लाहौर : पाकिस्तान में भ्रष्टाचार रोधी निकाय ने अरबों रुपये के द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) आयात का ठेका देने से संबंधित एक मामले में गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को गिरफ्तार किया है.
राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के एक दल ने लाहौर के ठोकर नियाज बेग में अब्बासी की कार को रोका और उन्हें गिरफ्तार किया. अब्बासी ने पहले अपनी गिरफ्तारी का विरोध किया, लेकिन बाद में वे दल के साथ चले गये. अब्बासी अगस्त 2017 से मई 2018 के बीच प्रधानमंत्री रहे थे. वह इस्लामाबाद से यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने आये थे, लेकिन कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. एनएबी कतर से एलएनजी आयात किये जाने से जुड़े एक ठेके के वितरण में हुए कथित भ्रष्टाचार की जांच कर रहा है. यह मामला तब का है जब अब्बासी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक संसाधन मंत्री थे.
अब्बासी ने आरोपों से इनकार किया है और कहा कि वह अदालत में अपनी बेगुनाही साबित करेंगे. उन्हें हिरासत में लिये जाने के लिए एनएबी अदालत में पेश किया जायेगा जिससे आगे की जांच हो सके. इससे पहले ब्यूरो ने उन्हें मामले में पेश होने के लिए समन किया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे. प्रधानमंत्री इमरान खान लाहौर में हैं और विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने आरोप लगाया कि अब्बासी की गिरफ्तारी सीधे खान के आदेश पर हुई है. पीएमएल-एन अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने कहा, हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा करते हैं क्योंकि इमरान खान, नियाजी सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डालना चाहते हैं. उन्होंने कहा इमरान खान और एनएबी के बीच नापाक गठजोड़ है.
बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने फैसला किया है कि बीते दस सालों में देश पर शासन करने वालों ने जिस तरह की शाहखर्ची की थी, उनसे उस धन की वसूली की जायेगी. इसे लेकर कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया था और इसकी जानकारी मीडिया को प्रधानमंत्री की सूचना एवं प्रसारण मामलों की सलाहकार फिरदौस आशिक अवान और संचार मंत्री मुराद सईद ने दी थी.
अवान ने कहा था, कैबिनेट ने बीते दस सालों में कर्ज में डूबे देश के पूर्व शासकों पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और ममनून हुसैन व पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, यूसुफ रजा गिलानी, राजा परवेज अशरफ और शाहिद खाकान अब्बासी की सुरक्षा, इनके मनोरंजन और कैंप आफिसों पर अवाम के पैसों के बेदर्दी से हुए खर्च पर गहरी चिंता जतायी है. कैबिनेट ने फैसला किया कि इन पूर्व शासकों की अय्याशियों और शाही खर्चे पर इस्तेमाल हुए जनता के टैक्स की भरपाई इनसे वसूली कर की जायेगी.