वाशिंगटन/नयी दिल्ली : भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान से आशा करता है कि वह एफएटीएफ कार्य योजना को सितंबर तक प्रभावी तरीके से लागू करेगा. पाकिस्तान की धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवाद तथा टेरर फंडिंग संबंधी वैश्विक चिंताओं को दूर करने के लिए ठोस, सत्यापन योग्य और प्रभावी कदम उठायेगा. ऐसा नहीं करने पर उसे ‘काली सूची’ में डाल दिया जायेगा.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान को आतंकी गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाना चाहिए. बता दें कि टेरर फंडिंग पर नजर रखने वाली 38 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद समेत अन्य आतंकी समूहों का वित्त पोषण रोक पाने में असफल रहने पर पाकिस्तान को ‘ग्रे सूची’ में रखने का फैसला किया है.
साथ ही संस्था ने कहा है कि पाकिस्तान टेरर फंडिंग को रोकने में नाकाम रहा है. उसने चेतावनी देते हुए पाकिस्तान को 27 सूत्री कार्ययोजना लागू करने के लिए सितंबर तक का वक्त दिया है. संस्था ने कहा है कि यदि वह सितंबर तक अपने वादों को पूरा नहीं करता है, तो उसे नतीजे भुगतना होंगे. इसके तहत पाकिस्तान को ब्लैकलिस्टेड कर दिया जायेगा.
पाक ने भारत पर लगाया राजनीतिकरण का आरोप
पाकिस्तान ने भारत के ऊपर एफएटीएफ की प्रक्रिया का राजनीतिकरण करने का शनिवार को आरोप लगाया. पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने एफएटीएफ की हाल ही में हुई बैठक में संकुचित और पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा कि हम एफएटीएफ की रिपोर्ट से संबंधित भारत के बयान को निरर्थक और अवांछनीय मानते हैं. यह एफएटीएफ के निर्णय को अपने संकुचित और पक्षपातपूर्ण उद्देश्यों के लिए राजनीतिक बनाने के भारत के प्रयासों का एक नया उदाहरण है.