महाराष्ट्र के पुणे ज़िले के एक आदिवासी गांव में भूस्खलन के बाद मलबे में से दस लोगों को निकाला जा चुका है जबकि इसमें दबकर कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है.
ये हादसा पुणे से लगभग 100 किलोमीटर दूरी पर आंबेगांव तालुका में स्थित मालीण गांव में हुआ. ये गांव 50 मीटर के दायरे में फैला हुआ है.
इस गांव में करीब 70 घर बताए जा रहे हैं जिसमें से 50 घर भूस्खलन से प्रभावित हो गए हैं.
माना जा रहा है कि अब भी मलबे में 150 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं.
बुधवार सुबह क़रीब तीन बजे पहाड़ी का एक हिस्सा टूट कर गिर गया था.
गांव के ज़्यादातर मकान कच्चे थे जिनके कारण गांव वालों को निकलने का मौक़ा नहीं मिल सका.
एनडीआरएफ की टीम मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश कर रही है.
ये गांव हज़ारों टन मिट्टी, कीचड़ और पत्थर के मलबे में दब गया है.
भारी बारिश की वजह से राहतकर्मियों को काफी परेशानी आ रही है.
घटनास्थल पर भारी मशीनें और एम्बुलेंस भेजी गई हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार मानवरहित दो हवाई जहाज़ और एनडीआरएफ के क़रीब 400 कार्यकर्ता वहां राहत और बचाव के काम में जुटे हैं.
गांव में एक स्कूल को छोड़कर लगभग सब कुछ या तो बह गया है या मलबे में दबा हुआ है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों की मौत को दुखद बताया. गृहमंत्री राजनाथ सिंह घटनास्थल का दौरा करेंगे. राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने घटनास्थल का दौरा किया है
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