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समझदारी से दें महंगाई को मात

अच्छे दिन लाने के वादे के साथ बनी मोदी सरकार ने इस सप्ताह अपना पहला बजट पेश किया. इसमें घरेलू उपयोग की कुछ चीजों को सस्ता करने के साथ आयकर में भी राहत दी गयी है, लेकिन यह राहत महंगाई से जूझनेवाली घरेलू महिलाओं के लिए काफी नहीं. हालांकि, कुछ समझदारी और सही प्लानिंग के […]

अच्छे दिन लाने के वादे के साथ बनी मोदी सरकार ने इस सप्ताह अपना पहला बजट पेश किया. इसमें घरेलू उपयोग की कुछ चीजों को सस्ता करने के साथ आयकर में भी राहत दी गयी है, लेकिन यह राहत महंगाई से जूझनेवाली घरेलू महिलाओं के लिए काफी नहीं. हालांकि, कुछ समझदारी और सही प्लानिंग के जरिये महिलाएं महंगाई को मात देकर अपने घर के बजट को संतुलित कर सकती हैं. आइए जानें..

घर का बजट महिलाओं के हाथों में ही होता है. वे ही निर्णय ले सकती हैं कि किस तरह कम पैसों में भी अपने घर का बजट संभाला जा सकता है. आप किस तरह महंगाई को मात देकर अपने घर को सुचारू रूप से चला सकती हैं, जानते हैं अनुप्रिया के इस लेख में..

प्राथमिकता तय करें
अपने परिवार का बजट तैयार करने से पहले प्राथमिकताएं सुनिश्चित करें. अपने खान-पान की चीजों में दाल, चावल, आटा और जो बेसिक जरूरतें हैं, उनमें कटौती करने के बारे में बिल्कुल न सोचें. प्राथमिकता का मतलब ही यही है कि पहले ये चीजें पूरी हो जायें. हां, खान-पान में जो चीजें अनिवार्य नहीं, उन पर खर्च न करें. कई बार हम जरूरत से ज्यादा अचार, जैम, सॉस व पापड़ खरीद लेते हैं और एक वक्त के बाद वे बर्बाद हो जाते हैं. ऐसी चीजें जरूरत के हिसाब से ही लें. एक्सपायरी डेट को ध्यान में रखते हुए चीजें खरीदें, ताकी वे जल्दी खराब न हों.

बिजली, पानी, गैस, फोन, स्कूल आदि के बिल जमा कर दें. इसके बाद गौर करें कि आप अगले माह इन खर्चो को कैसे कम कर सकती हैं. बिजली की बचत करने के लिए योजना जरूर बनाएं. घर में जहां जरूरत न हो, वहां बिजली का इस्तेमाल न करें.

ख्याल रखें बच्चों की पसंद-नापसंद का
घर के बड़े इस बात को समझ जाते हैं कि महंगाई दिन ब दिन बढ़ रही है. इसी के चलते बड़े कई चीजों में कटौती करने के लिए राजी हो जाते हैं, लेकिन बच्चे कई बार जिद्द पर अड़ जाते हैं और वे नहीं मानते. ऐसे में बच्चों को खुश रखने के लिए ऐसा रास्ता निकालें, जिससे ज्यादा खर्च भी न हो और बच्चों की बात भी रह जाये. स्कूल के लंचबॉक्स में उन्हें उनकी पसंद का खाना दें, ताकि वे बाहर का खाना न खाएं. पति को भी हर दिन लंचबॉक्स दें. परिवार के सदस्य यदि आये दिन बाहर का खाना खाते हैं, तो बजट बिगड़ने के साथ परिवार के सदस्यों की सेहत भी खराब हो सकती है. सेहत खराब होगी तो डॉक्टर के खर्च बढ़ेंगे सो अलग.

कैसी हो मेहमाननवाजी
इस बात का खास ख्याल रखें कि आपको अपने बजट में ही घर में आनेवाले मेहमानों का स्वागत करना है. कई बार हम मेहमानों को खुश करने के लिए फिजूलखर्ची शुरू कर देते हैं. दिखावे के चक्कर में कभी भी अत्यधिक खर्च न करें. आप अपनी हैसियत और जरूरत के अनुसार ही मेहमाननवाजी करें. कोशिश करें कि सबके साथ मिल कर होटल जैसे व्यंजन घर में ही बनाएं.

होलसेल से करें सामान की खरीदारी
कई बार हम घर में राशन की खरीददारी खुदरा करने लगते हैं, जबकि खुदरा सामान खरीदने में ज्यादा पैसे खर्च होते हैं. बेहतर होगा यदि आप पूरे महीने के राशन की लिस्ट बना कर होलसेल मूल्य पर बेचनेवाली दुकानों से खरीदारी करें. इससे आप खुद देखेंगी कि आपके बजट में कितना फर्क आता है और आप कितने पैसे बचा लेती हैं.

खर्चो पर कड़ी निगरानी जरूरी
घर के खर्चो पर कड़ी निगरानी रखने के लिए अपने हर दिन के बजट पर ध्यान दें. हर दिन आप और परिवार के अन्य सदस्य कितना खर्च करते हैं, इसका पूरा हिसाब लिखें. देखें कि कहां बचत की जा सकती है.

कॉस्ट कटिंग
फैमिली बजट को दुरुस्त करने के लिए कॉस्ट कटिंग करना बेहद जरूरी है. आपको टीवी पर दिखाये जानेवाले विज्ञापनों से प्रभावित होने की जरूरत नहीं हैं. आप अपनी समझदारी का ख्याल रखें. ऐसी चीजें, जो बिना इस्तेमाल के भी आपके घर में एक से अधिक रहती है, उन्हें खरीदना बंद करें. अगर शादी-विवाह का मौसम नहीं हैं और किसी पार्टी फंक्शन में नहीं जाना है तो महंगे कपड़ों की खरीदारी से बचें. जरूरत के मुताबिक ही कपड़े खरीदें. ध्यान रखें कि कॉस्ट कटिंग का मतलब यह बिल्कुल नहीं कि आप अपनी इच्छाओं की बलि चढ़ा दें या परिवार के साथ इंज्वॉय करना छोड़ दें. कॉस्ट कटिंग का मतलब यह है कि आप किस तरह स्मार्टली अपनी जिंदगी सुचारु रूप से संचालित भी कर लें और आपका बजट भी न बिगड़े.

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