<figure> <img alt="पुतिन और मेदवेदेव" src="https://c.files.bbci.co.uk/53F3/production/_110519412_f68410ec-cdd6-4b37-b67c-60665df4ad3a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के देश में व्यापक संवैधानिक सुधारों का प्रस्ताव रखने के बाद रूस के प्रधानमंत्री दिमित्रि मेदवेदेव और उनकी पूरी कैबिनेट ने इस्तीफ़ा दे दिया है.</p><p>दिमित्रि मेदवेदेव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के इन प्रस्तावों से सत्ता संतुलन में काफ़ी अहम बदलाव आएंगे.</p><p>उन्होंने कहा, ”ये बदलाव जब लागू हो जाएंगे तो न सिर्फ़ संविधान के सभी अनुच्छेद बदल जाएंगे बल्कि सत्ता संतुलन और ताक़त में भी बदलाव आएगा. एक्जीक्यूटिव की ताक़त, विधानमंडल की ताक़त, न्यायपालिका की ताक़त, सब में बदलाव होगा. इसलिए मौजूदा सरकार ने इस्तीफ़ा दिया है.”</p><p><a href="https://twitter.com/AFP/status/1217445203403051008">https://twitter.com/AFP/status/1217445203403051008</a></p><p>राष्ट्रपति पुतिन ने संविधान में बदलाव के जो प्रस्ताव रखे हैं उनके लिए देशभर में वोट डाले जाएंगे. इसके ज़रिए सत्ता की ताक़त राष्ट्रपति के बजाय संसद के पास ज़्यादा होगी.</p><p>पुतिन ने प्रधानमंत्री का पद छोड़ रहे दिमित्रि मेदवेदेव को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का डिप्टी चेयरमैन बनाने का फ़ैसला किया है.</p><p>अचानक आया रूस की सरकार का यह इस्तीफ़ा हैरान करने वाला है. राष्ट्रपति पुतिन ने एक बयान में सरकार को उसकी उपलब्धियों के लिए धन्यवाद दिया है.</p><p>बीबीसी की मॉस्को संवाददाता सारा रेंसफर्ड ने बताया कि यह अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि पुतिन ने प्रधानमंत्री मेदवेदेव को पद से क्यों हटाया है.</p><p>उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”दरअसल, पुतिन ने मेदवेदेव को प्रधानमंत्री पद से हटा दिया है और आमतौर पर मेदवेदेव जो फ़ैसले लेते थे अब वो (पुतिन) ख़ुद लेंगे. उन्होंने मंत्रियों से तब तक पद पर बने रहने के लिए कहा है जब तक नई कैबिनेट की घोषणा नहीं हो जाती. मेदवेदेव सिक्योरिटी काउंसिल के डिप्टी होंगे. लेकिन क्यों.”</p><p><a href="https://twitter.com/sarahrainsford/status/1217444770043322369">https://twitter.com/sarahrainsford/status/1217444770043322369</a></p><h1>मौजूदा संविधान रोक रहा है पुतिन की राह?</h1><p>राष्ट्रपति के रूप में पुतिन का चौथा कार्यकाल 2024 में ख़त्म होगा, और मौजूदा संविधान के नियमों के मुताबिक वो अगली बार राष्ट्रपति नहीं हो सकते.</p><p>माना जा रहा है कि अगर रूस के संविधान में ये बदलाव लागू होते हैं, तो राष्ट्रपति पुतिन सत्ता में लंबे समय तक बने रह सकते हैं.</p><p>हालांकि देश की संसद को अपने सालाना संबोधन में पुतिन ने कहा कि भविष्य में राष्ट्रपति का कार्यकाल दो बार तक के लिए सीमित किया जाना चाहिए.</p><p>पुतिन ने स्टेट काउंसिल की शक्तियों को बढ़ाने की भी सिफ़ारिश की है. इसकी अध्यक्षता ख़ुद राष्ट्रपति पुतिन करते हैं.</p><p>उन्होंने यह भी प्रस्ताव रखा है कि संसद मंत्रियों की नियुक्ति करे, हालांकि राष्ट्रपति के पास मंत्रियों को बर्ख़ास्त करने का अधिकार होगा.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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पुतिन का संविधान बदलने का प्रस्ताव, रूसी सरकार का इस्तीफ़ा
<figure> <img alt="पुतिन और मेदवेदेव" src="https://c.files.bbci.co.uk/53F3/production/_110519412_f68410ec-cdd6-4b37-b67c-60665df4ad3a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के देश में व्यापक संवैधानिक सुधारों का प्रस्ताव रखने के बाद रूस के प्रधानमंत्री दिमित्रि मेदवेदेव और उनकी पूरी कैबिनेट ने इस्तीफ़ा दे दिया है.</p><p>दिमित्रि मेदवेदेव ने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के इन प्रस्तावों से सत्ता संतुलन में काफ़ी अहम […]
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