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बैक्टीरियल इन्फेक्शन है यूटीआइ

मूत्राशय का संक्रमण (यूटीआइ) महिलाओं में आम समस्या है. यह बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है. इसका मुख्य कारण साफ-सफाई का अभाव है. लगभग 40} महिलाएं जीवन में कभी-न-कभी इससे संक्रमित होती हैं. सामान्यत: मूत्र में बैक्टीरिया नहीं होते हैं. यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) ‘इ कोलाइ’ बैक्टीरिया के कारण होता है, जो आंतों में पाये […]

मूत्राशय का संक्रमण (यूटीआइ) महिलाओं में आम समस्या है. यह बैक्टीरिया के संक्रमण से होता है. इसका मुख्य कारण साफ-सफाई का अभाव है. लगभग 40} महिलाएं जीवन में कभी-न-कभी इससे संक्रमित होती हैं.

सामान्यत: मूत्र में बैक्टीरिया नहीं होते हैं. यूरीनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआइ) ‘इ कोलाइ’ बैक्टीरिया के कारण होता है, जो आंतों में पाये जाते हैं. यह मल द्वार से आकर मूत्र द्वार को संक्रमित करता है. संक्रमण मूत्र द्वार से होते हुए मूत्र थैली तथा गुरदे तक जा सकता है, जो रोग को और गंभीर बना सकता है. प्रेग्नेंसी में हॉर्मोस में बदलाव आने व गर्भाशय के आकार के बढ़ने से कई बदलाव आते हैं. इससे यूटीआइ रिस्क बढ़ जाता है. करीब 40} महिलाएं इससे ग्रसित होती हैं.

गुरदे में संक्रमण है गंभीर
जब पेशाब में प्रति एमएल में 1 लाख जीवाणु हों, तो यह अवस्था यूटीआइ कहलाती है. कभी-कभी संक्रमण बिना लक्षण के भी हो सकता है. यह मुख्यत: 2} से 11} गर्भवती महिलाओं में होता है. 40} मामलों में संक्रमण गुरदे में फैल जाता है. यह एक गंभीर अवस्था है. इसका इलाज एंटीबायोटिक की सहायता से किया जाता है.

जच्चे और बच्चे पर इसका असर :
समय से पहले जन्मत्न कमजोर बच्‍चा
मां में उच्च रक्तचाप
एनिमिया

गर्भाशय में संक्रमण.
बचाव के लिए उचित है कि प्रेग्‍नेंसी में गर्भाशय और पेशाब की नियमित जांच कराएं. शुगर और प्रोटीन की भी जांच करवाएं. मूत्र में बैक्टीरिया अधिक होने पर इलाज जरूरी है.

डॉ मीना सामंत
प्रसूति व स्त्री रोग विशेषज्ञ कुर्जी होली फेमिली हॉस्पिटल, पटना

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