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गुजरात जल संकट: जहां शादी के मुहूर्त पानी के टैंकर के हिसाब से तय होते हैं

<figure> <img alt="जोलाया गांव" src="https://c.files.bbci.co.uk/10801/production/_107258576_e96655af-6c86-4fc6-8b80-b21d393c524e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>जलोया गांव का पशुपालक परिवार.</figcaption> </figure><p>हिंदू सनातन पद्धति में शादी का मुहूर्त पंडित निकालते हैं लेकिन उत्तर गुजरात के भारत-पाकिस्तान सरहद के पास के गांव भाखरी में पानी के टैंकर के हिसाब से मुहूर्त निकाला जाता है.</p><p>पूरे राज्य में जल संकट के बीच भाखरी गांव का […]

<figure> <img alt="जोलाया गांव" src="https://c.files.bbci.co.uk/10801/production/_107258576_e96655af-6c86-4fc6-8b80-b21d393c524e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>जलोया गांव का पशुपालक परिवार.</figcaption> </figure><p>हिंदू सनातन पद्धति में शादी का मुहूर्त पंडित निकालते हैं लेकिन उत्तर गुजरात के भारत-पाकिस्तान सरहद के पास के गांव भाखरी में पानी के टैंकर के हिसाब से मुहूर्त निकाला जाता है.</p><p>पूरे राज्य में जल संकट के बीच भाखरी गांव का इकलौता तालाब सूख चुका है.</p><p>इंसान या पशु के पीने के लिए पर्याप्त पानी यहां नहीं है. सूखे तालाब के किनारे खड़ा ये पेड़ ऐसे कई सूखे में गांव में हुई शादियों का गवाह है. </p><p>पिछले कई सालों से स्थिति ऐसी है कि शादी के सीज़न और सूखा यहां एक साथ आता है. शादी में पानी के लिए टैंकर पर निर्भर रहना पड़ता है. </p><p>भाखरी गांव के पीराभाई जोशी के मुताबिक, गांव में अगर शादी हो तो 25 किमी दूर से पानी का टैंकर लाना पड़ता है.</p><p>वे कहते हैं, &quot;एक टैंकर के 2,000 रुपये लिए जाते हैं. अगर तीन चार टैंकर मंगवाएं तो 8 हज़ार खर्च हो जाता है.&quot;</p><p>वे कहते हैं कि शादी के काम में टैंकर को तरजीह दी जाती है. अगर टैंकर नहीं मिलेगा तो शादी करना मुमकिन नहीं होगा इसलिए कभी कभी 40-50 किमी दूर से भी टैंकर लाना पड़ता है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-41299360?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’पीएम मोदी ने नर्मदा नदी की मृत्यु का उत्सव मनाया'</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48135463?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">गुजरात के किसानों पर दर्ज़ केस वापस लेगी पेप्सिको इंडिया</a></li> </ul><figure> <img alt="सूखा" src="https://c.files.bbci.co.uk/15621/production/_107258578_99dd317d-97ca-43ff-a358-41e4e5194aed.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><strong>मुहूर्त</strong><strong> से पहले टैंकर </strong><strong>का इंतज़ाम</strong></p><p>बीबीसी गुजराती की टीम जब पहुंची तो गांव में अमराजी के घर पर शादी थी. उनके घर में पीने और खाना बनाने के लिए बाहर से पानी मंगवाया गया था. </p><p>गांव के भीखाभाई बताते हैं कि पीने के लिए ही नहीं शादी में खाना बनाने के लिए भी मीठा पानी चाहिए.</p><p>ये रेगिस्तान का इलाका है, यहां पर मीठा पानी मिलना बहुत मुश्किल है.</p><p>&quot;अगर घर में बड़ा कार्यक्रम हो तो 10 टैंकर और अगर छोटा मोटा हो तो पांच टैंकर लग ही जाते हैं. मतलब कि एक मंडप जितना खर्च तो पानी पर ही हो जाता है.&quot; </p><p>गांव में कैटरिंग का काम करने वाले अल्केश जोशी कहते हैं, &quot;यहां शादी की तारीख तय करने से पहले पानी का टैंकर तय किया जाता है. बिना टैंकर के यहां शादी नहीं होती है.&quot; </p><p>भारत पाकिस्तान की सीमा पर आखिरी गांव जलोया है. इसके उप सरपंच विजय सिंह डोड़िया कहते हैं, &quot;हमारे गांव में भी दूसरे गांवों की तरह शादी में पानी बाहर से मंगवाना पड़ता है और खर्च भी बढ़ जाता है.&quot; </p><p>भाखरी गांव के पूर्व सरपंच पूंजीराम जोशी कहते हैं, &quot;जाड़े में पानी मिल जाता है लेकिन गर्मियों में इसकी भारी किल्लत हो जाती है. इस साल सूखे के चलते यहां काफ़ी लोगों ने खेती नहीं की है.&quot; </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/vert-earth-48439039?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">जहां होती है हीरे की बारिश!</a></li> <li><a href="http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2016/04/160420_india_drought_millions_people_affected_cj?xtor=AL-%5B73%5D-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भारत में हर चौथा आदमी सूखा पीड़ित</a></li> </ul><figure> <img alt="भाखरी गांव" src="https://c.files.bbci.co.uk/5831/production/_107277522_3b8fcc5e-c635-474a-b538-845577860dc0.