<p>कर्नाटक के रायचुर ज़िले के 12 साल के वेंकटेश को एक ऐसे काम के लिए सम्मानित किया गया है जिसे बड़े से बड़ा आदमी करने में घबराएगा. </p><p>दक्षिण भारत के कई इलाक़े इस समय बाढ़ग्रस्त हैं. इनमें से एक कर्नाटक राज्य भी है. </p><p>रायचुर का देवदुर्ग तालुका इस समय बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. इसी बाढ़ के दौरान वेंकटेश ने एक एंबुलेंस को रास्ता दिखाया और उसे पुल तक पहुंचाया. उस समय एंबुलेंस में कुछ मरीज़ और दो लाशें थीं. </p><p>कई लोगों की तरह वेंकटेश पुल के बगल में खड़े होकर पानी का बढ़ता स्तर देख रहे थे. </p><p>बढ़ते पानी के कारण ड्राइवर ने एंबुलेंस को खड़ा कर दिया था और उसे समझ नहीं आ रहा था कि कैसे पुल के पार जाना है. इस घटना के वीडियो के वायरल होने के बाद कई लोगों ने इस वीडियो को ट्वीट किया है.</p><p><a href="https://twitter.com/sanubsasidharan/status/1160251701745639432">https://twitter.com/sanubsasidharan/status/1160251701745639432</a></p><h1>’मेरे सीने तक पानी आ गया था'</h1><p>वेंकटेश ने बीबीसी हिंदी को बताया, "ड्राइवर पानी का स्तर नहीं जानता था. मैंने उनसे कहा कि मैं पुल की ओर दौडूंगा जिससे वह पानी की गहराई जान पाएंगे. तो इसलिए मैं पुल की ओर भागा."</p><p>एक सरकारी स्कूल में छठी कक्षा के छात्र वेंकटेश ने कहा, "मैं जितना भाग सकता था भागा और कई बार मेरे सीने तक पानी आया लेकिन मैं भागता रहा और एंबुलेंस मेरे पीछे-पीछे आती रही. मैं पुल के बारे में जानता हूं क्योंकि मैं स्कूल जाने के लिए उसे रोज़ पार करता हूं."</p><p>वेंकटेश का यह वीडियो वायरल हो गया है जिसमें स्थानीय लोग उसकी तारीफ़ कर रहे हैं और वह तकरीबन 100 मीटर तक भागते हुए एंबुलेंस को पुल पार करा रहा है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48774100?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पाकिस्तान की एक बहादुर लड़की की कहानी</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-tra-49129365?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">GPS से लैस क्यों हो रहे हैं स्पेन के चरवाहे?</a></li> </ul><h1>वेंकटेश पर उनकी मां चिल्लाई थीं</h1><p>वेंकटेश के बड़े भाई भीमराया हिरेरायानाकुम्पी ने कहा, "जब वह घर आया तो मेरी मां उस पर बहुत चिल्लाई लेकिन जब स्थानीय टीवी चैनलों ने वीडियो दिखाना शुरू किया तो उन्होंने उसकी तारीफ़ की."</p><p>वेंकटेश के इस काम से ख़ुश होकर श्रम विभाग के सचिव मणिवन्नन पी ने महिला एवं बाल विकास के निदेशक को ख़त लिखकर उसे ‘बहादुरी पुरस्कार’ देने की वकालत की है.</p><p>वहीं, सार्वजनिक निर्देश विभाग ने ख़ुद से पहल करते हुए वेंकटेश को स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित किया.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो सकते हैं.)</strong></p>
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बाढ़ में एंबुलेंस को रास्ता दिखाने वाला 12 साल का वेंकटेश
<p>कर्नाटक के रायचुर ज़िले के 12 साल के वेंकटेश को एक ऐसे काम के लिए सम्मानित किया गया है जिसे बड़े से बड़ा आदमी करने में घबराएगा. </p><p>दक्षिण भारत के कई इलाक़े इस समय बाढ़ग्रस्त हैं. इनमें से एक कर्नाटक राज्य भी है. </p><p>रायचुर का देवदुर्ग तालुका इस समय बाढ़ के पानी में डूबा हुआ […]
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