यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने देश के पूर्वी हिस्से में सक्रिय रूस समर्थक विद्रोहियों के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है.
दस दिन पहले मलेशिया एयरलाइंस का एक यात्री विमान पूर्वी यूक्रेन में हादसे का शिकार हुआ था.
यूक्रेन और पश्चिमी देशों का मानना है कि इस विमान को रूस समर्थक अलगाववादियों ने निशाना बनाया होगा.
विमान किस वजह से गिरा था, फोरेंसिक विशेषज्ञ इसकी पूरी पड़ताल अभी तक शुरू नहीं भी नहीं कर पाए हैं.
इस बीच नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया और मलेशिया ने पूर्वी यूक्रेन में जांचकर्ताओं की सुरक्षा के लिए एक संयुक्त सैन्य मिशन भेजने की योजना पर विचार किया है.
नीदरलैंड्स के प्रधानमंत्री मार्क रट सैन्य विशेषज्ञों के साथ इस बारे में विचार काफी विमर्श करने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि हालात पहले ही ख़तरनाक है और ऐसे में सैन्य मिशन भेजना आग में घी डालने जैसा हो सकता है.
इसबीच पूर्वी यूक्रेन में मौजूद अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें उस जगह तक जाने की अनुमति मिल जाएगी जहां मलेशिया एयरलाइन विमान हादसे में 298 लोग मारे गए थे.
इलाके में लड़ाई की वजह से नीदरलैंड्स के फॉरेंसिक विशेषज्ञों को वहां तक जाने का अपना कार्यक्रम आज स्थगित करना पड़ा.
डोनेत्स्क में ऑर्गेनाइजेशन फॉर सिक्योरिटी एंड कॉ-ऑपरेशन इन यूरोप यानी ओएस सीई के माइकल बोकियूर किव का कहना है कि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि पर्यवेक्षकों को घटनास्थल तक जाने का मौक़ा मिलेगा भी या नहीं.
इस पूरे मामले में चिंता और आशंका इस बात की है कि विमान हादसे के अहम सुबूत जांचकर्ताओं को हाथ नहीं लगेंगे, क्योकिं घटनास्थल, पृथकतावादियों के क़ब्ज़े में है.
ख़बर ये भी आई है कि रूस ने विमान हादसे की जांच के लिए विशेषज्ञों का एक दल बनाया है.
(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)