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> <figcaption>भात पाकिस्तान सीमा से 37 किमी दूर स्थित भाखरी गांव.</figcaption> </figure><h1>सूखा ज़िंदगी का हिस्सा</h1><p>दशकों से ये इलाक़ा सूखाग्रस्त रहा है. ये बात इनकी संस्कृति और रहन सहन में भी दिखाई देती है. </p><p>गांव के लोग बताते हैं कि यहां पर ज़्यादातर लोग गर्मी का मौसम ख़त्म होने के बाद ही शादी ब्याह करते हैं. </p><p>तब शादी का सीज़न भी चला गया होता है, लेकिन पानी की मुश्किल नहीं रहती और टैंकर के दाम भी कम हो जाते हैं. </p><p>पानी की व्यवस्था की वजह से गांव के लोग गायों को गौशाला में छोड़कर आते हैं. </p><h1>एक ही घाट पर जानवर और इंसान</h1><p>भारत पाकिस्तान सीमा पर स्थित ये दोनों गांवों में दोपहर को 45 डिग्री तापमान में कच्ची सड़कों पर महिलाएं घड़े लिए जाती हुई दिखाई देती हैं. </p><p>पानी भरने के लिए आई दिवाली बहन कहती हैं, &quot;पानी आया है, पता चलते ही हम खाना बनाना छोड़ कर यहां आ गए हैं. दो तीन दिन में एक बार 15 मिनट के लिए पीने का पानी आता है. जितना बन पड़ता है भर लेते हैं.&quot;</p><figure> <img alt="सूखा" src="https://c.files.bbci.co.uk/2189/production/_107258580_03e69f96-8a62-41dd-989b-82b89567e982.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>इस गांव के ज्यादातर घरों में नल है लेकिन पानी बहुत कम ही आता है. </p><p>इन हालात में ज़रूरत पड़ने पर महिलाएं जहां पर जानवर पानी पीते हैं उसी हौज से पानी भरती हैं. </p><p>गांव की लक्ष्मी बहन कहती हैं, &quot;जहां से जानवर पानी पीते हैं, वहीं से ज़रूरत के समय पानी भर लेते हैं. इससे लोग बीमार भी होते हैं.&quot; </p><p>65 साल के आवी बहन कहती हैं, &quot; इस बार इतना सूखा पड़ा है कि तालाब में दरारें आ गई हैं. इंसान तो फिर भी ज़िंदा है, पशु मर रहे हैं. &quot; </p><h1>भैंसों का कोई रखवाला नहीं</h1><p>उपसरपंच विजय सिंह डोड़िया कहते हैं, &quot; इस साल सूखा पड़ा है, लेकिन पूछने कोई नहीं आया न खेत में कुछ उगा है, जानवर भी मर रहे हैं. गायों को गौशाला में छोड़ दिया है लेकिन भैंस और भेड़ बकरियों को मरने के लिए छोड़ दिया गया है.&quot; </p><p>जलोया और भाखरी गांव में पशुपालन पर निर्भर परिवारों की एक बड़ी तादाद है. सूखे की वजह से इनकी स्थिति दयनीय हो गई है. </p><p>बनासकांठा के थराद से भारत पाकिस्तान की सीमा की ओर आगे जब हम आगे बढ़े तो हमें रास्तों के दोनों ओर मरे हुए जानवर दिखाई दिए. </p><p>यहां से सात किमी आगे चलते ही, रात के अंधेरे में पाकिस्तान के गांव की छोटी बत्तियां दिखाई देने लगती हैं. </p><figure> <img alt="भैंसे" src="https://c.files.bbci.co.uk/A651/production/_107277524_84940324-ea81-41ac-9b60-e198bbd8f42e.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>पहले, यहां के लोग जानवरों को चराते हुए पाकिस्तान की सीमा तक पहुंच जाते थे, लेकिन तारबंदी के बाद यह कम हो गया है. </p><p>विजय सिंह कहते हैं कि ‘हम पाकिस्तान के पास हैं और यह रेगिस्तान का इलाका है इसलिए यहां पर उद्योग धंधे नहीं हैं और हमें पशुपालन पर ही निर्भर रहना पड़ता है.’ </p><p>इस गांव में सरहद देखने की साइट 30 किमी दूर है. वहां तक जाने के लिए पक्के रास्ते हैं लेकिन इस गांव में अभी कोई रास्ता नहीं है. </p><p>विजय सिंह कहते हैं कि ‘हमें चारा लेने के लिए यहां से 30 किमी दूर जाना पड़ता है और दूध भी आधा ही मिलता है.’ </p><figure> <img alt="सूखा" src="https://c.files.bbci.co.uk/F471/production/_107277526_005df62b-acff-4ff2-9123-49f70894b5a8.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>इस गांव के मेघजी रबारी कहते हैं, &quot;हमारे लिए ये जानवर हमारे बच्चे जैसे हैं. सरकार गाय और भैंस के लिए चारा देती है लेकिन भेड़ बकरियों के लिए कुछ नहीं मिलता है.&quot; </p><p>गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने पत्रकारों के साथ बात करते हुए कहा था कि ‘पाकिस्तान सीमा के पास के गांवों में पानी पहुंचाने के लिए लाइन का काम चल रहा है, वो ख़त्म होते ही, पानी की समस्या हल हो जाएगी.’ </p><p>उन्होंने कहा था कि इस साल उत्तर गुजरात के बांध और झीलों में पिछले साल के मुकाबले कम पानी है. </p><p>पाइपलाइन के बनने तक गांव के लोगों और जानवरों के लिए पानी सपना ही है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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