पिछले दिनों ग्रेजुएट मैनेजमेंट काउंसिल (जीमैक) ने ग्रेजुएट मैनेजमेंट टेस्ट (जीमैट) के लिए नयी गाइड्स जारी की हैं. इसके आधार पर अब कैसा होगा जीमैट और क्या है इसका महत्व, इस पर विस्तार से जानकारी दे रहा है आलेख..
विदेश में पढ़ाई करने के लिए कौन-कौन से मुख्य टेस्ट होते हैं, इनके बारे में आपको पहले बताया जा चुका है. साथ ही एक टेस्ट विषय और प्रोग्राम स्तर के आधार पर देना होता है. जैसे सैट, सीआरइ या जीमैट. जीमैट यानी ग्रेजुएट मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट. इस टेस्ट को ऐसे छात्र देते हैं, जो विश्व के बेहतरीन विश्वविद्यालयों में बैचलर्स के बाद व्यापार की पढ़ाई करना चाहते हैं. यानी पोस्ट ग्रेजुएशन या मास्टर्स या पीएचडी स्तर पर बिजनेस स्टडी करना चाहते हैं.
जानें जीमैट को
जीमैट एक अंतरराष्ट्रीय टेस्ट है और इसे विश्व के लगभग 90 से भी अधिक देशों में संचालित किया जाता है. यह टेस्ट तीन घंटे 30 मिनट का होता है. इसमें कुल चार सेक्शंस होते हैं – एनालिटिकल राइटिंग एस्सेमेंट, इंटीग्रेटेड रीजनिंग, क्वांटिटेटिव और वर्बल.
सभी सेक्शन हैं अहम
एनालिटिकल राइटिंग एस्सेमेंट में पहले दो टॉपिक्स हुआ करते थे, लेकिन नये जीमैट में सिर्फ एक ही टॉपिक रखा गया है. इसमे छात्रों को एक आग्यरूमेंट का विेषण करना होता है. इसके लिए 30 मिनट का समय दिया जाता है.
इंटीग्रेटेड रीजनिंग एक नये तरह का सेक्शन है, जिसमें 30 मिनट के समय में 12 प्रश्नों का उत्तर देना होता है. इस सेक्शन के प्रश्न मल्टी-सोर्स रीजनिंग, ग्राफिक इंटरप्रेटेशन, दो-दो भागों में एनालिसिस पर आधारित होते हैं. त्नक्वांटिटेटिव सेक्शन के 37 प्रश्न 75 मिनट में करने होते हैं. इसमें डाटा सफिशिएंसी और प्रॉब्लम सॉल्विंग से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं.
वर्बल सेक्शन अंगरेजी का होता है, जिसमें 41 प्रश्न पूछे जाते हैं. इसके लिए 75 मिनट का समय मिलता है. इसके अंतर्गत रीडिंग कॉम्प्रीहेंशन, क्रिटिकल रीजनिंग और सेंटेंस करेक्शन के प्रश्न पूछे जाते हैं.
क्या है इसमें खास
जीमैट की फीस 250 अमेरिकी डॉलर होती है. इसका स्कोर आपको टेस्ट समाप्त होते ही पता चल जाता है. लेकिन आपके पास तक स्कोर कार्ड पहुंचने में लगभग एक महीने का समय लग जाता है. यह टेस्ट पांच वर्षो तक मान्य होता है. टेस्ट के बीच में दो ऑप्शनल ब्रेक मिलते हैं, जिसके कारण यह टेस्ट लगभग चार घंटे में पूरा होता है. यह एक कंप्यूटर आधारित टेस्ट है. इसके आधार पर छात्र हिंदुस्तान के भी श्रेष्ठ बिजनेस मैनेजमेंट स्कूल्स में आवेदन कर सकते हैं. जैसे हैदराबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस और कुछ आइआइएम के एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम्स के लिए इसे मान्यता दी गयी है.
विदेशों में है ज्यादा मांग
जीमैट अंतरराष्ट्रीय स्तर के ग्रेजुएट मैनेजमेंट स्कूल्स द्वारा सबसे अधिक स्वीकार किया जानेवाला टेस्ट है. लेकिन ग्रेजुएट रिकॉर्ड एग्जामिनेशन (जीआरइ) को भी कुछ बिजनेस स्कूल्स द्वारा जीमैट के स्थान पर मान्यता दी गयी है. यानी छात्र जीआरइ देकर भी एमबीए जैसे प्रोग्राम्स में विदेशी विश्वविद्यालयों में प्रवेश पा सकते हैं.
इसलिए यदि आप बिजनेस की पढ़ाई मास्टर्स या उच्च स्तर पर विश्व के श्रेष्ठ विश्वविद्यालय में करना चाहते हैं, तो जीमैट टेस्ट एक अच्छा विकल्प है.
बदलाव को जानें
जीमैट में इंटीग्रेटेड रीजनिंग का एक नया खंड जोड़ा गया है. इस सेक्शन को परीक्षा में शामिल करने से छात्र के अंदर से कुछ विशेष गुण को समझने में मदद मिलेगी. मसलन किसी ग्राफिक्स में संख्या के जरिए और कुछ लिखे हुए प्रारूप के आधार पर छात्र को विेषण करना होता है. साथ ही अपने अनुभवों और ज्ञान के आधार पर दिये गये डाटा का संबंध स्थापित करना और उनके द्वारा किसी समस्या का हल ढूंढ़ना होता है. इंटीग्रेटेड रीजनिंग या फिर पूरे जीमैट के बारे में विस्तृत जानकारी लेने के लिए और इसमें रजिस्टर करने के लिए www.mba.com को देखें.
फॉरेन एजुकेशन
अमरेश कुमार राय
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सलाहकार
ceo@raiaa.in