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छोटा घर बड़ा परिवार, प्यार के लम्हों को तरसते लोग

<figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/41D6/production/_110645861_7078864e-5f87-4db1-bfbe-a06005a9a2be.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>&quot;मेरे घर में सब कुछ है, खाना भी मुझे मेज़ पर मिल जाता है लेकिन जो नहीं मिलता, वह है पति के साथ अकेले में कुछ लम्हे. अगर मैं अपने पति के साथ लड़ना भी चाहूं तो मुझे घर के […]

<figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/41D6/production/_110645861_7078864e-5f87-4db1-bfbe-a06005a9a2be.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>&quot;मेरे घर में सब कुछ है, खाना भी मुझे मेज़ पर मिल जाता है लेकिन जो नहीं मिलता, वह है पति के साथ अकेले में कुछ लम्हे. अगर मैं अपने पति के साथ लड़ना भी चाहूं तो मुझे घर के सभी सदस्यों के सोने का इंतजार करना पड़ता है. महिला पर कई तरह की पाबंदियां होती हैं, वो खुलकर सभी मुद्दों पर बात नहीं कर सकती हैं. मैं बस इतना ही चाहती हूं कि मुझे प्राइवसी चाहिए.&quot;</p><p>मुंबई के ताड़देव इलाके में रहने वाली मृणाल बारगुडे कहती हैं कि वैसे तो मुंबई को सपनों का शहर कहा जाता है, लोग अलग-अलग सपने लिए इस शहर में आते हैं, लेकिन मेरा बस यही छोटा सा सपना है- घर में पति के साथ थोड़ा एकांत मिले.</p><p>ये सच्चाई मुंबई में रहने हर उस इंसान की है जिसके पास सिर पर रहने के लिए छत तो है लेकिन निजता फिर भी नहीं है.</p><p>मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है और दुनिया के सबसे महंगे शहरों में इसका नाम शुमार है.</p><p>इस शहर का एक इलाक़ा सातरस्ता, सेंट्रल लाइन पर स्थित भायखला स्टेशन के पास है. ये इलाका नई बनी इमारतों के बीच पुरानी चॉल से भरा काफी सघन इलाक़ा है और हर तरह के लोग यहां रहते हैं.</p><p>इसी इलाके से सटा हुआ है मशहूर धोबी घाट और दगड़ी चॉल जिसे मुंबई के जाने-माने अंडरवर्ल्ड माफ़िया अरुण गवली का गढ़ माना जाता था. वहीं आस-पास भीड़भाड़ वाले इस इलाके में अब आसमान छूती इमारतें खड़ी हो रही हैं.</p><p>बड़े-बड़े होर्डिंग्स, ट्रैफिक जाम के बीच सामान बेचते फेरीवालों की आवाज़ें और सड़क के दोनों पार खड़ी इमारतें.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-43003360?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ज़बरदस्ती करने वाले पति को मैंने छोड़ दिया</a></p><figure> <img alt="शिवदर्शन बिल्डिंग" src="https://c.files.bbci.co.uk/184EC/production/_110646599_c0fec48e-c30f-4d5b-ae99-dba89b9cd9ab.jpg" height="549" width="976" /> <footer>FACEBOOK</footer> <figcaption>शिवदर्शन बिल्डिंग</figcaption> </figure><h3>घर में सबकुछ लेकिन एकांत कहां?</h3><p>हमने इन्हीं इमारतों में से एक शिवदर्शन बिल्डिंग का जायज़ा लिया. इस पुरानी छह मंज़िला इमारत में 126 घर हैं. </p><p>हर फ्लैट का आकार है- सिर्फ़ 160 वर्गफ़ीट. हर घर में है एक कमरा जिसके एक भाग में किचन के लिए स्लैब डाला गया है. अगर आपको टॉयलेट जाना है तो घर से बाहर जाकर कॉमन टॉयलेट इस्तेमाल करना होगा.</p><p>घर में सामान की बात की जाए तो फ्रिज, वॉशिंग मशीन, सोफ़ा-टेबल यानी ज़रूरत की सारी चीज़ें हैं. लेकिन मुश्किल से छह-सात कदम चलने पर घर ही ख़त्म हो जाता है. </p><p>घर का सामान रखने के लिए लोगों ने घरों के भीतर छज्जे डाले हुए हैं. कुछ लोगों ने अपने इसी घर में परदे लगा कर पार्टिशन कर दो कमरे बनाए हैं.