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माइक पोंपियो से मिले जयशंकर, कहा – कश्मीर पर कोई भी वार्ता केवल पाकिस्तान के साथ ही होगी

वॉशिंगटन/बैंकॉक : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश खारिज करते हुए भारत ने अमेरिका को शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय ही होगी. ट्रंप ने कहा था कि यदि भारत और पाकिस्तान […]

वॉशिंगटन/बैंकॉक : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कश्मीर मामले पर मध्यस्थता की पेशकश खारिज करते हुए भारत ने अमेरिका को शुक्रवार को यह स्पष्ट किया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय ही होगी.

ट्रंप ने कहा था कि यदि भारत और पाकिस्तान चाहेंगे तो वह कश्मीर मामले पर निश्चित ही हस्तक्षेप करेंगे. इसके कुछ ही घंटों बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपिओ को स्पष्ट तौर पर कहा कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई, तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और यह वार्ता द्विपक्षीय ही होगी. जयशंकर ने बैंकॉक में नौवें पूर्वी एशिया सम्मेलन विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर पोंपिओ से मुलाकात की. भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता संबंधी ट्रंप के विवादास्पद बयान के बाद दोनों अधिकारियों की यह पहली आधिकारिक बैठक है. ट्रंप ने हैरान करने वाला दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे कश्मीर मामले पर मध्यस्थता करने को कहा है जिसके बाद भारत में काफी राजनीतिक बवाल हुआ था.

सरकार ने जोर देकर कहा कि मोदी ने ट्रंप से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया. जयशंकर इस समय थाईलैंड की राजधानी में हैं. वह आसियान-भारत मंत्रिस्तीय बैठक, नौवें पूर्वी एशिया सम्मेलन में विदेश मंत्रियों की बैठक, 26वें आसियान क्षेत्रीय मंच और 10वीं मेकोंग गंगा निगम मंत्रिस्तरीय बैठक समेत कई सम्मेलनों में भाग लेने यहां आये हैं. जयशंकर ने ट्वीट किया, (अमेरिका के विदेश मंत्री) पोंपिओ से क्षेत्रीय मामलों पर विस्तृत वार्ता हुई. उन्होंने ट्वीट किया, अमेरिकी समकक्ष पोंपिओ को स्पष्ट रूप से यह बता दिया गया कि यदि कश्मीर पर किसी वार्ता की आवश्यकता हुई तो वह केवल पाकिस्तान के साथ होगी और द्विपक्षीय ही होगी.

इससे पहले ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि यदि भारत और पाकिस्तान चाहेंगे तो वह कश्मीर पर ‘निश्चित ही हस्तक्षेप करेंगे. ट्रंप ने कहा कि कश्मीर विवाद को सुलझाना भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करता है, लेकिन अगर दोनों दक्षिण एशियाई पड़ोसी देश इस दशकों पुराने मुद्दे को सुलझाने में उनकी मदद चाहेंगे तो वह इसके लिए तैयार हैं. कश्मीर पर मध्यस्थता की उनकी पेशकश को भारत की ओर से खारिज किये जाने पर पूछे गये एक सवाल पर ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, यह (मध्यस्थता की पेशकश स्वीकार करना) पूरी तरह प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) पर निर्भर करता है.

ट्रंप से जब भारत द्वारा मध्यस्थता की पेशकश खारिज किये जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस संबंध में जानने के लहजे में सवाल किया, उन्होंने पेशकश स्वीकार की या नहीं? ट्रंप ने कहा, मेरे विचार में वे बेहतरीन लोग हैं – मेरा मतलब खान और मोदी से है. मुझे लगता है कि दोनों के बीच इस पर अच्छे से बातचीत हो सकती है, लेकिन अगर वे चाहते हैं कि उनकी मदद के लिए कोई हस्तक्षेप करे और मैंने पाकिस्तान से भी इस बारे में बात की और भारत से भी. उन्होंने इस बात पर भी अफस‍ोस जताया कि कश्मीर मुद्दा लंबे समय से चल रहा है. ट्रंप ने कहा कि कश्मीर मुद्दा लंबे समय से जारी है. उन्होंने कहा, यह लड़ाई लंबे समय से जारी है.

ट्रंप ने जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से व्हाइट हाउस में पहली बार पिछले महीने मुलाकात की थी तब उन्होंने कश्मीर मामले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की थी. भारत सरकार ने ट्रंप के हैरान कर देने वाले इस दावे को खारिज कर दिया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे इस मामले पर मध्यस्थता करने कहा था.

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