नयी दिल्ली: वानिकी में क्वालीफाइड छात्रों के पास फॉरेस्ट, कंजर्वेशन के अलावा अन्य कई अवसर हैं. लेकिन इन अवसरों की प्रकृति पंरपरागत वानिकी से कुछ हटकर है. जिस तरह से परिस्थितियां बदलीं हैं, बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में नौकरी की नई संभावनाएं पैदा होंगी. टिंबर टिंबर प्लांटेशन में कार्यरत कॉरपोरेट हाउस, फिल्म मेकिंग, कंसल्टेंसी फर्म्स इसके कुछ उदाहरण हैं.
वनों को सुरक्षित रखने की है बड़ी जिम्मेदारी
जंगल हमारे लिए एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन हैं. ये जैव तंत्र और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के साथ लोगों का जीवनस्तर उठाने में भी मदद करते हैं. लोगों को भी अब लगने लगा है कि यदि वन न रहे तो धरती पर जीवन खतरे में पड़ सकता है. इसके साथ ही वनों को सुरक्षित रखने की एक बड़ी जिम्मेदारी चुनौती बन कर लोगों के सामने खड़ी हो गई है. केन्द्र और प्रदेश सरकारें भी वनों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त फंड मुहैया करा रही हैं.
वनों के प्रबंधन एवं उनकी देखभाल के लिए फॉरेस्ट्री (वानिकी) प्रोफेशनल्स की विशेष दरकार होती है. इनके ऊपर देश की प्राकृतिक धरोहर एवं संपदा को बचाने की जिम्मेदारी है. इसके लिए उन्हें वन्य जीवों की रक्षा संबंधी चुनौतियों से भी दो-चार होना पड़ता है. आमतौर पर फॉरेस्ट्री एक ऐसा विज्ञान है, जिसके अंतर्गत जंगलों के विकास एवं उनकी देखभाल की रूपरेखा तय की जाती है. वनों की सुरक्षा और उन्हें विकसित करने के उद्देश्य से अब इसे एक स्थापित करियर का रूप दे दिया गया है.
बारहवीं के बाद मिल सकता है दाखिला
फॉरेस्ट्री में करियर बनाने के लिए न्यूनतम डिग्री साइंस विषयों में बारहवीं पास होना जरूरी है, तभी बीएससी में दाखिला मिल सकता है. बीएससी के पश्चात एमएससी में आसानी से प्रवेश मिल सकता है. कई ऐसे संस्थान हैं, जो पीजी डिप्लोमा इन फॉरेस्ट मैनेजमेंट का कोर्स कराते हैं. मास्टर के पश्चात छात्र चाहें तो एमफिल अथवा पीएचडी में रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
प्रमुख प्रशिक्षण संस्थान
डॉ. भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, आगरा
फॉरेस्ट्री रिसर्च इंस्टीटय़ूट, देहरादून
इंडियन इंस्टीटय़ूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट, भोपाल
वेबसाइट- http://iifm.ac.in/
बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, रांची
वेबसाइट- https://www.bauranchi.org/
कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियिरग एंड टेक्नोलॉजी, हिसार
कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री, केरल