</p><p>इन तंग घरों में लोग रहते कैसे होंगे? ये देखकर मेरे मन में यही सवाल कौंध रहा था – बच्चे कहां पढ़ते होंगे, कहां टीवी देखते होंगे, कहां खेलते होंगे या पति-पत्नी कब आपस में शांति से बात कर पाते होंगे.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-43301743?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’मैं अब भी रात में अकेले बाहर जाती हूं'</a></p><figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/11B74/production/_110646527_1275de2e-89d3-4029-aee9-4cb79aab0d22.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>जहां हम निजता का सवाल उठाते रहते हैं, कई बार &quot;माय स्पेस&quot; की बात करते हैं, वो सब यहां आ कर मुझे बेमानी लग रहे थे.</p><p>हालांकि ये सब नया नहीं था क्योंकि मैं मुंबई का ही रहने वाला हूं लेकिन अब तक मैंने सुना था लेकिन अब देखकर कई तरह के खयाल उमड़ रहे थे.</p><p>परिवार बड़ा हो तो परिवार के सदस्य बाहर बरामदे में बिल्कुल दीवार से सटकर सो जाते हैं. अगर बरामदे में किसी और मकान के भी सदस्य सो रहे हो तो नींद में इनके हाथ-पांव आपस में टकरा भी जाते हैं.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>:</strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51030692?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या परिवार का मतलब सिर्फ़ मियां-बीवी और बच्चे हैं?</a></p><figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/16994/production/_110646529_39c279a9-e712-4267-83b1-193e9ef02bdb.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>इसी इमारत के सेक्रेटरी विलास रेडिज़ ने मुझे बताया कि अगर किसी परिवार में नई-नई शादी हुई होती है तो घर के बुज़ुर्ग बाहर सो जाते है ताकि नवविवाहित दंपति को एकांत मिल सके. ये बुज़ुर्ग मंदिर में बैठकर या बाज़ार में घूमकर घंटों समय बीता देते हैं.</p><p>रेडिज़ बताते हैं कि मुंबई में घर लेना आसान नहीं है.</p><p>स्क्वेयर फ़ीट इंडिया वेबसाइट के वरुण सिंह बताते हैं, &quot;अगर आप मुंबई के बोरिवली, चेंबूर, मुलुंड जैसे इलाकों में घर लेना चाहते हैं तो आपके पास कम से कम करोड़ रुपये होना ज़रूरी है. आपको एक चॉल ख़रीदने के लिए भी 60 से 90 लाख रुपये ख़र्च करने होंगे. एक झुग्गी ख़रीदने के लिए 20 से 50 लाख रुपये देने होंगे.&quot;</p><p>विलास रेडिज़ ने बताया, &quot;जब मेरे बेटे की शादी हुई, मैंने 160 वर्गफ़ीट के घर में 50 फ़ीट का छोटा सा कमरा बना दिया. हालांकि कुछ समय बाद मेरे बेटे ने दूसरा घर ले लिया लेकिन ये सबके लिए संभव नहीं होता है.&quot;</p><p>जब विलास अपनी आपबीती सुना रहे थे तभी मुझे अपने एक दोस्त बात याद आ गई. मैं उसका नाम नहीं बताना चाहूंगा लेकिन उसने हंसी-मज़ाक में कहा था कि कैसे उसकी सेक्स लाइफ़ एक चादर में ही सिमट कर रह गई थी. ये बात मुझे अब समझ आई कि उसमें कितना गहरा मकसद छिपा था. वो भी अपने परिवार के साथ एक चॉल में ही रहता है.</p><p>जब विलास से मैं बात कर रहा था उसी समय उनकी बेटी मृणाल भी वहां आ गई. वो किसी काम से अपने पिता विलास के घर आई थीं. मृणाल एक निजी कंपनी में अकाउटेंट का काम करती हैं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50983703?