हरियाणा में धर्मगुरु संत रामपाल की गिरफ़्तारी पर असमंजस बना हुआ है. हिसार में उनके आश्रम के बाहर उनके हज़ारों समर्थक उनकी गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे हैं.
उनकी गिरफ़्तारी के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की 35 कंपनियां तैनात की गई हैं और आश्रम के चारों ओर भारी नाकेबंदी की गई है.
चंडीगढ़ के स्थानीय पत्रकार दलजीत अमी ने बताया कि पिछले साल जुलाई में संत रामपाल के समर्थकों ने हत्या के मामले में एक पेशी के दौरान ज़िला अदालत की कार्रवाई में दखलंदाजी की थी और वकीलों को अंदर जाने से रोका था.
इसके बाद रामपाल के ख़िलाफ़ अवमानना का मामला दर्ज किया गया.
आश्रम की घेरेबंदी
दरअसल, रामपाल पर हत्या का एक मामला चल रहा है. वर्ष 2006 में उनके समर्थकों ने रोहतक के ग्रामीणों पर गोली चला दी थी जिसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई जबकि कई घायल हो गए थे.
अवमानना मामले में पिछले पांच नवम्बर को अदालत में पेशी थी, लेकिन रामपाल नहीं आए. बल्कि उनके चालीस हज़ार समर्थकों ने चंडीगढ़ में रेलवे स्टेशन को ठप कर दिया.
इसके बाद कोर्ट ने ग़ैरजमानती वारंट जारी कर उन्हें 10 नवंबर तक हाई कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.
पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ रामपाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, लेकिन यहां भी उन्हें निराश होना पड़ा.
पेशी का आदेश
अदालत ने हरियाणा के डीजीपी और गृह सचिव को 17 नवंबर तक रामपाल को अदालत में पेश करने का आदेश दिया था.
लेकिन गिरफ़्तारी का विरोध कर रहे रामपाल के समर्थक हिसार के बरवाला कस्बे में स्थित सतलोक आश्रम के चारों ओर मानव श्रृंखला बनाकर बैठ गए हैं. युवा समर्थकों ने हेलमेट पहन रखा है और उनके हाथों में लाठिया हैं.
संत रामपाल की गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की 25 कंपनियों ने आश्रम के बाहर घेरा डाल रखा है. पुलिस ने आश्रम की बिजली काट दी है और लोगों को वहां से चले जाने को कहा है.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी शनिवार को धर्मगुरू से शांतिपूर्वक अदालत के सामने पेश होने की अपील की थी.
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