लीबिया में जारी संघर्ष ने वहाँ के लोगों के सामने इस बात की चुनौती खड़ी कर दी है कि वे खुद को महफूज़ कैसे रखें.
2011 में लीबिया में संघर्ष की शुरुआत हुई थी और उसके बाद से वहाँ के दो बड़े शहरों त्रिपोली और बेनगाज़ी में हिंसा रोजमर्रा की बात हो गई है.
(लीबिया की संसद पर भारी गोलाबारी)
कर्नल गद्दाफ़ी की सत्ता के पतन के बाद से लीबिया में सक्रिय तकरीबन दो हज़ार सशस्त्र गुटों पर लगाम लगाने के लिए वहाँ कोई प्रभावशाली सेना नहीं है.
इन्हीं हालात में ट्विटर पर लोग कई तरह की सुरक्षा हिदायतें दे रहे हैं. ट्विटर पर ये सुरक्षा नसीहतें #lysurvivaltips के हैशटैग से मौजूद हैं.
ट्विटर पर एक व्यक्ति ने लिखा है, "गोलीबारी के दौरान अगर आप घर या दफ्तर में फंस जाएं तो खिड़कियों और दरवाजों से दूर रहें. इन हालात में अगर कहीं जाना हो तो किसी जगह पर बेवजह खड़े न हों."
मददगार नसीहतें
हाइथेम लिखते हैं, "ड्राइविंग करते वक्त ऐसा पहचान पत्र न रखें जिस पर आपके जन्म के शहर के बारे में कुछ लिखा हो."
मंसूर ने ट्वीट किया है, "50 फीसदी बहादुरी तो भाग जाने में है."
जाज़िया लिखती हैं, "गोलीबारी के दौरान कहीं फंस जाएं तो किसी कार के पीछे न छिपें. गोलियाँ बड़ी आसानी से इसके दरवाजे को पार कर सकती हैं."
नैफ़ का ट्वीट है, "आप सड़क पर हों और गोलियां चल रही हों तो आड़े तिरछे तरीक़े से भागें ताकि गोली लगने का ख़तरा कुछ कम हो सके."
हालांकि आधिकारिक तौर पर ऐसी कोई सुरक्षा सलाह नहीं जारी की गई है. ये नसीहतें मददगार हैं और कभी-कभी तो दिल को छू लेने वाली हैं.
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