11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अमरीका और रूस के बीच शुरू होगी हथियारों की होड़?

<figure> <img alt="रूस अमरीका" src="https://c.files.bbci.co.uk/9461/production/_108158973_46deb15f-6c97-4e56-8ca5-09562a4b8007.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>अमरीका, रूस के साथ किए परमाणु समझौते से बाहर आ गया है. इससे हथियारों की नई रेस शुरू होने का ख़तरा बढ़ गया है.</p><p>पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत नेता मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ के बीच 1987 में ये इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स ट्रीटी (आईएनएफ) हुई थी.</p><p>इसके तहत […]

<figure> <img alt="रूस अमरीका" src="https://c.files.bbci.co.uk/9461/production/_108158973_46deb15f-6c97-4e56-8ca5-09562a4b8007.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> </figure><p>अमरीका, रूस के साथ किए परमाणु समझौते से बाहर आ गया है. इससे हथियारों की नई रेस शुरू होने का ख़तरा बढ़ गया है.</p><p>पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और सोवियत नेता मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ के बीच 1987 में ये इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स ट्रीटी (आईएनएफ) हुई थी.</p><p>इसके तहत 500 से 5 हज़ार 500 किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइलों पर रोक लगा दी गई थी.</p><p>लेकिन इस साल की शुरुआत में अमरीका और नेटो ने रूस पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि वो नए तरीक़े की क्रूज़ मिसाइलें तैनात कर रहा है. हालांकि रूस ने इन आरोपों से इनकार कर दिया. </p><p>अमरीकियों के मुताबिक उनके पास सबूत हैं कि रूस कई 9M729 मिसाइलें तैनात कर रहा है. जिसे नेटो SSC-8 के नाम से जानता है. अमरीका ने ये आरोप अपने नेटो सहयोगियों के सामने भी रखे थे और उन्होंने भी अमरीका के दावों का समर्थन किया. </p><p>विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा, &quot;समझौते के ख़ात्मे के लिए सिर्फ़ रूस ज़िम्मेदार है.&quot; </p><p>रूस के विदेश मंत्री ने भी पुष्टि की है कि आईएनएफ़ संधि &quot;औपचारिक रूप से ख़त्म&quot; हो चुकी है. </p><figure> <img alt="रूस अमरीका" src="https://c.files.bbci.co.uk/E281/production/_108158975_17241142-260f-4901-b3fa-3fb6b116e7b1.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Reuters</footer> <figcaption>रूस की नई 9M729 मिसाइल से अमरीका और उसके सहयोगी चिंतित हैं</figcaption> </figure><h1>ख़तरें क्या हैं?</h1><p>बीते फ़रवरी में राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर रूस संधि का पालन नहीं करता तो दो अगस्त को वो इससे बाहर हो जाएंगे. </p><p>इसके कुछ देर बाद ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी संधि के प्रति देश की अपनी बाध्यताएं ख़त्म कर दीं. </p><p>संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने चेतावनी देते हुए कहा, &quot;परमाणु युद्ध पर लगा बहुमूल्य ब्रेक&quot; ख़त्म हो गया है. </p><p>उन्होंने कहा, &quot;इससे बैलिस्टिक मिसाइलों का ख़तरा बढ़ेगा ही, कम नहीं होगा. मैं सभी पक्षों से अपील करता हूं कि अंतरराष्ट्रीय हथियार नियंत्रण के लिए संधि पर कोई परस्पर हित वाला रास्ता निकाला जाए.&quot;</p><figure> <img alt="रूस अमरीका" src="https://c.files.bbci.co.uk/130A1/production/_108158977_2ad8d59e-1647-4542-8af2-24e9ac108615.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>सोवियत नेता मिख़ाइल गोर्बाचोफ़ और पूर्व अमरीकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन</figcaption> </figure><p>विश्लेषकों को डर है कि ऐतिहासिक संधि के टूटने से अमरीका, रूस और चीन के बीच नए हथियारों की होड़ बढ़ेगी. </p><p>रूस के एक सैन्य विश्लेषक ने एएफ़पी एजेंसी से कहा, &quot;अब जब संधि ख़त्म हो गई है, तो हम नए हथियारों को विकसित करेंगे. रूस तैयार है.&quot; </p><p>पिछले हफ्ते नेटो के सचिव ने बीबीसी से कहा था कि रूसी मिसाइलें – जो उनके मुताबिक संधि का साफ़तौर पर उल्लंघन करती हैं – वो परमाणु सक्षम हैं उनकी मौजूदगी का पता लगाना मुश्किल है, और ये कुछ ही मिनटों में यूरोपीय शहरों तक पहुंच सकती हैं.</p><p>उन्होंने इसे गंभीर मामला बताया था और कहा था, &quot;आईएनएफ़ ट्रीटी दशकों से आर्म्स कंट्रोल करने का काम करती रही है. और अब हम उसे ख़त्म होते हुए देखेंगे.