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जिस लड़की को सेक्स की चाहत नहीं उसे कैसा परिवार चाहिए? </a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-42929320?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’मैंने कुंवारी मां बनने का फ़ैसला क्यों किया?'</a></li> </ul><figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/34FC/production/_110646531_d5caeb9d-9cf6-41b0-843f-135bfcdc26e6.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>निजता की क्या ज़रूरत</strong><strong>?</strong></p><p>मृणाल का कहना था, &quot;मेरी मां ने मुझे सलाह दी थी कि अगर शादी करो तो इकलौते लड़के से शादी करना. मेरे घर में जगह कम है और लोग ज़्यादा. आप खुद सोचिए कि 225 वर्गफ़ीट के कमरे में तीन जोड़े, दो बच्चे और एक बुज़ुर्ग रहते हैं.</p><p>मृणाल की सोसाइटी उनके मायके से बमुश्किल 10 मिनट की दूरी पर है. वो जिस इमारत में रहती हैं उसका नाम भी शिवदर्शन है. यहां झुग्गियों को हटाकर इमारतें बना दी गई हैं.</p><p>वे बताती है कि उन्हें परिवार के साथ धारावाहिक देखना पसंद है, ख़ासकर जो एक संयुक्त परिवार पर बना है. लेकिन इतने सदस्यों की अलग अलग चीज़ें देखने की ख्वाहिश होती है तो ऐसे में वे अपनी पसंदीदा धारावाहिक अपने मोबाइल फ़ोन पर ही देखकर संतोष कर लेती हैं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51223341?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ख़ून के रिश्तों से ज़्यादा ‘गुरु’ को क्यों मानते हैं किन्नर?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-47402266?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">लड़की के 3 बॉयफ़्रेंड और तीनों से प्यार मुमकिन है?</a></li> </ul><figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/DE16/production/_110645865_1117f87e-313f-44ec-9acb-bedc68a8ea0c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>जब हमने सवाल पूछा कि इतने लोग एक घर में कैसे रह लेते हैं तो भावुक होकर कहती है, &quot;अगर मैं बीमार पड़ जाती हूं तो मुझे बैठकर ही आराम करना पड़ता है क्योंकि घर में जगह ही नहीं होती. यही घर-घर की कहानी है.&quot;</p><p>वो बताती हैं कि मुझे अपनी बेटी के लिए बुरा लगता है क्योंकि घर में उसके खेलने के लिए थोड़ी-सी भी जगह नहीं होती और अगर हम निजता की बात करें तो लोग कहते हैं- &quot;अरे अभी तो बेटी हो गई, निजता की क्या ज़रूरत है?&quot;</p><p>मृणाल के पति मनीष एक बिज़नेसमैन हैं, वे कहते हैं कि मुंबई में अपना घर ख़रीदना एक सपने जैसा है. आप जितनी भी कोशिशें कर लें, नए मकान की बढ़ती कीमतें तक पहुंच ही नहीं सकते. पत्नी हमेशा धारावाहिक वाले जीवन में जीना चाहती है तो उसे मनाने के लिए कभी बाहर घूमाने ले जाना पड़ता है, खाना खिलाना पड़ता है, बस यही सब हम कर सकते हैं.</p><p>और ख़ुद को खुश करना हो तो मनीष इतवार को क्रिकेट खेल लेते हैं.</p><p>स्क्वेयर फ़ीट इंडिया वेबसाइट के वरुण सिंह कहते हैं कि मुंबई में पहले छोटे घरों की अवधारणा थी और इसकी प्रमुख वजह मुंबई में जगह का न होना है. वे बताते हैं कि इस साल मुंबई में जो नए घर बने हैं उनके क्षेत्रफल में 25 फ़ीसदी की कमी आई है.</p><p>वे कहते हैं कि घर का आकार जितना बड़ा होगा उसकी कीमत उतनी ही बढ़ जाती है इसलिए कीमत को काबू में रखने के लिए छोटे घर बनना अनिवार्य हो जाता है.