नहीं कर सकता लेकिन, बांट जरूर सकता हूं. इस दु:ख की घड़ी में हम उनके परिजनों के साथ हैं.
समय आयेगा, तो हम भी जवाब देंगे: जयंत
केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि घटना दुखद है. हम परिवार के साथ हैं. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम कर रही है. समय आयेगा, तो हम भी जवाब देंगे.
पुरानी यादों से आंखें नम हो गयीं
संकल्प के दौस्त जसप्रीत भी एयरपोर्ट पहुंचे थे. जसप्रीत ने बताया कि बात वर्ष 1990 की है हमलोग साथ संत जेवियर स्कूल में पढ़ते थे. संकल्प शुरू से ही शांत स्वभाव का था. लेकिन, अपने दोस्तों का ख्याल रखता था. इतना कहते हुए जसप्रीत भावुक हो जाते हैं. जसप्रीत बताते हैं वह दिल्ली में थे, जैसे ही खबर मिली वह तुरंत रांची आ गये. डेढ़ वर्ष पहले वो रांची आया था और हमेशा अपने पुराने दोस्तों को ढूंढता रहता था.
संत जेवियर्स में दी गयी श्रद्धांजलि
संत जेवियर्स कॉलेज ने 24 पंजाब रेजिमेंट के शहीद लेफ्टिनेंट कर्नल संकल्प शुक्ला को श्रद्धांजलि दी. सेमेस्टर एक, तीन व पांच की अंतिम परीक्षा से पूर्व विद्यार्थियों को घटनाक्रम के बारे में बताया गया व उनके सम्मान में मौन रखा गया. संकल्प शुक्ला इस कॉलेज के कॉमर्स संकाय के छात्र रह चुके थे . वह वर्ष 1994 में पास आउट हुए थे. कॉमर्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर अरुण कुमार सिन्हा ने बताया कि संकल्प एक अच्छे छात्र थे. हिंदी व अंगरेजी भाषा पर उनकी अच्छी पकड़ थी. वह क्विज के शौकीन भी थे. कॉलेज के नोटिस बोर्ड पर शहीद से जुड़ी जानकारी चस्पा की गयी.
मेयर और डिप्टी मेयर मिले शहीद के परिजनों से : शहीद संकल्प शुक्ला के परिजनों से मिलने शनिवार की शाम मेयर आशा लकड़ा व डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय उनके आवास पहुंचे. इस दौरान मेयर व डिप्टी मेयर ने शहीद संकल्प के पिता को कहा कि आपके पुत्र की शहादत से पूरा झारखंड गौरवान्वित है. उनकी कमी को कोई भी पूरा नहीं कर सकता है.