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केन लोच : सिनेमा में समाजवाद

अजित राय वरिष्ठ फिल्म समीक्षक ब्रिटिश फिल्मकार केन लोच एक बार फिर अपनी नयी फिल्म ‘सॉरी, वी मिस्ड यू’ के साथ चर्चा में है. इस साल कान फिल्म समारोह के प्रतियोगिता खंड में उनकी फिल्म के प्रदर्शन का जोरदार स्वागत हुआ. उन्होंने ब्रिटेन के न्यू कैसल शहर के एक ऐसे परिवार की कहानी उठायी है, […]

अजित राय
वरिष्ठ फिल्म समीक्षक
ब्रिटिश फिल्मकार केन लोच एक बार फिर अपनी नयी फिल्म ‘सॉरी, वी मिस्ड यू’ के साथ चर्चा में है. इस साल कान फिल्म समारोह के प्रतियोगिता खंड में उनकी फिल्म के प्रदर्शन का जोरदार स्वागत हुआ.
उन्होंने ब्रिटेन के न्यू कैसल शहर के एक ऐसे परिवार की कहानी उठायी है, जिसका जीवन लगातार मुश्किल हो रहा है. रिकी एक कूरियर कंपनी में डिलीवरी ड्राइवर का काम करता है. उसकी पत्नी ऐबी बूढ़े लोगों की देखभाल करनेवाली प्राइवेट नर्स है. उसका बेटा सेबेस्टियन घर के बिगड़ते हालात से दुखी रहता है और बेटी लिजा को नींद नहीं आती. पति-पत्नी सातों दिन चौदह घंटे काम करने के बावजूद बेहतर जीवन को तरसते हैं.
फिल्म बताती है कि ब्रिटेन में आम आदमी का जीवन मुश्किल होता जा रहा है. कंपनी रिकी को मजदूरी नहीं ‘फीस’ देती है, क्योंकि वह कंपनी की फ्रेंचाइजी के साथ बिजनेस कर रहा है. यह धोखा है, जिससे मजदूरों के हितों के लिए लागू कानून के पालन से कंपनी बच जाती है. रिकी रोज सोचता है कि वह एक दिन अपना वैन खरीद कर अपना बिजनेस शुरू करेगा. ऐबी अपनी कार बेच देती है और रिकी कर्ज लेकर वैन खरीद कर उसी कंपनी की फ्रेंचाइजी ले लेता है.
लेकिन नये आर्थिक कानून उससे वे सारी सुविधाएं छीन लेते हैं, जो एक मजदूर के नाते उसे मिलती थी. एक दृश्य में गुंडे उस पर हमला कर सारा पार्सल लूट लेते हैं. उसकी पत्नी उसे अस्पताल ले जाती है. तभी कंपनी मालिक का फोन आता है कि उसे अब एक हजार पाउंड का जुर्माना देना होगा. अंतिम दृश्य में सबके मना करने के बावजूद वह घायल अवस्था में ही वैन लेकर निकल जाता है, क्योंकि उसे जुर्माना भरना है.
केन लोच इस मायने में विश्व सिनेमा के दुर्लभ फिल्मकार हैं, जिनका समाजवाद में विश्वास अाज भी कायम है. वे 82 साल की उम्र में भी अपनी नयी फिल्म ‘सॉरी वी मिस्ड यू’ को लेकर उत्साहित हैं.
तीन साल पहले साल 2016 में उनकी फिल्म ‘आई, डेनियल ब्लैक’ को कान फिल्म समारोह में बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड ‘पाम डि ओर’ मिला था.
हालांकि, इससे पहले भी उन्हें ‘दि विंड दैट शेक्स द बार्ली’ (2006) फिल्म के लिए यह सम्मान मिल चुका है, जो आयरलैंड के स्वाधीनता संग्राम (1919-21) और सिविल वार (1922-23) पर आधारित थी.
तीन साल पहले जब कान फिल्म समारोह में केन लोच को सम्मानित किया गया, तब उन्होंने कहा था- ‘नव उदारवादी आर्थिक नीतियों के कारण दुनियाभर में गरीबों का जीना मुश्किल हो गया है. इस व्यवस्था ने गरीबों को ही उनकी गरीबी का जिम्मेदार मान लिया है. अब हमें यह बात जोर देकर कहना चाहिए कि एक दूसरी दुनिया संभव है और जरूरी है.’
आज इस दिग्गज फिल्मकार के साहस को सलाम किया जा रहा है, जिसे महज चार साल पहले कान में उनकी फिल्म ‘जिम्मीज हॉल’ के बाद रिटायर मान लिया गया था. वे कहते हैं कि यह कैसा अन्याय है कि यदि आपके पास खाने को नहीं है, तो इसे आपका ही गुनाह मान लिया जा रहा है. कान फिल्म समारोह के 72 साल के इतिहास में केन लोच को 19 बार आमंत्रित किया जा चुका है.

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