ऑनलाइन शॉपिंग के बारे में तो आपने सुना ही होगा, पर ऑनलाइन स्पर्म शॉपिंग का मामले पहला बार प्रकाश में आया है. एक ब्रिटिश मां ने अपनी बेटी पर 13 साल की उम्र में प्रेगनेंट होने का दबाव डाला. इस मां ने ऐसा किया क्योंकि वह और अधिक बच्चों को अडॉप्ट नहीं कर सकती थी इसलिए इंटरनेट के जरिए खरीदे गए स्पर्म से उसने अपनी बेटी पर ऐसा करने का दबाव डाला.
द गार्डियन की रिपोर्ट पर यकीन करें तो, दो साल तक लगातार गर्भाधान करने के बाद वर्जिन, डॉटर ने बच्चे को जन्म दिया. बेटी ने यह सब अपनी मां के डर से किया.
बेटी और ग्रैंडचाइल्ड की पहचान छिपाने की खातिर अडॉप्टिव मां का नाम नहीं बताया जा सकता. बच्ची की मां ने क्रूरता की बात स्वीकारी जिसके बाद वह पांच साल जेल की सजा काट रही है.सीक्रेट कोर्ट जजमेंट की केस रिपोर्ट करने की इजाजत के बाद यह घटना दुनिया के सामने पहुंच सकी.
फैमिली डिविजन जज जस्टिस जैक्सन ने अपने फैसले में माना कि यह स्थायी अविश्वास है कि पैरंट्स अपने मासूम बच्चे से ऐसा स्वार्थ भाव दिखा सकते हैं. गुनहगार मां ने विदेश से तीन बच्चों को गोद लिया था.
हेल्थ कंडिशन और नसबंदी की वजह से मां ने खुद कभी बच्चे को जन्म नहीं देने का फैसला किया था.
लेकिन जब उसे चौथे बच्चे को अडॉप्ट करने का अप्रूवल नहीं मिला तो उसने इस काम के लिए अपनी बेटी को इस्तेमाल किया.
जजमेंट में बताया गया कि कृत्रिम गर्भाधान प्रोग्राम तब प्लान किया गया जब उसकी बेटी 13 साल की थी, 14 साल की उम्र में यह शुरू हुई और जब वह प्रेगनेंट हुई तब उसकी उम्र 16 साल थी.
दो साल तक लड़की ने सात बार गर्भाधान किया, इस दौरान वह बेडरूम में अकेले रहकर, वीर्य की सीरींज का इस्तेमाल करती थी जबकि डूशंस उशकी मां तैयार करती थी. ऐसी संभावना है कि 14 साल की उम्र में उसका गर्भपात भी हुआ था.