</p><p>मुबंई में जुहू, चौपाटी, बैंडस्टैंड, नरिमन पॉइंट जैसे कई इलाके मिलेंगे जहां आपको प्रेमी जोड़े मिल जाएंगे. शादीशुदा जोड़े भी वहां आपको वक्त बिताते मिल जाएंगे.</p><figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/831C/production/_110646533_a5108c7c-d32d-4376-b801-01241b91350e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><h3>पति करते हैं शक़</h3><p>शिल्पा फडके एक सोशियॉलॉजिस्ट हैं जो टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस में पढ़ाती हैं. उनकी एक किताब, &quot;वाए लॉएटर? वूमन एंड रिस्क ऑन मुंबई स्ट्रिट्स&quot; में उन्होंने लिखा है कि मुंबई के इन इलाकों में आपको अक्सर शादीशुदा जोड़े दिखाई दे जाएंगे.</p><p>भारत सरकार की <a href="https://www.census2011.co.in/census/city/365-mumbai.html">2011 की जनगणना</a> के मुताबिक़ मुंबई में क़रीब साढ़े ग्यारह लाख झुग्गियां है जिसमें 52 लाख से अधिक लोग रहते हैं. यह मुंबई की कुल आबादी का 41.84 फ़ीसदी है. यह आंकड़ा साफ़-साफ़ बताता है कि वहां रह रहे परिवारों में निजता की कमी है.</p><p>उधर महिलाओं से जुड़े मसलों पर काम करने वाली सोशल वर्कर मुमताज़ शेख़ कहती हैं कि घरेलू हिंसा की शिकार कई महिलाएं ये शिकायत करती हैं कि उनके पति उन पर शक़ करते हैं. </p><figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/8FF6/production/_110645863_6b917244-ba5f-4164-9785-712c8e0b9ebd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>दरअसल घर की महिलाएं, छोटे घर और उसमें रहने वाले सदस्यों के कारण पति से संबंध बनाने से इंकार कर देती हैं. पति इन महिलाओं की ‘न’ को अहंकार का मुद्दा बना लेते हैं और उन पर शक़ करने लगते हैं. कई बार तो वे अपनी पत्नियों से हिंसा भी करते हैं.</p><p>वे बताती हैं कि उनके मर्द किसी ग़ैर-औरत के पास न जाएं इसके लिए वे पार्लर भी जाती हैं ताकि सुंदर दिख सकें.</p><p>मुमताज़ की संस्था ने सखी सहेली और यारी दोस्ती ने साल 2004 में एक सर्वेक्षण किया था. इसमें ये बात सामने आई कि छोटे घर में रहने वाली महिलाएं तंबाक़ू और गुल से मंजन करती हैं ताकि वो नशे में रहें और उनको पता ही न चले कि उनका पति उनके साथ हिंसा कर रहा है या यौन संबंध बना रहा है. साथ ही नशे की वजह से उनके मन लाज की भावना न रहे.</p><figure> <img alt="160 स्क्वेयर फ़ीट के घर में नौ लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/D13C/production/_110646535_aa7e9415-a049-4689-a4c3-cf08d663beed.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>सेक्सॉलॉजिस्ट सागर मुंदड़ा कहते हैं कि छोटी जगह पर रहने से लोगों के दिमाग पर भी असर पड़ता है. मोबाइल के ज़माने में आप एक क्लिक पर अपनी फैंटसी पा लेते हैं, लोग पोर्न साइट्स पर जाकर आनंद पाने की कोशिश करते हैं और अपनी पार्टनर में रुचि कम दिखाते हैं.</p><p>डॉ मुंदड़ा कहते हैं कि ऐसे भी दंपति होते हैं जो बच्चा पाने के लिए बाहर जाते हैं और यही उनके लिए निजता होती है.</p><p>वे बताते हैं कि कई बार पुरुष इसकी राह ढूंढ़ते हुए बुरी आदतों से घिर जाते हैं और इससे उनका तनाव बढ़ जाता है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं)</strong></p>

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