&quot; </p><p>उन्होंने कहा था कि उन्हें नहीं लगता रूस समझौते का पालन करेगा और &quot;अब हमें एक बिना आईएनएफ़ संधि वाली दुनिया के लिए तैयार रहना चाहिए, जहां बहुत सी रूसी मिसाइलें होंगी.&quot;</p><p>नेटो सचिव ने कहा कि फ़िलहाल यूरोप में लैंड-बेस्ड न्यूक्लियर मिसाइलें तैनात करने की योजना नहीं है. लेकिन कन्वेंशनल एयर और मिसाइल डिफ़ेंस, नए अभ्यास और सुरक्षाबलों को तैयार रखने और हथियार नियंत्रण के नए तरीक़े खोजे जाएंगे. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44932748?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">रूस और अमरीका के बीच फंस गया है ईरान</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-43557561?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">किसकी सेना सबसे ताक़तवर- रूस या अमरीका? </a></li> </ul><p><strong>इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फ़ोर्स ट्रीटी</strong><strong> (आईएनएफ़) क्या है</strong><strong>?</strong></p> <ul> <li>अमरीका और सोवियत संघ के बीच यह संधि 1987 में हुई थी. इस आर्म्स कंट्रोल डील के तहत कम और मध्यम दूरी की सभी न्यूक्लियर और ग़ैर-न्यूक्लियर मिसाइलों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. इनमें समुद्र से लॉन्च होने वाले हथियार शामिल नहीं थे. </li> </ul> <ul> <li>दरअसल 1979 में अमरीका सोवियत संघ की SS-20 मिसाइल सिस्टम की तैनाती से चिंतित था. इसके जवाब में उसने भी यूरोप में क्रूज़ मिसाइलें तैनात कर दी थीं, जिसके चलते बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे. </li> </ul> <ul> <li>1991 तक क़रीब 2,700 मिसाइलें नष्ट कर दी गई थीं. </li> </ul> <ul> <li>दोनों देशों ने एक दूसरे की तैनातियों का निरीक्षण करने की इजाज़त दे दी थी. </li> </ul><figure> <img alt="रूस अमरीका" src="https://c.files.bbci.co.uk/4A29/production/_108158981_d9596aa8-05dc-4a61-b4d5-21738db4e03e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>कब से चीज़ें बिगड़ीं</h1><p>2007 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि ये संधि अब रूस के हित में नहीं रही. </p><p>ये अमरीकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के 2002 में एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल ट्रीटी से बाहर आने के बाद हुआ. जिसके तहत बैलिस्टिक न्यूक्लियर मिसाइलों से निपटने वाले हथियारों पर प्रतिबंध था. </p><p>2014 में जब रूस ने कथित रूप से ज़मीन से मार करने वाली क्रूज़ मिसाइल का टेस्ट किया तो, अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने रूस पर आईएनएफ़ संधि का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49006746?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अमरीका से तनाव पर क्या सोचते हैं ईरानी?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-48706732?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">ईरान ने अमरीका के सैन्य ड्रोन को मार गिराया</a></li> </ul><figure> <img alt="रूस अमरीका" src="https://c.files.bbci.co.uk/17EC1/production/_108158979_802e32ea-9e70-4b3a-9e37-b9e020d09fab.jpg" height="549" width="976" /> <footer>EPA</footer> </figure><p>लेकिन कहा जाता है कि यूरोपीय नेताओं के दबाव की वजह से उन्होंने संधि से बाहर ना होने का फ़ैसला किया. क्योंकि यूरोपीय नेताओं का कहना था कि इससे हथियारों की होड़ फिर से शुरू हो जाएगी. </p><p>पिछले साल नेटो ने अमरीका के आरोपों का समर्थन किया था और रूस पर औपचारिक तौर पर संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया था.</p><p>रूस ने आरोपों से इनकार किया और कहा कि ये संधि से बाहर आने का अमरीका का बहाना है. </p><p>रूस और अमरीका में बढ़ते तनाव के बीच पिछले महीने तुर्की को रूस से एस-400 मिसाइल डिफ़ेंस सिस्टम की खेप मिली. जबकि अमरीका इसका विरोध कर रहा था. </p><p>अमरीका ने चेतावनी दी की तुर्की रूस के डिफ़ेंस सिस्टम और अमरीका के एफ़-35 लड़ाकू विमानों को एकसाथ नहीं ले सकता.</p><p>तुर्की और अमरीका नेटो सहयोगी हैं, लेकिन तुर्की के रूस से ज़्यादा अच्छे संबंध हैं. </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong> </strong><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें