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ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री जॉनसन के फ़ैसले को अवैध बताया

<p>ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का संसद को पाँच हफ़्ते के लिए निलंबित करने का फ़ैसला ग़ैरक़ानूनी था. </p><p>प्रधानमंत्री जॉनसन ने इसी महीने संसद को पाँच हफ़्ते के लिए निलंबित कर दिया था. उनका कहना था कि इस फ़ैसले से क्वीन के भाषण के ज़रिए उनकी नीतियां सामने रखी […]

<p>ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का संसद को पाँच हफ़्ते के लिए निलंबित करने का फ़ैसला ग़ैरक़ानूनी था. </p><p>प्रधानमंत्री जॉनसन ने इसी महीने संसद को पाँच हफ़्ते के लिए निलंबित कर दिया था. उनका कहना था कि इस फ़ैसले से क्वीन के भाषण के ज़रिए उनकी नीतियां सामने रखी जा सकेंगी. </p><p>लेकिन ब्रिटेन की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि संसद को उसके कर्तव्यपालन से रोकना ग़लत था. </p><p>सुप्रीम कोर्ट की प्रेसिडेंट लेडी हेल ने कहा, &quot;इसका हमारे लोकतंत्र के आधारभूत ढांचे पर ख़ासा प्रभाव हुआ.&quot;</p><figure> <img alt="सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते एसएनपी नेता इयान बैकफोर्ड" src="https://c.files.bbci.co.uk/F020/production/_108927416_056759749-1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>उन्होंने कहा कि 11 जजों ने एकमत से फ़ैसला लिया है और संसद अब निलंबित नहीं है. वो फ़ैसला अब प्रभाव में नहीं रहेगा. लेडी हेल ने कहा कि अब हाउस ऑफ़ कॉमन्स और लॉर्ड्स के स्पीकर को अगले क़दम के बारे में फ़ैसला लेना है.</p><p>लेडी हेल ने कहा, &quot;महारानी को संसद निलंबित करने की सलाह देने का फ़ैसला ग़ैर-क़ानूनी था क्योंकि इसका प्रभाव निराशाजनक था. ये किसी तर्कसंगत औचित्य के बिना संसद को इसके संवैधानिक कामकाज करने से रोक रहा था.&quot;</p><p>कॉमन्स के स्पीकर जॉन बर्को ने सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि ‘बिना किसी देरी के’ संसद बुलाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि वो अब ‘अति आवश्यक मामले की तरह’ पार्टी के नेताओं से सलाह करेंगे.</p><p>इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि वो अभी अदालत के फ़ैसले को पढ़ रहे हैं.</p><p>बीबीसी के असिस्टेंट पॉलिटिकल एडिटर नॉर्मन स्मिथ का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री पद पर बने रहने को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बन गई है. कुछ सांसद उनके इस्तीफ़े की मांग कर चुके हैं.</p><p>ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट के सामने दो अपील की गई थीं. एक अपील व्यवसायी और कैंपेनर जीना मिलर और दूसरी सरकार की ओर से दाख़िल की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने बीते हफ़्ते इन पर तीन दिन सुनवाई की और उसके बाद अपना फ़ैसला सुनाया. </p><figure> <img alt="ब्रेक्जिट का विरोध करने वाले नेता" src="https://c.files.bbci.co.uk/A200/production/_108927414_056759727-1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>जीना मिलर ने हाई कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की थी. हाई कोर्ट ने अपने फ़ैसले में कहा था कि संसद को निलंबित करने का फ़ैसला ‘पूरी तरह राजनीतिक’ है और ये ऐसा मामला नहीं है जिस पर कोर्ट सुनवाई करें. </p><p>सरकार ने स्कॉटलैंड की सेशन कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की थी जिसने संसद को निलंबित करने को ‘ग़ैर-क़ानूनी’ बताया था. </p><p>सुप्रीम कोर्ट ने जीना मिलर की अपील के हक़ में फ़ैसला सुनाया. </p><p>फ़ैसला आने के बाद जीना मिलर ने सुप्रीम कोर्ट के बाहर कहा कि कोर्ट का ‘फ़ैसला बहुत कुछ कहता है.’ </p><p>उन्होंने कहा, &quot;प्रधानमंत्री को कल संसद के दरवाज़े खोल देने चाहिए. सांसदों को आना चाहिए और इस अनैतिक सरकार की जवाबदेही तय करने की दिलेरी और साहस दिखाना चाहिए &quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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